साहब के टेबल पर डाक रख दी गई थी. साहब एक एक लिफाफा उठाते, आगे पीछे पलट कर देखते, फिर लकड़ी के चाकू से लिफाफा खोलते और चिठ्ठी पर कुछ नोटिंग लिख देते थे. लिफाफे ख़त्म हुए तो फिर नंबर आया एक मैगज़ीन का. मैगज़ीन के पन्ने उलटे पलटे कुछ फोटो देखीं और घंटी बजा दी.
- जी साब ?
- ड्राईवर को भेजो.
ड्राईवर आया.
- जी साब ?
- ये मैगज़ीन घर पर दे आओ.
चालीस मिनट बाद ड्राईवर फिर आया.
- जी साब मैगज़ीन दे आया. मेम साब ने ये पर्ची दी है.
साहब ने पर्ची पढ़ी और पांच सौ का नोट निकाल कर दिया.
- जाओ सामान ले लो और घर पर दे आओ.
साहब से आपका परिचय करा दूं ? गोयल साब हमारे रीजनल मैनेजर हैं. पूरे का पूरा झुमरी तल्लैय्या का इलाका इनके अंडर आता है. बड़े हाकिम हैं दस करोड़ का लोन तो चुटकी बजाते ही कर देते हैं. इसीलिए तो बैंक से कार मिली हुई है और साथ में ड्राईवर भी मिला हुआ है. लगभग 58 साल की उमर, सांवला रंग और मटके सा पेट. बियर के शौक़ीन हैं शायद इसलिए पेट मटकाकार हो गया है. सिर के बाल उड़ चुके हैं केवल किनारे किनारे एक झालर बची हुई है. उस झालर पर कभी-कभी कलर कर लेते हैं और दिन में सात आठ बार कंघी फेर लेते हैं. प्यार से उन्हें कुछ लोग टकला कह देते हैं कुछ गोलू भी कह देते हैं. पर ये प्यार मोहब्बत की बात आप अपने तक ही रखें क्यूंकि बॉस तो बॉस ही होता है क्या पता कब भड़क जाए.
आप का परिचय साहब के ड्राईवर तेजबीर सिंह उर्फ़ तेजू से भी करा दिया जाए ? आप नोट कर लें बड़े साहब लोगों का ड्राईवर भी बड़ा माना जाता है और उसे ड्राईवर साब कहा जाता है. तेजू पास के गाँव से साइकिल पर साब के घर आता है गाड़ी साफ़ करता है और मेम साब के हाथ की चाय पीता और फिर साब का बस्ता संभाल कर उन्हें ऑफिस ले आता है. बाकी छोटे मोटे काम तो ड्राईवर करते रहते हैं.
एक दिन उसे बुलाया.
- ड्राईवर साब कभी हमारे साथ भी चाय पी लो या फिर मेम साब के हाथ की ही पीनी है ?
- हें हें हें हम तो सेवक हैं साब जी आपके साथ भी पी लेंगे.
- आज साहब का मूड ठीक नहीं है क्या बात है?
- ठीक कहाँ से होगा जी. रात नई फैक्ट्री में गए थे वहां से ताज में डिनर हुआ जी. घर तो वापस पहुंचे 11बजे जी और मैं तो पहुँचा 12 बजे जी.
- ओहो बड़े साहब हैं बड़े होटल में डिनर करेंगे ढाबे में थोड़े ही जाएँगे.
- वो तो ठीक जी पर साब एक आधा पेग ज्यादा मार गए जी. सुबह मेम साब को बोले निम्बु पानी बना दे. बस डांट पड़ गई जी.
- क्या बोल दिया ?
- यूँ कह दिया जी की पेट कहीं जा रहा, वेट कहीं जा रहा पर पीनी जरूर है जाने कब अक्कल आएगी.
सोमवार को तेजू को फिर बुलाया.
- ड्राईवर साहब कई दिन बाद नजर आये हो. ये लो चाय पियो .
- साब जी हम तो सेवक हैं जी. हम तो आपका भी सेवा करेंगे जी.
- आज तो साहब खुश हैं क्यों ? साब को डांट वांट तो नहीं पड़ रही न आजकल ?
- ना जी. बल्कि कल ही तो डिनर हुआ नई फैक्ट्री वाले के यहाँ. काफी सारे डब्बे मिले जी कल तो. एक डिब्बा तो जेवर का था जी वो तो मेम साब खुदी पकड़ें रहीं जी पूरे रस्ते. बाकी मिठाई विठाई होगी जी.
- ड्राईवर साब आपको भी कुछ मिला या नहीं.
- हमें तो पैंट कमीज़ मिली जी.
