बैंक का पब्लिक डीलिंग का समय समाप्त हो गया था और गेट बंद हो चुका था. इसलिए बैंकिंग हाल में हलचल घट गई थी. ऐसे में कपूर साब इधर उधर नज़र घुमा रहे थे.
- कपूर साब किसे ढूंढ रहे हैं जी?
- बच्चे अज स्वेर तों किसी कुड़ी नाल गल नई कित्ती, कह कर कपूर साब मिसेज़ सहगल के पास जाकर बतियाने लगे. मतलब अगर किसी दिन किसी लड़की से बात ना हो तो कपूर साब का दिन अधूरा रह जाता है. आप तो जानते ही हैं जी की बड़े बैंक की बड़ी ब्रांच में हर तरह के लोग मिल जाते हैं.
वैसे ये कपूर साब भी कमाल हैं. उम्र चालीस की होने वाली है पर बड़े चाक चौबंद रहते हैं. बढ़िया चकाचक कपड़े, उस पर परफ्यूम और चमकते हुए बूट पहनते हैं. जेब में महंगा सा सुनेहरा पेन लगाते हैं जो बैंक में कभी खुलते हुए देखा नहीं. बाहर निकलते ही रंगीन चश्मा लगा लेते हैं. बड़े मिलनसार हैं ख़ास कर महिलाओं से चाहे वो स्टाफ की हों या कस्टमर. महिलाओं को भी कपूर साब से बतियाना बड़ा अच्छा लगता है. शायद इसका राज़ है की कपूर साब अभी तक बैचलर हैं. कनाट प्लेस के पास ही बंगाली मार्किट है वहीँ कहीं रहते हैं. इसलिए इलाके के चप्पे चप्पे से वाकिफ हैं. आपको ड्राई डे में बियर कहाँ मिल सकती है, डिनर के लिए कौन सा रेस्तरां डिस्काउंट देगा, रीगल सिनेमा हाउसफुल हो तो टिकट कैसे मिलेगी वगैरा इसके लिए आप कपूर साब से संपर्क कर सकते हैं. उनका विचार है की उनसे स्मार्ट इतनी बड़ी ब्रांच में कोई नहीं है.
- अब बोल बच्चे मनोहर? कपूर साब ने पूछा.
- कपूर साब चौबीस साल का हूँ जी. साल भर से बैंक की नौकरी कर रहां हूँ जी. घर वाले मेरी शादी के लिए पीछे पड़े आप मुझे बच्चा ....
- तो जा ना कर ले शादी.
- मैं ना करता जी गाँव में शादी. शादी तो मैं यहीं दिल्ली में करूँगा.
- पहले हुलिया तो ठीक कर ले बच्चे. बालों में तेल चुपड़ा है, कपड़े ऐसे हैं की खेत में गुड़ाई कर के आया हो. कैसे होगी तेरी शादी दिल्ली में.
- फेर कैसे होगी?
- स्टाइल सीख बच्चे स्टाइल. जीन्स और टी शर्ट, बाल छोटे और बिखरे हुए, परफ्यूम और रंगीन चश्मा. फिर ले एक फटफटिया. थोड़ी थोड़ी अंग्रेजी भी बोला कर - यू नो?, आई नो! दिस इज़ कूल! ओ डीयर! और लड़कियों से चाय नहीं पूछना कॉफ़ी पूछना. मैं तुझे पूरा ट्रेन कर दूंगा.
- अच्छा जी?
- फिर तू ब्रांच क्या इस बिल्डिंग की जिस भी लड़की को कहेगा तेरे से मिलवा दूंगा संध्या को छोड़ कर. वो तेरे से एक दो साल बड़ी है.
- पर कपूर साब मुझे तो वो भी अच्छी लगती है?
- भूल जा उसे. चल तुझे कपड़े दिलवाऊं पहले.
गुरु कपूर के चेले मनोहर नरूला उर्फ़ मन्नू की दस दिनों में शकल ही बदल गई. बड़ी जल्दी दिल्ली की हवा और उड़ती चिड़ियों को पहचानने लगा. एक शुभ महूरत ऐसा आया की वो संध्या की टेबल पर विराजमान हो गया.
- कहाँ के रहने वाले हो मनोहर?
- पास में ही गाँव है जी. मोटरसाइकिल से एक घंटे में पहुँच जाते हैं जी.
- गुड.
- आजकल तो जी गन्ने का सीजन है और घर में गुड़ बन रहा है. आपको ले जाना तो चाहता हूँ जी पर ले जा नहीं सकता.
- मतलब?
- कपूर साब ने मना कर रखा है की संध्या से ज्यादा बात नहीं करनी है.
- अच्छा?
- हूँ.
- आप कह रहे हो की घर जाने में एक घंटा लगता है तो एक घंटा आने में लगेगा. एक घंटा वहां पर. ऐसा कर सकते हो की सन्डे को 9 बजे मुझे पिकअप कर लो और एक बजे तक वापिस छोड़ दो?
- हाँ जी हाँ जी बिलकुल हो सकता है जी.
- तो डन?
- दिस इज कूल जी!, मनोहर नरूला के दिल में सितार बज गई!
सोमवार को लंच के बाद संध्या ने मन्नू को बुलाया और कहा,
- कॉफ़ी आ रही है बैठो.
- पर वो कपूर साब घूर रहे हैं जी?
- चुप बैठे रहो.
टेबल पर कॉफ़ी के कप, मनोहर और संध्या को देख कर कपूर साब का माथा ठनका. आ गए और बोले,
- बच्चे कोफ्फी पी रहा है?
इससे पहले की मन्नू कुछ बोले संध्या ने जवाब दे दिया,
- ये बच्चा भी है और दिल का सच्चा भी है. कल इसके गाँव भी घूम आई मैं और गुड़ भी ......
तब तक कपूर साब भिन भिन करते हुए वहां से खिसक लिए.
- मनोहर आपके गुरु का मुख कड़वा हो गया है. अगली बार इनके लिए गाँव से गुड़ ले आना.
16 comments:
http://jogharshwardhan.blogspot.com/2020/07/blog-post.html
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज बुधवार 01 जुलाई 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
गुरु गुड और चेला शक्कर।दिल्ली की हवा ही ऐसी है।
बहुत अच्छे।
गुरु चेला और गुड़ का अच्छा समा बाँधा है आपने।
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 2.7.2020 को चर्चा मंच पर चर्चा -3750 पर दिया जाएगा। आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी।
धन्यवाद
दिलबागसिंह विर्क
Thank you Onkar
धन्यवाद दिलबागसिंह विर्क. चर्चा मंच ३७५० पर भी उपस्थिति होगी.
धन्यवाद सुनील अग्रवाल. ऐसा भी होता रहता है.
धन्यवाद yashoda Agrawal. सांध्य दैनिक मुखरित मौन पर भी उपस्थिति होगी.
धन्यवाद डॉ रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'.
बेहतरीन लघुकथा आदरणीय सर .
धन्यवाद अनीता सैनी.आपका समय मंगलमय हो
Good
Thank you ASHOK KUMAR GANDHI.
Good
धन्यवाद Subhash Mittal ji
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