जोधपुर अब दस लाख से ज्यादा आबादी वाला महानगर है. दिल्ली से इस शहर की दूरी 615 किमी है और जयपुर से 354 किमी. जोधपुर रेल, सड़क और हवाई सेवा से भली प्रकार जुड़ा हुआ है. थार रेगिस्तान में होने के कारण दिन में तेज़ धूप होती है और रात में ठंडक. पर्यटन के लिए अक्टूबर से मार्च अच्छा है.
शहर के बीच एक ऊँची पहाड़ी है जिसका पुराना नाम भोर चिरैय्या था. इस 125 मीटर ऊँची पहाड़ी पर एक किला है जिसका नाम मेहरानगढ़ है. इस किले की नींव राव जोधा द्वारा 12 मई 1459 को रखी गई थी. यह भीमकाय किला लगभग पांच वर्ग किमी में फैला हुआ है. इसकी ऊँची, चौड़ी और मज़बूत दीवारों की लम्बाई लगभग 10 किमी है. महाराजा जसवंत सिंह (1638 - 1678) के समय किले का काम पूरा हुआ था.
किले के आठ बड़े गेट या पोल हैं इनमें से एक गुप्त है और चार घुमावदार पहाड़ी सड़कों से ऐसे जुड़े हुए हैं की दूर से किले के गेट या पोल दिखते ही नहीं हैं. फ़तेहपोल महाराजा अजीत सिंह ने 1707 में मुग़लों को हराने के बाद बनवाया था जबकि जयपोल महाराजा मान सिंह ने 1806 में जयपुर और बीकानेर पर जीत की खुशी में बनवाया था.
किले के अंदर कई सुंदर महल हैं जैसे मोती महल, फूल महल, शीश महल. साथ ही दौलत खाना, सिलेह खाना, तोप खाना वगैरा भी हैं. बहुत बड़े भाग में म्यूजियम है जहां अपने समय के सुंदर और शानदार शाही कपड़े, फर्नीचर, कालीन, हथियार, पालकियां, हौदे आदि रखे गए हैं. किले के अंदर की ऊँचाई सात आठ माले के बराबर है. लिफ्ट का भी इन्तेजाम है और अंदर ही बहुत सुंदर दस्तकारी की दुकानें भी हैं. लिफ्ट और म्यूजियम के प्रवेश के लिए टिकट हैं.
किले की व्यवस्था और रख रखाव बहुत सुंदर है. कुछ फोटो प्रस्तुत हैं:
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छोटे छोटे झरोखे और सुंदर छज्जे ख़ास राजस्थानी अंदाज़ में |
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महल में इस तरह की कई छतरियां या स्मारक हैं जो उन शूरवीरों की याद में बनाई गईं जिन्होंने महल की सुरक्षा में जान दे दी |
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गणेश मंदिर और एक दूसरी छतरी |
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पथरीली चट्टान पर एक स्मारक |
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महल के दो भागों को जोड़ता हुआ छज्जा |
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किला ऊपर और शहर नीचे या दूसरे शब्दों में राजा ऊपर और प्रजा नीचे |
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स्थानीय पत्थर पर शानदार नक्काशी |
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महल के बीच आँगन |
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ऊँचाई से शहर पर नज़र |
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महल का एक और आँगन |
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महल की खिड़कियाँ और नीचे नज़र आता शहर |
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महल के इस हिस्से में छोटे बच्चे रहते थे. छोटे राजकुमार के लिए छोटा सिंहासन |
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गढ़ के कोने में एक बुर्ज |
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पर्यटक |
मेहरानगढ़ पर फोटो ब्लॉग का पहला भाग इस लिंक पर उपलब्ध है:
http://jogharshwardhan.blogspot.com/2017/06/1.html
3 comments:
https://jogharshwardhan.blogspot.com/2017/06/23.html
Nice
Thank you Mittal ji.
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