राइफलमैन गब्बर सिंह नेगी, विक्टोरिया क्रॉस ( मरणोपरांत ) का जन्म 21 अप्रैल 1895 के दिन चंबा, टेहरी गढ़वाल के निकट मंज्युड़ गाँव में हुआ था. 1913 में उन्होंने 39वीं गढ़वाल की दूसरी बटालियन में बतौर राइफलमैन ज्वाइन किया. इस बटालियन को प्रथम विश्व युद्ध के दौरान 1915 में फ्रांस के न्यू चेपल इलाके में तैनात किया गया था. उस वक्त वहां जर्मनी का कब्जा था.
राइफलमैन नेगी ने संगीन की सहायता से खाइयों में छुपे बहुत से जर्मन सैनिकों को मार गिराया और उनकी असाधारण वीरता के कारण जर्मन सैनिकों को हथियार डालने पड़े. इस बीच राइफलमैन नेगी भी शहीद हो गए. उनकी असाधारण वीरता पर उस वक्त का सर्वोच्च पुरस्कार 'विक्टोरिया क्रॉस' मरणोपरांत दिया गया. 28 अप्रैल 1915 के लन्दन गज़ट में इस की घोषणा की गई ( विकिपीडिया से साभार ):
His Majesty the King has been graciously pleased to approve of the grant of the Victoria Cross to the undermentioned man for his conspicuous acts of bravery and devotion to duty whilst serving with the Expeditionary Force: —
No. 1685 Rifleman Gabar Sing Negi, 2nd Battalion, 39th Garhwal Rifles. For most conspicuous bravery on 10th March, 1915, at Neuve Chapelle. During our attack on the German position he was one of a bayonet party with bombs who entered their main trench, and was the first man to go round each traverse driving back the enemy until they were eventually forced to surrender. He was killed during this engagement.
राइफलमैन गब्बर सिंह नेगी, विक्टोरिया क्रॉस ( मरणोपरांत ) का नाम न्यू चेपल, फ्रांस के युद्ध स्मारक, प्रथम विश्व युद्ध स्मारक, इंग्लैंड और इंडिया गेट, नई दिल्ली पर भी अंकित है. शहीद नेगी की याद में चंबा, जिला टेहरी गढ़वाल में 21, 22 और 23 अप्रैल को मेला लगता है जिसमें गढ़वाल राइफल्स का दस्ता भी लैंसडाउन, पौड़ी गढ़वाल से आकर अधिकारिक तौर पर शामिल होता है.
जिस समय हम स्मारक देखने गए कुछ लोग स्मारक के सामने बैठे हुए थे. ये लोग प्रांतीय / केन्द्रीय सरकार से कुछ अपेक्षाएं रखते हैं जैसा की नीचे फोटो में दिया गया है. मन्ज्युड़ गाँव में अभी तक सड़क नहीं पहुंची है.
ऋषिकेश से टेहरी आते जाते चंबा में स्मारक देखा जा सकता है. प्रस्तुत हैं कुछ फोटो:
|
राइफलमैन गब्बर सिंह नेगी, विक्टोरिया क्रॉस ( मरणोपरांत ) का चंबा, टेहरी गढ़वाल में स्मारक |
|
स्मारक चंबा के बाज़ार के बीचोबीच है
|
|
राइफलमैन नेगी 39वीं गढ़वाल राइफल की दूसरी बटालियन में तैनात थे. 1915 में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान यह बटालियन न्यू चेपल, फ्रांस के मोर्चे पर डटी हुई थी जिस पर जर्मनी का कब्जा था. राइफलमैन नेगी ने अपने साथियों के साथ असाधारण वीरता दिखाते हुए इस मोर्चे पर कब्ज़ा कर लिया और दुश्मन को खदेड़ दिया. यहीं वो शहीद हो गए |
|
मंज्युड़ गाँव से राइफलमैन नेगी समेत 11 जवानों ने पहले विश्व युद्ध में भाग लिए जिसमें वे शहीद हुए |
|
जरधार गाँव के 16 जवानों ने पहले विश्व युद्ध में भाग लिया |
|
गब्बर सिंह नेगी का जन्म 21 अप्रैल 1895 को चम्बा के पास मंज्युड़ गाँव, जिला टेहरी गढ़वाल में हुआ. 10 मार्च 1915 को फ्रांस में 19 वर्ष की आयु में शहीद हो गए. उनका विवाह श्रीमति सतूरी देवी से हुआ था जिनका बाद में निसंतान देहांत हो गया |
|
सम्बन्धियों और गाँव वालों की सरकार से कुछ अपेक्षाएं हैं जिन्हें लेकर चिठ्ठी पत्री और धरना चल रहा है. प्रदेश और केंद्र सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए |
|
चंबा का एक सुहावना दृश्य |
|
ऋषिकेश - टेहरी मार्ग पर स्वागत द्वार और राइफलमैन गब्बर सिंह नेगी, विक्टोरिया क्रॉस ( मरणोपरांत ) का शताब्दी स्मारक |
1 comment:
https://jogharshwardhan.blogspot.com/2017/04/blog-post_17.html
Post a Comment