मेरठ कैंट में एक वेस्ट एंड रोड है जिसके एक तरफ चार पांच बड़े बड़े स्कूल हैं और दूसरी तरफ कुछ रिहायशी मकान और एक मस्जिद है. वहां से जब भी गुज़रना हुआ तो मस्जिद पर लगा हुआ नाम पढ़ा मस्जिद पीटर वाली तो अजीब सा लगा कि पीटर तो किसी ईसाई का नाम है फिर मस्जिद पीटर के नाम पर कैसे?
मस्जिद के दरवाज़े के ऊपर एक संगमरमर के पत्थर पर लिखा है 'मस्जिद पीटर दर्जी वाली'. ना जाने कौन थे और कब रहे होंगे ये पीटर दर्जी? इन्टरनेट पर सुन्नी बोर्ड( upscwb.org ) भी तलाशा पर इस मस्जिद का रिकॉर्ड नज़र नहीं आया.
एक दिन गाड़ी रोक कर दुकान में पूछा तो पप्पू भाई ने बताया कि उनका परिवार 1978 से ये दुकान किराये पर चला रहा है. बहुत से लोग यही सवाल पूछते हैं पर उन्हें पीटर के बारे में जानकारी नहीं है. इस मस्जिद को वैसे पीतल वाली मस्जिद भी कहते हैं क्यूंकि बुर्जियों पर पीतल लगा हुआ है. पप्पू भाई ने बताया कि आजकल जो मौलवी हैं वे बिहार से आए हुए हैं इसलिए उन्हें भी पता नहीं होगा.
बहरहाल पीटर दर्जी का राज़ खुला नहीं खोज जारी है. आपको कुछ खबर हो तो बताएं.
|
मस्जिद पीटर वाली |
|
पीतल वाली मीनार |
|
मस्जिद के अंदर पप्पू भाई के साथ |
|
'मस्जिद पीटर दर्जी वाली' |
1 comment:
https://jogharshwardhan.blogspot.com/2017/09/blog-post_5.html
Post a Comment