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Friday, 15 January 2016

भगवान एक या अनेक

किलाफिस शहर के बीचो बीच एक मंदिर था. मंदिर के बाहर एक महापुरुष भगवान के बारे में उपदेश दिया करते थे. बहुत से भगवानों की कथाएँ और वंदना किया करते थे. कुछ लोग उन्हें सुनते थे, कुछ नज़रंदाज़ कर देते थे और कुछ कहते थे की इन भगवानों के बारे में हमें पता है और उन भगवानों का आशीर्वाद हमारे साथ दिन रात है.

कुछ समय बाद उसी किलाफिस शहर में एक और महापुरुष आये और जनता को संबोधित करते हुए बोले कि भगवान या देवता का अस्तित्व नहीं है. कुछ लोगों ने उनके प्रवचन सुने, कुछ ने नज़रंदाज़ कर दिया और कुछ ने कहा ये महापुरुष  ठीक ही कहते होंगे क्यूंकि देवता ज्यादा होने से भी तो डर लगता है.

कुछ समय बाद उसी शहर किलाफिस में एक और महापुरुष पधारे और प्रवचन देने लगे कि भगवान केवल एक ही है. कुछ ने उन्हें सुना, कुछ ने अनसुना कर दिया और कुछ लोगों को डर लगा कि अब तो एक ही भगवान का फैसला मानना पड़ेगा. 

कुछ समय बाद किलाफिस शहर में एक और महापुरुष पधारे. जनता को संबोधित करके बोले भगवान तीन हैं और उनकी संगिनी बड़े दिल वाली करुणामयी माँ भी उनके साथ ही रहती है. उन सब का एक ही वाहन है वायु. कुछ ने सुना, कुछ ने नहीं और कुछ लोगों को सांत्वना मिली कि करुणामयी माँ भी साथ है. माँ जरूर गरीबों और बेसहारों को सहारा देगी.

पर आज भी शहर किलाफिस में बहुत से निवासी इस बहस में उलझे रहते हैं कि भगवान एक है या भगवान अनेक हैं या भगवान है ही नहीं या फिर भगवान तीन हैं जिनके साथ करुणामयी माँ है. 



यह किस्सा खलील जिब्रान की एक कहानी God & many Gods पर आधारित है जो उनके कहानी संग्रह The Wanderer में प्रकाशित हुआ है. जिब्रान का अरबी नाम जिब्रान खलील जिब्रान था और उनका जन्म लेबनान में 1883 हुआ. 12 वर्ष की आयु में माता पिता के साथ न्यू यॉर्क चले गए थे और वहीं बस गए थे. उनकी मृत्यु न्यू यॉर्क में 1931 में हुई और उनकी इच्छानुसार उन्हें लेबनान में 1932 दफनाया गया. वो एक कलाकार, चित्रकार, कवि, दार्शनिक और लेखक थे. उनकी बहुत सी रचनाओं में से विशेष हैं : The Prophet और  Broken Wings.


1 comment:

Anonymous said...

https://jogharshwardhan.blogspot.com/2016/01/blog-post_15.html