- आया.
- अचार लोगे ?
- नहीं.
- कल की खबर सुनी?
- क्या?
- वो जो कोने वाला मकान है दो मंजिला?
- हाँ गोयल पेट्रोल पंप वाले का?
- वही वही. कल बड़ा तमाशा हुआ. कल शाम को एक औरत गाड़ी चला कर एक बच्चे के साथ आई. गोयल के मकान के सामने गाड़ी खड़ी करके अंदर चली गई. जा कर मिसेज़ गोयल से बोली की मैं अब से यहीं रहूंगी. गोयल साब मेरे हस्बैंड हैं और ये बेटा भी उन्हीं का है. अब हम दोनों यहीं रहेंगे. रामू को बोलो गाड़ी से सामान उतार ले.
- फिर?
- अरे फिर क्या? मिसेज़ गोयल का भी पांच साल का बेटा है. वो दोनों तो सकते में आ गए. फिर झगड़ा शुरू हो गया. दोनों आपस में तूतू-मैंमैं करने लगीं. अड़ोसी पड़ोसी भी इकट्ठे हो गए.
- गोयल कहाँ था?
- अरे कहीं जयपुर वयपुर गया हुआ था. मिसेज़ गोयल ने मोबाइल किया तो कहने लगा तुरंत वापिस आ रहा हूँ. लड़ो नहीं शांति रखो. वो तो सुनने को भी तैयार नहीं थी फोन पर ही गोयल से लड़ने लगी. गोयल ने भी देखो ये नहीं कहा की दूसरी को भगा दो. भगवान् जाने दूसरी शादी कब की जबकि उसका भी एक बेटा है और इसका भी. कमाल है दो दो शादियाँ कर रखी हैं और दोनों के बच्चे हैं पर दोनों को एक दूसरे के बारे में पता नहीं?
- गोयल के दो पेट्रोल पंप हैं, दो मंजिला कोठी है और दो बीवियां हैं. ठीक है एक नीचे रह लेगी दूसरी ऊपर की मंजिल में रह लेगी हाहाहा!
- इसमें हंसने की क्या बात है जी?
- भई मेरा एक शोरूम है, एक मंजिला मकान है और एक बीवी है. मैंने दूसरी मंजिल नहीं बनाई!
- वैसे याद करो ज़रा तुमने कई बार कहा है बनवाने को.
- अरे बालक गए अमरीका अब क्या करना है. तुम कहो तो दूसरी मंजिल शुरू करा दूँ? हाहाहा!
- देखो जी दूसरी शादी मुझे बिलकुल बर्दाश्त नहीं है बस. खबरदार कर रही हूँ. मेरे मरने के बाद भी मत कर लेना. मेरी अलमारी को हाथ लगाएगी या मेरे बरतनों को हाथ लगाएगी तो छोडूंगी नहीं उसे.
- अरे कर लूंगा तो तुम्हें कैसे पता चलेगा?
- बाद में भी इसी मकान में रहूंगी याद रखना. चिपट जाउंगी.
- किसे चिपटोगी? मकान को या दूसरी वाली को?
- जी नहीं तुमको!
- अच्छा! लो पहले चाय पी लो.
15 comments:
https://jogharshwardhan.blogspot.com/2020/07/blog-post_11.html
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शनिवार 11 जुलाई 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
आदरणीय जोग साहब
सादर नमन
आपको सांध्य दैनिक मुखरित मौन में बतौर चर्चाकार देखने की अभिलाषा है
साग्रह निवेदन अपना मेल आई दी देने की कृपा करें
ताकि आपको सादर आमंश्रित कर सकूँ
सादर
धन्यवाद दिव्या अग्रवाल ! सांध्य दैनिक में भी जरूर हाजरी लगाएंगे.
धन्यवाद दिव्या अग्रवाल. मेरा ईमेल है-
jogharshwardhan@gmail.com
Interesting
Thank you Durga Prasad Dash.
हंसी ला दी आप ने चेहरे पर 😆😆
बहुत सुन्दर और रोचक।
रोचक वार्तालाप सर।
बहुत खूब हर्ष जी | रोचक संवाद और उम्र बीत जाने पर भी बीवी का मियां को खो देने का डर !!! बड़ा विचित्र है सब और इस ' खबरदार ' में तूफानी शांति है | सादर --
धन्यवाद रेणु. पता नहीं बीवी को दर है या इर्ष्या!
आपका दिन मंगलमय हो.
धन्यवाद Shweta sinha.
आपका दिन मंगलमय हो.
धन्यवाद डॉ रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'.
आपका दिन मंगलमय हो.
धन्यवाद hindiguru. आपका दिन मंगलमय हो.
Post a Comment