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Thursday, 27 April 2017

टेहरी गढ़वाल

दिल्ली से टेहरी गढ़वाल लगभग 320 किमी की दूरी पर है और ऋषिकेश से 75 किमी. ऋषिकेश से आगे पहाड़ी सड़क अच्छी है, आड़े टेड़े घूम और कट कम हैं इसलिए हम अपनी गाड़ी खुद चला कर ले गए. टेहरी की उंचाई लगभग 2000 मीटर है. गर्मियों में यहाँ का तापमान 30 तक और सर्दियों में 2 तक जा सकता है. बारिश कमोबेश 70 सेंमी सालाना तक हो जाती है.

टेहरी का पुराना नाम त्रिहरि बताया जाता है और उससे भी पुराना नाम गणेश प्रयाग. यहाँ भागीरथी और भिलांगना मिलती हैं और ऋषिकेश की ओर चल पड़ती हैं.

सन् 888 तक गढ़वाल में छोटे छोटे 52 गढ़ हुआ करते थे जो सभी स्वतंत्र राज्य थे. इनके मुखिया ठाकुर या राणा या राय कहलाते थे. एक बार मालवा के राजा कनक पाल सिंह बद्रीनाथ दर्शन के लिए आये. एक गढ़ के राजा भानु प्रताप ने अपनी इकलौती बेटी की शादी कनक पाल सिंह से कर दी. इसके बाद कनक पाल सिंह और उनके उत्तराधिकारियों ने धीरे धीरे सारे गढ़ जीत कर एक गढ़वाल राज्य बना लिया. 1803 से 1815 तक गढ़वाल में नेपाली राज रहा. ईस्ट इंडिया कंपनी और स्थानीय छोटे राजाओं ने एंग्लो-नेपाल युद्ध में नेपाली शासन को हरा दिया और टेहरी रियासत राजा सुदर्शन शाह को दे दी गयी.

सुदर्शन शाह और उनके वंशजों ने रियासत का भारत में विलय होने तक राज किया. इनमें से प्रमुख थे प्रताप शाह जिसने प्रताप नगर बसाया, कीर्ति शाह जिसने कीर्ति नगर बसाया और नरेंद्र शाह जिसने नरेंद्र नगर बसाया. ऋषिकेश से टेहरी जाते हुए नरेंद्र नगर रास्ते में देखा जा सकता है.

टेहरी का नाम टेहरी बाँध से जुड़ा हुआ है. इस बाँध की परिकल्पना पहले पहल 1961 में की गई. बहुत सी सामाजिक, आर्थिक और तकनीकी बाधाओं को पार करने के बाद 2006 में परियोजना चालू हुई. भारत का सबसे ऊँचा और विश्व में पांचवे नंबर का ऊँचा बाँध है जो 2400 मेगावाट बिजली, 102 करोड़ लिटर पीने का पानी और 2,70,000 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई की क्षमता रखता है. सुरक्षा कारणों से अंदर जाना मना है और अगर किसी उच्च अधिकारी की सिफारिश पर पहुंच भी गए तो फोटो खींचना मना है.

बाँध से दूर झील में बोटिंग, स्कीइंग वगैरा की जा सकती है. झील के बीच में नाव की सवारी रोमांचक है. पर जब नाविक ने बताया की कहीं कहीं पानी की गहराई 800 मीटर तक भी है तो एक बार तो नौका सवारी भयभीत और रौंगटे खड़े करने वाली लगती है. प्रस्तुत हैं कुछ फोटो:


नया बसा न्यू टेहरी शहर, पहाड़, घाटियाँ, बादल, कोहरा और सुनहरी धूप

 टेहरी की घाटियों  बारिश के बाद घाटी से उठता कोहरा 

नई टेहरी का एक दृश्य 
टेहरी से 12 किमी पहले है चंबा 

सुबह सुबह का दृश्य 

बारिश के बाद कोहरा 

भागीरथी. बारिशों में पानी का तल ऊपर सीमा रेखा तक चला जाता है 

भागीरथी के साथ साथ  

टेहरी झील का बोट क्लब 

हाँ तैयार हूँ जनाब !

स्पीड बोट, चेयर बोट, स्कीइंग और वाटर स्कूटर उपलब्ध हैं 

मानसून के बाद पानी छोटी पहाड़ियों को डुबो देता है 

झील अलग से ना बना कर पानी घाटियों में ही इकठ्ठा कर लिया जाता है 

पानी घटने पर पुराने टेहरी की झलक नज़र आती है 

टेहरी शहर का 1992 का फोटो - सिंह राशि, नाम त्रिहरी ( टेहरी ). जन्म 28 दिसम्बर 1815, जलमग्न 29 जुलाई 2005 शाम 5.34 बजे 

पहाड़ों पर चढ़ना उतरना आसान नहीं है और ना ही गाड़ी चलाना. पर फिर मज़ा भी तो है ! एक स्थानीय कहावत है की "जवानि  मा  नि  देखि देस  बुढेन्दा  खाबेस". याने आप जल्द से जल्द बस्ता बाँध लो पहाड़ों की सैर के लिए 




1 comment:

Harsh Wardhan Jog said...

https://jogharshwardhan.blogspot.com/2017/04/blog-post_27.html