लैला प्यारी लैला का पिल्ला प्यारा ! मतलब साहब का ध्यान रखना है तो ड्राईवर साहब को चाय जरूर पिलाते रहें.
- जी साब ?
- ड्राईवर को भेजो.
ड्राईवर आया.
- जी साब ?
- ये मैगज़ीन घर पर दे आओ.
चालीस मिनट बाद ड्राईवर फिर आया.
- जी साब मैगज़ीन दे आया. मेम साब ने ये पर्ची दी है.
साहब ने पर्ची पढ़ी और पांच सौ का नोट निकाल कर दिया.
- जाओ सामान ले लो और घर पर दे आओ.
साहब से आपका परिचय करा दूं ? गोयल साब हमारे रीजनल मैनेजर हैं. पूरे का पूरा झुमरी तल्लैय्या का इलाका इनके अंडर आता है. बड़े हाकिम हैं दस करोड़ का लोन तो चुटकी बजाते ही कर देते हैं. इसीलिए तो बैंक से कार मिली हुई है और साथ में ड्राईवर भी मिला हुआ है. लगभग 58 साल की उमर, सांवला रंग और मटके सा पेट. बियर के शौक़ीन हैं शायद इसलिए पेट मटकाकार हो गया है. सिर के बाल उड़ चुके हैं केवल किनारे किनारे एक झालर बची हुई है. उस झालर पर कभी-कभी कलर कर लेते हैं और दिन में सात आठ बार कंघी फेर लेते हैं. प्यार से उन्हें कुछ लोग टकला कह देते हैं कुछ गोलू भी कह देते हैं. पर ये प्यार मोहब्बत की बात आप अपने तक ही रखें क्यूंकि बॉस तो बॉस ही होता है क्या पता कब भड़क जाए.
आप का परिचय साहब के ड्राईवर तेजबीर सिंह उर्फ़ तेजू से भी करा दिया जाए ? आप नोट कर लें बड़े साहब लोगों का ड्राईवर भी बड़ा माना जाता है और उसे ड्राईवर साब कहा जाता है. तेजू पास के गाँव से साइकिल पर साब के घर आता है गाड़ी साफ़ करता है और मेम साब के हाथ की चाय पीता और फिर साब का बस्ता संभाल कर उन्हें ऑफिस ले आता है. बाकी छोटे मोटे काम तो ड्राईवर करते रहते हैं.
एक दिन उसे बुलाया.
- ड्राईवर साब कभी हमारे साथ भी चाय पी लो या फिर मेम साब के हाथ की ही पीनी है ?
- हें हें हें हम तो सेवक हैं साब जी आपके साथ भी पी लेंगे.
- आज साहब का मूड ठीक नहीं है क्या बात है?
- ठीक कहाँ से होगा जी. रात नई फैक्ट्री में गए थे वहां से ताज में डिनर हुआ जी. घर तो वापस पहुंचे 11बजे जी और मैं तो पहुँचा 12 बजे जी.
- ओहो बड़े साहब हैं बड़े होटल में डिनर करेंगे ढाबे में थोड़े ही जाएँगे.
- वो तो ठीक जी पर साब एक आधा पेग ज्यादा मार गए जी. सुबह मेम साब को बोले निम्बु पानी बना दे. बस डांट पड़ गई जी.
- क्या बोल दिया ?
- यूँ कह दिया जी की पेट कहीं जा रहा, वेट कहीं जा रहा पर पीनी जरूर है जाने कब अक्कल आएगी.
सोमवार को तेजू को फिर बुलाया.
- ड्राईवर साहब कई दिन बाद नजर आये हो. ये लो चाय पियो .
- साब जी हम तो सेवक हैं जी. हम तो आपका भी सेवा करेंगे जी.
- आज तो साहब खुश हैं क्यों ? साब को डांट वांट तो नहीं पड़ रही न आजकल ?
- ना जी. बल्कि कल ही तो डिनर हुआ नई फैक्ट्री वाले के यहाँ. काफी सारे डब्बे मिले जी कल तो. एक डिब्बा तो जेवर का था जी वो तो मेम साब खुदी पकड़ें रहीं जी पूरे रस्ते. बाकी मिठाई विठाई होगी जी.
- ड्राईवर साब आपको भी कुछ मिला या नहीं.
- हमें तो पैंट कमीज़ मिली जी.
लैला प्यारी लैला का पिल्ला प्यारा ! मतलब साहब का ध्यान रखना है तो ड्राईवर साहब को चाय जरूर पिलाते रहें.
हमारे ड्राईवर साहब |
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https://jogharshwardhan.blogspot.com/2015/08/blog-post_31.html
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