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Monday, 24 August 2015

मसला मेज का

नेता लोगों का किस्सा कुर्सी का चलता है और हमारा मसला मेज का चल पड़ा है. दरअसल रिटायर होने के बाद समय काफी होता है और अखबार 10 - 15 मिनट में चाय के साथ ही समाप्त हो जाता है. अगर आप मोदी भक्त, कांग्रेस भक्त, या किरकिट भक्त नहीं हैं तो अखबार में आप के लिये छोटा सा रह जाता है. इसमें से कुछ हिस्सा 'आप' सपा, बसपा, का भी निकाल दें तो बाकी बचे अखबार में आतंकवाद, मर्डर, हड़ताल और दुर्घटनाएँ बचती है वो आप कितना पढ़ लेंगे?

इसलिए विचार आया कि पढने के बजाय लिखना चाहिए. अगर लिखना है तो सोशल मीडिया में प्रकाशित भी करना चाहिए ताकि वाह वाही भी मिले. इसलिए सब जगह याने फेसबुक, ट्विटर वगैरा में बच्चों, दोस्त यारों से सहायता लेकर खाते भी खोल दिए. ओर आप जाणो बढ़िया बढ़िया फोटू खेंच कर डाल दिए भाया !

अब और क्या करना था बस लिखना ही तो था. लैपटॉप सजाया डाइनिंग टेबल पर लेकिन पूरा चार्ज नहीं था. चार्जर की तार लगाई तो डाइनिंग टेबल की एक साइड ब्लाक हो गई. खैर बैठ गए कंप्यूटर देवता के सामने. लैपटॉप हमें देखे और हम लैपटॉप को. वो पूछ रहा है क्या लिखना है और हम भी यही सोच रहे हैं क्या लिखना है? इस उधेड़बुन में थे की आवाज़ आ गई :
- ओहो ये डाइनिंग टेबल पर क्यूँ बैठ गए? अरे ये तारें भी फैला दी. यहाँ न बैठो प्लीज़.
- ओके ओके.

चार्जर की तार निकली, लैपी उठाया और ड्राइंग रूम में अड्डा जमाया. सेंटर टेबल पर लैपी रखा, तार जोड़ी और श्रीगणेश करने की कोशिश की. सोफे पर बैठ कर सेंटर टेबल पर लिखना मुश्किल लग रहा था. सेटिंग जम नहीं रही थी. तब तक आवाज़ आई:
- यहाँ बैठोगे? लगातार यहाँ बैठना तो ठीक नहीं.
- मुझे भी यही लग रहा है.

जब बैंक में नौकरी शुरू की थी तो मेज न होकर काउंटर पर काम करना होता था. अधिकारी बने तो छोटी मेज मिली. मैनेजर बने तो बड़ी मेज मिली. चीफ मैनेजर बने तो और बड़ी मेज मिली और साथ में एक बड़ा केबिन भी मिला. जब एक्स-चीफ मैनेजर बने तो केबिन छोड़िये मेज छोड़िये एक छोटा स्टूल मिलना मुश्किल हो गया. इसीलिए तो यह मुद्दा-ए-मेज पर चिट्ठा लिखना पड़ा !

मेज भी तो कई प्रकार के हैं - छोटा, बड़ा, ऊँचा, नीचा, लम्बा वगैरा. गांधी जी को डांडी यात्रा के बाद फिरंगियों ने गोल मेज सभा में बुलाया. तीन बार लन्दन में गोल मेज सभाएं हुईं. और गोल मेज पर ही आज़ादी की बातें शुरू हुई. ये गोल मेज थी भी लकड़ी की इसलिए इको-फ्रेंडली भी थी. तो देखिये गोल मेज की कितनी महत्ता है बस पूजनीय समझिये !

और सबसे लम्बा मेज ? 05-07-2015 को जेद्दा, सऊदी अरब में इफ्तार पार्टी के लिए बनाया गया. इसकी लम्बाई 1508 मीटर थी जो की एक गिनेस रिकॉर्ड है.

पर हमारे लिए तो स्टोर के किसी कोने से और ही किस्म की मेज खोज निकाली गई:-

मेज-ए-चिट्ठाकार 


1 comment:

Harsh Wardhan Jog said...

https://jogharshwardhan.blogspot.com/2015/08/blog-post_87.html