थार रेगिस्तान में बसा बीकानेर शहर जयपुर से 330 किमी और दिल्ली से 435 किमी दूर है. रेगिस्तान में बसा होने के कारण वार्षिक सामान्य तापमान में काफी फर्क रहता है. गर्मी में पारा 50 तक और सर्दी में 4 डिग्री तक नीचे आ सकता है. शहर की समुद्र तल से उंचाई लगभग 242 मीटर है. शहर में एयर पोर्ट भी हैऔर रेल भी और कई राजमार्ग भी यहाँ मिलते हैं इसलिए यात्रा करने में कठिनाई नहीं है. बीकानेर जिले की सीमा पाकिस्तान से मिली हुई है.
बीकानेर शहर की स्थापना राठोड़ वंशी राजा राव बिका ने 1488 में की थी. उस से पहले यह इलाका जांगलदेश या जांगलू कहलाता था और आबादी नाम मात्र की थी. धीरे धीरे राव बिका ने आसपास का इलाका जीत कर बीकानेर राज की स्थापना की. शहर का स्थापना दिवस अक्षय तृतीय के दिन मनाया जाता है. बीकानेर राज के छठे राजा राव राय सिंह( 1571 - 1611) के समय बीकानेर का नाम ज्यादा प्रसिद्द हुआ. राव राय सिंह अकबर और जहाँगीर के दरबार में ऊँचे ओहदे पर रहे और उन्हें बहुत सी जागीरें इनाम में मिली. इन जागीरों की आमदनी से जूनागढ़ किले का निर्माण 17 फरवरी 1589 के दिन शुरू कराया गया जो 17 जनवरी 1594 को समाप्त हुआ.
किला 5.28 हेक्टेयर में फैला हुआ है और किसी पहाड़ी पर ना होकर जमीन पर ही है. ज्यादातर लाल बालू पत्थर और संगमरमर का बना हुआ है. किले की दीवारों की लम्बाई लगभग 1078 गज है. दीवारें 40 फीट ऊँची और करीब 15 फीट चौड़ी हैं. किले की बाहरी दीवारों के साथ साथ 30 फीट चौड़ी झील भी हुआ करती थी जो अब नहीं नज़र आती. किले में समय समय पर आने वाले राजाओं द्वारा कुछ ना कुछ बनता रहा. ये राजा राव हैं:
करन सिंह का राज 1631 - 1639 तक रहा और उन्होंने करन महल बनवाया.
अनूप सिंह का राज 1669 - 1698 तक रहा और उन्होंने ज़नानखाना और दीवाने आम 'अनूप महल' बनवाया.
गज सिंह ने 1746 - 1787 तक राज किया और चन्द्र महल बनवाया.
सूरत सिंह ने 1787 - 1828 ने कांच और पेंटिंग के काम करवाए.
डूंगर सिंह ने 1872 - 1887 के दौरान राज किया और बादल महल बनवाया.
गंगा सिंह ने 1887 - 1943 तक राज किया और गंगा निवास महल बनवाया.
राव गंगा सिंह ब्रिटिश राज में नाईट कमांडर रहे और जिस हॉल में अपने राजकाल की स्वर्ण जयंती मनाई उसमें अब संग्रहालय है. उन्होंने एक लालगढ़ महल भी बनवाया जिसमें वे 1902 में शिफ्ट हो गए. उनके पुत्र सदूल सिंह के समय बीकानेर राज का 1949 में भारत में विलय हो गया.
किला और अंदर के महल बहुत सुंदर है और संग्रहालय पुराने हथियार, पालकियों और शाही कपड़ों से भरा हुआ है. आप चाहें तो घंटों बिता सकते हैं. प्रस्तुत हैं कुछ फोटो :
बीकानेर शहर की स्थापना राठोड़ वंशी राजा राव बिका ने 1488 में की थी. उस से पहले यह इलाका जांगलदेश या जांगलू कहलाता था और आबादी नाम मात्र की थी. धीरे धीरे राव बिका ने आसपास का इलाका जीत कर बीकानेर राज की स्थापना की. शहर का स्थापना दिवस अक्षय तृतीय के दिन मनाया जाता है. बीकानेर राज के छठे राजा राव राय सिंह( 1571 - 1611) के समय बीकानेर का नाम ज्यादा प्रसिद्द हुआ. राव राय सिंह अकबर और जहाँगीर के दरबार में ऊँचे ओहदे पर रहे और उन्हें बहुत सी जागीरें इनाम में मिली. इन जागीरों की आमदनी से जूनागढ़ किले का निर्माण 17 फरवरी 1589 के दिन शुरू कराया गया जो 17 जनवरी 1594 को समाप्त हुआ.
