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Tuesday, 27 May 2014

बिन दाढ़ी मुख सून

भारत के 15वें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 

नरेंद्र मोदी के प्रधान मंत्री बनते ही हम जैसे दाढ़ी वालों की बिरादरी में ख़ुशी की लहर दौड़ गई है । अब कम से कम पाँच बरस तो दाढ़ी मीडिया में छाई रहेगी । और क्या जाने उससे आगे भी छाई रहे । अब विपक्ष को कौन समझाए की दाढ़ी वाले से मुक़ाबला आसान नहीं है ।

देखिए साब दाढ़ी से पर्सनालिटी तो प्रभावशाली बनती ही है पर इसके और भी बहुत से फ़ायदे हैं :

रोज़ रोज़ दाढ़ी खुरचने का टाइम बचता है । साथ ही क्रीम और ब्लेड का ख़र्चा भी बचता है । 

- दाढ़ी चेहरे पर अल्ट्रावायलेट के प्रभाव से लगभग सन् स्क्रीन क्रीम के बराबर बचाव करती है । और भी बचत !

- धूल, धूप और धुएँ से भी चमड़ी की सुरक्षा करती है । जिस तरह नाक के बाल धूल के कणों को रोकते हैं उसी तरह से दाढ़ी भी यही काम करती है । याने धूल और प्रदूषण जैसी चीज़ों से चमड़ी पर होने वाली एलर्जी से काफ़ी हद तक बचाव कराती है । 

- चूंकी धूल या धूप सीधे सीधे चमड़ी पर नहीं पड़ती तो चमड़ी की नमी भी बरक़रार रहती है । फ़ायदे ही फ़ायदे !

- और फिर मच्छरदानी का काम तो सोने में सुहागा है । 

कितने ही बम्बईया हीरो आजकल दाढ़ी बढ़ा रहे हैं अपने रोल के चक्कर में । अक्षय कुमार की खिचड़ी दाढ़ी अगली फ़िल्म गब्बर के लिए है और शाहिद कपूर काली दाढ़ी के साथ नई फ़िल्म हैदर की तैयारी में हैं । 

दाढ़ी पर शेक्सपीयर क्या कहते हैं ज़रा देखिए:

'He that hath a beard is more than a youth, and he that hath no beard is less than a man'.

दाढ़ी की चर्चा हो तो काका हाथरसी की एक सुंदर कविता याद आ रही है :

                    ‘काका’ दाढ़ी राखिए, बिन दाढ़ी मुख सून
                    ज्यों मंसूरी के बिना, व्यर्थ देहरादून
                    व्यर्थ देहरादून, इसी से नर की शोभा
                    दाढ़ी से ही प्रगति कर गए संत विनोबा
                    मुनि वसिष्ठ यदि दाढ़ी मुंह पर नहीं रखाते
                   तो भगवान राम के क्या वे गुरू बन पाते ?

                    शेक्सपियर, बर्नार्ड शॉ, टाल्सटॉय, टैगोर
                    लेनिन, लिंकन बन गए जनता के सिरमौर
                    जनता के सिरमौर, यही निष्कर्ष निकाला
                    दाढ़ी थी, इसलिए महाकवि हुए ‘निराला’
                    कहं ‘काका’, नारी सुंदर लगती साड़ी से
                    उसी भांति नर की शोभा होती दाढ़ी से।

बस तो जनाब अब आप देर न करें !

अभिनेता अमिताभ बच्चन शानदार फ़्रेंचकट में 

अभिनेता प्राण एक पठान के रूप में


अब्राहम लिंकन अमेरीका के 16वें राष्ट्रपति 
आपका आज्ञाकारी


1 comment:

Harsh Wardhan Jog said...

https://jogharshwardhan.blogspot.com/2014/05/blog-post_27.html