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Tuesday, 14 May 2024

इलेक्शन ड्यूटी

झुमरी तल्लैय्या शाखा के मुख्य प्रबंधक गोयल साब हिसाब किताब करने में मशगूल थे. बड़े बैंक की बड़ी ब्रांच के बड़े मुखिया हैं गोयल सा. सात महीने रह गए थे रिटायर होने से पहले पेंशन पेपर तैयार करवाने हैं और जितने लोन किये हैं उनका रिव्यु करना है. पता नहीं किस लोन फाइल में कोई मरा हुआ सांप निकल आए और हेड ऑफिस नाराज़ हो जाए. इसी उधेड़बुन में पिछली पॉकेट से छोटी कंघी निकाली और टकले सर पर सावधानी से घुमाई. पांच चार बाल ही बचे हुए थे. पहले तो कंघी से दबे और कंघी हटते ही फिर से खड़े हो गए. और इसके साथ ही अफसर नरूला भी केबिन में आ कर खड़े हो गए. गोयल सा बोले,

- आओ नरूला क्या लाए हो ?

- सर डी एम ऑफिस का हरकारा ये लेटर दे गया है. उसके बाद वहां से फोन भी आ गया की और दो कर्मचारी भेज दें शनिवार को.

- किस लिए?

- सर चुनाव चल रहा हैं न.

- अरे दो तो पहले ही भेजे हुए हैं? कितने और भेजने हैं? फिर तो मैं और आप ही बचे हैं या फिर तीन लेडीज बची हैं वो जाना नहीं चाहेंगी.

- सर वो तो ठीक है पर फोन में ये भी कहा गया था की जरा मेच्योर कर्मचारी भेजें जो स्थिति को संभालने वाले हों न की बिगाड़ने वाले हों. 

- हुंह ?

- सर सबसे ज्यादा मेच्योर तो यहाँ आप ही हैं.

- यू आर राइट नरूला. कभी कभी तुम भी मैच्योरिटी की बात कर देते हो. 

- सर मैं तो हमेशा आपकी मैच्योरिटी की तारीफ करता हूँ. वैसे भी सर शनिवार की छुट्टी है ट्रेनिंग हो जाएगी और संडे को वोट डल जाएंगे.

- ठीक है ठीक है ऐसी ड्यूटी से बचना मुश्किल है. कहाँ जाना है?

- झुमरी हाईवे के पास ही है गांव है सर डाबर खेड़ा. बस वहीं प्राइमरी स्कूल में जाना है सर. 

- तुम आधा घंटा पहले पहुँच जाना और मैं पहुँचा तो ब्रीफ कर देना.

- जी सर जी सर. 

नरूला साब ने तुरंत चिट्ठी बनाई और डी एम ऑफिस में भेज दी. चिट्ठी में लिख दिया:

क्रम संख्या           कर्मचारी का नाम                पदनाम                         मोबाइल नंबर 

1.                       श्री महेन्द्र मोहन गोयल          मु.प्र. ( स्केल IV)            xxxxx 12345 

2.                       श्री मनोहर नरूला               अधिकारी ( स्केल I )        xxxxx 23456  

नरूला साब तो ट्रेनिंग लेने आधा घंटा पहले पहुँच गए. उन्हें लेक्चर हॉल में सबसे आगे बिठा दिया गया और पुछा गया की दुसरे कैंडिडेट गोयल कहाँ हैं? जवाब में नरूला जी ने कहा बस आते ही होंगे. गोयल सा देर से आए, उन्हें पीछे बिठा दिया गया. पीछे बैठे बैठे कसमसाते रहे. ' इस नरुले को आगे बिठा रखा है और मुझे पीछे?'

चाय ब्रेक में गोयल सा ने ट्रेनिंग मास्टर से शिकायत की. मास्टर जी ने जवाब दिया,

- देखिये वो नरूला साब क्लास 1 अफसर हैं जो केंद्रीय सरकार में गज़ेटेड अफसर होते हैं. और आप क्लास IV हैं आपको पीछे ही बैठना पड़ेगा।

गोयल सा ऊँची आवाज़ में बोले - वोट डू यू मीन ?

आवाज़ सुन कर नरूला साब भी आ पहुंचे - क्या हुआ सर क्या हुआ? 

खैर क्लास 1 और स्केल 1 के बारे में ग़लतफ़हमी दूर कर दी गई और गोयल सा का स्टेटस दुरुस्त कर दिया गया. गोयल सा सब से आगे विराजमान हुए. पर मन ही मन तिलमिलाट बनी रही. इधर नरूला साब मन ही मन बोल कर मुस्कुराए - कभी अर्श पर कभी फर्श पर, कभी रहगुज़र कभी दर-बदर ! ( अर्श = आसमान ). 

वोट जरूर डालें 


1 comment:

Harsh Wardhan Jog said...

https://jogharshwardhan.blogspot.com/2024/05/blog-post_14.html