किला 5.28 हेक्टेयर में फैला हुआ है और किसी पहाड़ी पर ना होकर जमीन पर ही है. ज्यादातर लाल बालू पत्थर और संगमरमर का बना हुआ है. किले की दीवारों की लम्बाई लगभग 1078 गज है. दीवारें 40 फीट ऊँची और करीब 15 फीट चौड़ी हैं. किले की बाहरी दीवारों के साथ साथ 30 फीट चौड़ी झील भी हुआ करती थी जो अब नहीं नज़र आती. किले में समय समय पर आने वाले राजाओं द्वारा कुछ ना कुछ बनता रहा. ये राजा राव हैं:
करन सिंह का राज 1631 - 1639 तक रहा और उन्होंने करन महल बनवाया.
अनूप सिंह का राज 1669 - 1698 तक रहा और उन्होंने ज़नानखाना और दीवाने आम 'अनूप महल' बनवाया.
गज सिंह ने 1746 - 1787 तक राज किया और चन्द्र महल बनवाया.
सूरत सिंह ने 1787 - 1828 ने कांच और पेंटिंग के काम करवाए.
डूंगर सिंह ने 1872 - 1887 के दौरान राज किया और बादल महल बनवाया.
गंगा सिंह ने 1887 - 1943 तक राज किया और गंगा निवास महल बनवाया.
राव गंगा सिंह ब्रिटिश राज में नाईट कमांडर रहे और जिस हॉल में अपने राजकाल की स्वर्ण जयंती मनाई उसमें अब संग्रहालय है. उन्होंने एक लालगढ़ महल भी बनवाया जिसमें वे 1902 में शिफ्ट हो गए. उनके पुत्र सदूल सिंह के समय बीकानेर राज का 1949 में भारत में विलय हो गया.
किला और अंदर के महल बहुत सुंदर है और संग्रहालय पुराने हथियार, पालकियों और शाही कपड़ों से भरा हुआ है. आप चाहें तो घंटों बिता सकते हैं. प्रस्तुत हैं कुछ फोटो :
1. किले के अन्दर का एक बड़ा आँगन. सफ़ेद और लाल पत्थर का सुंदर संगम |
2. मीनार |
3. ठंडक रखने के लिए पानी का तालाब |
4. किले की बाहरी दिवार |
5. किले का एक प्रवेश द्वार |
6. सुरक्षा के लिए तीन दरवाज़े |
7. महल की ओर जाने के लिए पतली गली |
8. सुंदर टाईलों का फर्श, मेहराब, झरोखे और खिड़कियाँ |
9. इस आँगन में रंग कुछ अलग हैं, खम्बे और झरोखे भी अलग तरह के हैं |
10. बाहर के बाग़ बगीचे |
11. ठंडी हवा का आनंद भी और बाहर एक नज़र भी |
12. बेहतरीन कारीगरी |
13. सबसे बड़ा हाल जो काफी बाद में बना |
14. पर्यटक |
8 comments:
https://jogharshwardhan.blogspot.com/2017/08/1-2.html
जूनागढ़, बीकानेर - २/२
https://jogharshwardhan.blogspot.com/2017/08/2-2.html
अतीत सुन्दर उस पर आपकी लेखन शैली उससे भी सुन्दर
अति सुंदर। आपकी photo ढूंढते रह गये।
Thank you Unknown. Please fill up your profile so that we know each other.
Thank you Mittal ji.
Wow ..amazing......
Thanks a lot...
Thank you Meena Kuthari.
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