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Thursday, 3 March 2016

नवाब फन्ने खां का गुड़

नवाब फन्ने खां गर्मी से परेशान हो रहे थे. तख्ते ताउस पर बैठे पंखा झलने वालों को कोस रहे थे. कमबख्त दो दो गुलाम ड्यूटी पर लगा रखे हैं पर हवा ही नहीं लग रही है. पंखों पर पानी छिड़क दिया गया और इत्तर भी डाल दिया गया पर साहब कोई फर्क नहीं पड़ा. नवाब बार बार अपने टकले सिर पर रूमाल से पसीना पोंछ रहे थे. उधर पंखा झल-झल कर दोनों गुलाम पसीने पसीने हो रहे थे.

वज़ीरेआला ने भांप लिया और नवाब के कुंडल से सजे हुए कान में फुसफुसाया:
- हुज़ूर क्यूँ ना आप पहाड़ी नदी किनारे 2-4 दिन का ब्रेक ले लें ज़रा सुकून मिलेगा इस गर्मी से.
- वाह बहुत अच्छे. तैयारी करवाई जाए.

अगली सुबह भारी भरकम नवाब साहब को चार नौकरों ने मिल कर घोड़े पर बैठा दिया. नवाब साब के घोड़े के पीछे दो हथियार बंद घुड़सवार और उनके पीछे दो अदद खानसामें भी अपना टीरा- टंडीरा लेकर चल दिए.

जंगल में पहुंचते ही दुश्मनों ने घेर लिया. दोनों सवारों ने किसी तरह नवाब साहब को झाड़ियों में छुपा दिया. खानसामे भाग लिए, माल-टाल और घोड़े लूट लिए गए. और एक सवार भी गायब हो गया. कुछ देर छुपने के बाद गिरते-पड़ते और हांफते हुए नवाब साब अपने सवार के साथ एक झोंपड़ी तक जा पहुंचे.
- अरे कोई है? पानी मिलेगा क्या?
अंदर से किसान निकला और बोला,
- मिलेगा हुज़ूर जरूर मिलेगा. पानी क्या आपको रस पिलाता हूँ हुज़ूर तबियत खुश हो जाएगी. आप दोनों खटिया पर तशरीफ़ रखिये हुज़ूर. बहुत थके हुए लगते हैं.
वो किसान खेत की तरफ गया, गन्ने तोड़े और दो कटोरे रस भर कर ले आया.
- भई वाह बड़ी राहत मिली और जी खुश हो गया. बोलो बदले में क्या लोगे?
- हुज़ूर कुछ नहीं चाहिए. दाता ने बहुत कुछ दिया है हुज़ूर.
- बहुत खूब. अच्छा तुम हमें पहचानते हो?
- ना हुज़ूर आपको कभी देखा नहीं.
- ये दो कटोरे रस कितने गन्नों में से निकाला?
- सिर्फ दो गन्नों से हुज़ूर.
- बहुत खूब बहुत खूब. अब हम चलते हैं.

अगले दिन नवाब फन्ने खां ने दरबार में वज़ीरे खज़ाना को तलब किया.
- कल हमें झुमरी तल्लिय्या के जंगल में जाने का मौक़ा मिला. कुछ पता है वो इलाका कैसा है?
- जंगल है हुज़ूर जंगल.
- खामोश! उस जंगल में गन्ने की खेती हो रही है. गन्ने में से रस निकाला जा रहा है. रस में से गुड़ बनाया रहा है. गुड़ में खज़ाना है. कुछ समझे वज़ीरे खज़ाना? कुछ खबर है आपको जनाब ?
- जी नहीं हुज़ूर?
- खामोश! फ़ौरन टैक्स लगा दो!

नवाब साब का दीवाने-ख़ास 


1 comment:

Harsh Wardhan Jog said...

https://jogharshwardhan.blogspot.com/2016/03/blog-post_3.html