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Saturday, 5 September 2020

साब की कार

प्रमोशन के साथ ही साथ ही गोयल साब की ट्रान्सफर भी हो गई. अब वो बैंक की झुमरी तलैय्या में सारी ब्रांचों के जनरल मैनेजर बन गए. धूमधाम से स्वागत होने के बाद कुर्सी सम्भाल ली. अगले दिन हेड ऑफिस से फ़ोन आया, 

- सार सुब्रामणियम सार! बहुत अच्चा पोस्टिंग मिला है सार. 

- थैंक्यू .

- एक खुशखबर है सार. मई सोचा पहले मई फोन करेगा सार को. आपको नया गाड़ी का सैंक्शन हो गया सार. नो लिमिट सार. कोई भी गाड़ी ले सकता सार. येनी ब्रांड सार.

- गुड.

- हम आएगा सार मिलने को. भाबी जी का हाथ का पराटा खाएगा सार. थैंक्यू सार.  

तुरंत फैक्स भी आ गया. पर गोयल सा को कार में ज्यादा रुचि नहीं थी. अगले साल ही तो रिटायर हो जाना है फिर बैंक गाड़ी वापिस ले लेगा. फिर भी श्रीमती को फोन पर सूचना दे दी की सुब्बू का फोन आया था. नई गाड़ी मिल सकती है और इस पर मैडम से मुबारक बाद ले ली. जितनी ख़ुशी साब को जी एम बनने पर हुई उस से ज्यादा मैडम को नई कार की बात सुन कर हुई.

फोन रख कर साब ने फिर पिछली जेब से कंघी निकाल कर बालों में घुमाई. अब बाल तो गिनती के ही बचे थे पर फिर भी. फिर टाई ठीक की. टाई भी माशाल्ला बड़े से पेट पर टिक जाती थी तो हिलती नहीं थी. अब आप से क्या छुपाना साब को बियर का बड़ा शौक है, और अगर साथ में कबाब हो तो सोने पर सुहागा. शाम को डिनर पर नई कार की चर्चा तो होनी ही थी. बिल्लू और बहु भी थे वो भी शामिल हो गए.

- मैं तो कहती हूँ नई कार ले ही लो. किट्टी और शौपिंग का मज़ा हम भी तो लें.

- पापा अगर पैसे की लिमिट नहीं है तो बी एम डब्ल्यू ले लो. कनाडा जाने से पहले हम भी मज़ा ले लें.

- यार ये गाड़ी पुरानी थोड़ी हुई है. चलने दो.

- पापा आप भी ! जब एम्बेसडर मिलनी थी तो आप कहते थे स्कूटर ही ठीक है, जब मारुती मिलनी थी तो आप कहते थे एम्बेसडर ही ठीक है और अब और बड़ी चॉइस मिल रही है तो वो ही पुरानी ही ठीक है.

- इनकी सोच तो ऐसे ही रही है बेटे बिल्लू. तू कहेगा तो शायद नई गाड़ी आ भी जाए मेरे कहने से तो नहीं आएगी. और इस बार प्लीज़ गाड़ी पर 'भारत सरकार' ना लिखवा देना. 

- पापा बी एम डब्ल्यू या फिर ऑडी या फिर मर्सडीज़ ? और हाँ इस बार सफ़ेद रंग नहीं चलेगा. 

- चल जो तू कहे!

- वाह वा! पर लखनऊ में ही मिलेगी यहाँ तो कोई शोरूम नज़र नहीं आता.\

- चलो कल मैं अर्रेंजमेंट करता हूँ. अगले दिन साब ने पी ए को बोला हज़रत गंज में सक्सेना से बात कराओ.

- सक्सेना क्या हाल है ? एक काम करो एक बी एम डब्लू कार की इनवॉइस भिजवाओ.

- जी सर जी सर. आप कहें तो मैं लेकर आ जाता हूँ सर. हें हें हें! एक घंटे की तो ड्राइव है बस. कौन सा कलर पसंद किया है भाभी जी ने सर? और सर बिल्लू तो कनाडा चला गया होगा? बहुत होनहार बच्चा है जी आपकी तरह. शादी में मिला था पर बहुत ही मिलनसार लगा सर. सर मेरी ब्रांच की विज़िट भी करनी है सर. 

- हाँ आना है आपके पास. 

- मेरी समझ से सर विज़िट का प्रोग्राम ऐसा रहे की गाड़ी की डिलीवरी भी उसी दिन हो जाए. फिर आप फॅमिली समेत नई गाड़ी में वापिस जाएं. होटल वोटल मैं देख लूँगा सर.

- हूँ. एक गाड़ी खाली आएगी?

- नहीं सर खाली क्यूँ? लखनऊ के चिकन वर्क के कुरते पाजामे भी तो जाएंगे. और सर पिछले दिनों एक बहुत बड़ी डेरी फाइनेंस की है सर. उसके दो एक कनस्तर घी के भी तो भेजने हैं सर. 

सारे काम ठीक हो गए. मैडम और बहु की शौपिंग हो गई, साब की ब्रांच इंस्पेक्शन भी हो गई और दोनों गाड़ियां सही सलामत वापिस घर पहुँच गईं. अगले दिन मैडम ने सुझाव दिया,

- आप आज पुरानी गाड़ी ऑफिस ले जाओ और नई गाड़ी बिल्लू चला लेगा और हम मन्दिर हो आएँगे. 

- हूँ.

मिठाई, नारियल, फूल पत्ते लेकर मैडम, बिल्लू और बहु मंदिर पहुंचे. गाड़ी का तिलक कराया और दान दक्षिणा दे दी. वापिस चल पड़े पार्किंग की तरफ. तीनों खुश थे और बिल्लू कार की तारीफें करता हुआ थोड़ा जोश में आ गया. बैक करते हुए भी बतियाये जा रहा था और पीछे देखा नहीं. गाड़ी धाड़ से रेलिंग पर जा लगी. नीचे उतर कर देखा और बोला,

- अरे कुछ नहीं कुछ नहीं. मामूली सी खरोंच है. नई कार का ब्यूटी स्पॉट है. हें हें हें. पर प्लीज़ आप पापा को नहीं बताना. 

- ओहो! ध्यान से चलानी थी तूने बिल्लू. पापा को पता लगा तो?

- मम्मी उन्हें कहाँ पता लगाता है इन सब चीज़ों का जब तक की ड्राईवर ना बता दे. सुबह ड्राईवर आएगा तो आप मुझे बुला लेना उसको सेट कर दूंगा. फिलहाल तो आप नई गाड़ी में नैनीताल का प्रोग्राम बना लो. 

साहब की नई कार 



3 comments:

Harsh Wardhan Jog said...

https://jogharshwardhan.blogspot.com/2020/09/blog-post.html

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

सुन्दर और सारगर्भित।
शिक्षक दिवस की बहुत-बहुत बधाई हो आपको।

Harsh Wardhan Jog said...

धन्यवाद डॉ रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
शिक्षक दिवस की बधाई