'सैर कर दुनिया की गाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहां' तो इसको मद्देनज़र रखते हुए हम यात्राएं करते रहते हैं। कभी छोटी कभी लम्बी। और इस कहावत को बदल के कहें तो 'सेल्फी ले ले दुनिया की गाफ़िल याददाश्त फिर कहाँ' तो इसको मद्देनज़र रखते हुए फ़ोटो खींचते रहते हैं।
पिछली लम्बी यात्रा थी लगभग 5000 किमी जो सितम्बर 14 में कार से की - बेंगलूरू > कन्याकुमारी > गोवा > दिल्ली। इस यात्रा के 44 फोटो-ब्लाग 'Long drive to Delhi' के अंतर्गत आप देख सकते हैं।
इन छोटी बड़ी यात्राओं के दौरान बहुत सी फ़ोटो खींचीं कभी चलती गाड़ी से और कभी रूक कर। उन फ़ोटो में से कुछ यहाँ प्रस्तुत हैं पर इनमें कोई क्रम नहीं है मानों भानमती के पिटारे से निकली हुई हों। इन्हें तीन-तीन का ग्रुप बनाकर पेश किया जा रहा है उम्मीद है पसंद आएँगीं।
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श्रीनगर, गढ़वाल से पौड़ी को ओर जाते हुए कोई भैंस तो दिखाई नहीं पड़ी पर 'भैंसकोट' ज़रूर दिखाई पड़ा ! |
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गोकरना, कर्नाटक से गोवा जाते हुए हम गोवा के एक होटल में ठहरे जो Ponda इलाक़े में था ( पर देवनागरी में फोंडा लिखा हुआ था ) ।फोंडा से हमने प्रस्थान किया बेलगाम, कर्नाटक की ओर हमें रास्ते में मिला 'लोंडा' ! |
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पोंडा और लोंडा दोनों गोवा में ही हैं। बेलगाम का भी नाम अब बेलगवी कर दिया गया है। |
1 comment:
https://jogharshwardhan.blogspot.com/2015/04/2_9.html
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