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Thursday 5 June 2014

तेरे मेरे पर्स में क्या है ?

बड़े दिनों से मैं ताड़ में था कि देवी जी इधर उधर हों तो ज़रा उनके पर्स की छानबीन करूँ । काफ़ी भारी भरकम है और उसके अंदर जाने क्या क्या भरा होता है । तरह तरह की छोटी बड़ी जेबें होती हैं जिनमें तरह तरह की ज़िपें लगी होती हैं । उनमें से किसी एक जेब में एक छोटा पर्स होता है जिसके हिलने से सिक्के खनकते हैं हालाँकि किस धातु के सिक्के होते हैं ये अंदाज़ा लगाना मुश्किल है । और किसी दूसरी जेब में एक और पर्स होता है जिसमें से मोबाइल निकलता है । इन दो चीज़ों की जानकारी पक्की है बाक़ी तो हाथ डालने पर पता लगेगा ।

वैसे तो सामने पड़ा है पर उसके अंदर झाँकने की हिम्मत नहीं हो रही है । मामला गंभीर है और परिणाम कुछ भी हो सकते हैं । इसलिए क्यूँ न ये काम सीबीआई को दे दिया जाय । या फिर आईएसआई को दे दिया जाए जिसको पूरी फ़ौज की बैकिंग मिली हुई है । पर वहाँ अभी सम्बन्ध सुधरे नहीं है इसलिए वहाँ मामला देना ठीक नहीं है । सीआइए कैसा रहेगा ? बड़ी तारीफ़ सुनी है की साब जासूसी में अव्वल दर्जे पर है ।

बात ये है की पक्का आदेश है की पर्स का पूरा ख़याल रखना है और कच्चा आदेश भी है की हाथ डालने की सोचना भी मत यहाँ तक की सपने में भी नहीं । 

पर इससे पहले अपना पर्स तो देख लूँ । अपने छोटे से, प्यारे से, हल्के से पर्स में क्या क्या है । इस पर्स में एक अदद 500 का नोट, एक अदद 100 का और एक अदद 10 का है । कुल जमा राशि बिल गेट्स के पर्स से तो कम लग रही है पर अपनी इतवार की बीयर तो पक्की है ।

और क्या है इसमें? एक डेबिट कार्ड है पर डेबिट करने के लिए खाते में बैलेंस शून्य दशमलव शून्य है क्यूँकि पैंशन पहली को मिलेगी और आज 25 तारीख़ है ।

दो क्रेडिट कार्ड भी हैं जिन्हें अगर पर्स से बाहर निकालो तो एलर्जी हो जाती है । पर जब तक दोनों कार्ड बटुए के अंदर रहते हैं तब तक पर्स बड़ा  प्रभावशाली लगता है । 

एक ड्राइविंग लाइसेंस है जिस में जड़ी फ़ोटो देख कर अच्छे दिन याद आ जाते हैं । 

170 -170 रूपए की दो रसीदें हैं जिसे लेकर इस इतवार को वरिष्ठ नागरिकों की मीटिंग में जाना है । और दोनों रसीदें जमा करा के लंच करना है ।

एक वरिष्ठ नागरिक होने का फ़ोटो कार्ड है । फ़ोटो में बाल भी पूरे नहीं आए और दाढ़ी ज़्यादा सफ़ेद आ गई है । कमबख़्त फ़ोटोग्राफ़र निकम्मा निकला जाने कहाँ कहाँ से पकड़ लाते हैं । 

पिछले दिनों काफ़ी पूछताछ की, इंटरनेट खंगाला और दोस्तों यारों से विचार विमर्श किया की पर्स को सदा हरा भरा रखने के क्या क्या उपाय किये जा सकते है । बेचारा जल्दी से सुनसान हो जाता है । 

एक पंडित जी ने उपाय बताया की अपनी जन्म तिथि से तीन नोटों के नम्बर मैच कर लो और पीपल के पत्ते में लपेट कर पर्स में रख कर भूल जाओ बस । अरे साब कुछ भी तो न हुआ । 25 तारीख़ आते आते फिर कड़की छा गई और पर्स सूना हो गया । पीपल का पत्ता भी सूख कर रुआँसा हो गया । उसमें लपेटे हुए नोट भी ख़र्च हो गए । 

एक और मित्र ने जाने कैसे पर्स पर भी वास्तु-शास्त्र ठोक दी । यूँ कहा की पर्स इस तरह से रक्खो की ज़्यादा से ज़्यादा देर पूर्व दिशा की ओर रहे । लो कर लो बात की अब गाड़ी चला रहे हैं पश्चिम की ओर----ख़ैर छोड़ दीजिए इस उपाय को ये तो बिलकुल बेकार लगा । 

पर्स का मुँह रिज़र्व बैंक की तरफ़ रख कर भी देख लिया पर बेकार कोई ट्रांसफ़र नहीं आया । 

एक दूसरे पंडित जी ने उपाय सुझाया की आपकी राशि का जो विशेष रंग हो उसी रंग का पर्स लो । अगर न मिले तो उस रंग का एक काग़ज़ पर्स में रक्खो फ़ुल किरपा होगी और पर्स ख़ाली नहीं रहेगा । राशि का रंग वाला काग़ज़ भी फ़ेल हो गया और दूसरे रंग भी । पर्स में रंगीन काग़ज़ ही बचे नोट उड़न छू हो गए । 

अब सारे तंत्र मंत्र बंद कर दिए हैं और पर्स अपने पुराने ढर्रे पर आ गया है । याने पहली तारीखों में तन्दरुस्त, बीच के दिनों में बीमार और महीने के अंत में कोमा में । 


                                              Right-1is wrong & left-1is right 

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