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Saturday, 6 January 2024

मेरठ-बैंगलोर-मेरठ कार यात्रा: 9. लाल बाग़ और राजवाड़ा, इंदौर

मध्य प्रदेश का इंदौर शहर होल्कर वंश का बसाया हुआ है. इंदौर शहर के दो प्रमुख आकर्षण हैं  नेहरू केंद्र लाल बाग़ और राजवाड़ा. दोनों ही शहर के बीच में हैं और आस पास भीड़ वाले बाज़ार हैं. इंदौर मध्य प्रदेश राज्य का सबसे ज्यादा और घनी आबादी वाला शहर है पर फिर भी राज्य का और देश का सबसे साफ़ शहर है. शहर में नगर निगम की जीप घूमती नज़र आती है और कोई कूड़ा फेंकता नज़र आ जाए तो तुरंत लाउड स्पीकर पर चेतावनी हो जाती है. जीप में बैठे अधिकारी की सीटी भी बजनी शुरू हो जाती है. पर ट्रैफिक का हाल वही है जो देश के दूसरे शहरों में है. सफाई में तो नागरिक सहयोग यहाँ है पर ट्राफिक में नहीं है. 

1. लाल बाग़ 

शहर के बीच बने और 72 एकड़ के विशाल परिसर में फैले हुए लाल बाग़ नेहरू केंद्र में एक महल और बड़े उद्यान हैं. ये लाल बाग़ होल्कर वंश द्वारा बनाया गया था. बनवाने वाले होल्कर नरेश थे:  तुकोजी राव द्वितीय ( 1844  - 1886 ), शिवाजी राव ( 1886 - 1903 ) और तुकोजी राव तृतीय ( 1903 - 1926  ). तुकोजी राव तृतीय 1976 तक यहीं रहे. 1980 के दशक में महल की हालत खराब हो गई. 1988 में प्रदेश सरकार ने लाल बाग़ का अधिग्रहण कर लिया और इसे सांस्कृतिक केंद्र बना दिया. 

परिसर के बहत्तर में से चार एकड़ में 45 कमरों का महल बना हुआ है. लाल बाग़ का गेट लंदन के बकिंघम पैलेस की तर्ज पर बनवाया गया और उस पर होल्कर राज का चिन्ह भी लगाया गया है. गेट पर अष्ट धातु के दो शेर भी बैठाए गए हैं. महल में रोमन, फ्रेंच और बारोक शैली में निर्माण है. इटली की मूर्तियां, बेल्जियम से मंगवाया गया कांच का सामान और कई यूरोपियन देशों से मंगाई गई पेंटिंग्स लगाईं हुई हैं. कमरों की छतों पर सुन्दर चित्रांकन है और फर्श पर सुन्दर कालीन बिछे हुए हैं. कई छोटे बड़े मीटिंग रूम, डाइनिंग हाल इत्यादि हैं. 

कुछ फोटो प्रस्तुत हैं:

2. लाल बाग़ का गेट 

3. गेट से अंदर महल की ओर जाती सड़क 

4. लाल बाग़ महल 

5. सूबेदार मल्हार राव होल्कर की प्रतिमा ( 1693- 1766 ) 

6. दरबार हाल के दरवाज़े पर देवी अहिल्या बाई होल्कर की फोटो 

7. महल का एक गलियारा 

8. शाही शौक की निशानी 

9. मीटिंग हॉल 

10. मीटिंग हॉल 

11. मीटिंग हॉल 

12. रानी विक्टोरिया की मूर्ति 

13. डांस हॉल 

2. राजवाड़ा 

राजवाड़ा या होल्कर महल इंदौर शहर के घनी आबादी के बीच में बना हुआ है. इसे इस तरह भी कह सकते हैं की इंदौर शहर इसी भवन के आस पास बनता चला गया. शुरुआत 1747 में सूबेदार मल्हार राव होल्कर ने अपने परिवार के निवास बनाने के लिए की और बाद में महल बनाया गया और समय समय पर महल में फेर बदल होते रहे. लकड़ी का काफी काम हुआ था जिसके कारण कई बार आग भी लग चुकी है. पेशवा बाजी राव ने मल्हार राव को ये जागीर दी थी जिसमें मालवा, खानदेश और इंदौर के आस पास के बहुत से गांव शामिल थे. महल सात मंज़िल का है और इसकी बनावट में मुग़ल, मराठा और यूरोपियन शैली शामिल हैं. कुछ फोटो प्रस्तुत हैं:

 
14. महल के अंदर मंदिर 

15. महल में अलग अलग शैली के भवन 

16. सुन्दर खम्बों से सज्जित गलियारा 

17. महल के पहले माले का एक भाग 

18. एक और अलग तरह का गलियारा 

19. आँगन 

20. राजस्थानी शैली के छज्जे 

21. मुख्य दरवाज़ा 

22. बाहर सड़क से एक दृश्य 

23. अंदर आँगन से एक फोटो 


24. लकड़ी के सुन्दर नक्काशीदार खम्बे 
 
25. राजवाड़े का इतिहास  


  

1 comment:

Harsh Wardhan Jog said...

इस फोटो ब्लॉग का लिंक:
https://jogharshwardhan.blogspot.com/2024/01/9.html