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Friday, 12 July 2019

भीष्म साहनी को श्रद्धांजलि

भीष्म साहनी जी से संयोगवश मुलाकात जून 1977 में दिल्ली में हुई थी. रूसी ( उस वक़्त सोवियत ) सांस्कृतिक केंद्र में मैक्सिम गोर्की पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया था. उस गोष्ठी में मैंने गोर्की की एक कविता का रूसी भाषा में पाठ करना था और साहनी जी ने उस आयोजन की सदारत करनी थी. समापन के बाद साहनी जी ने हाथ मिलाते हुए कविता पाठ पर बधाई दी और ऐसे बात करने लगे जैसे पुरानी पहचान हो. जबकि मेरे मन में ये विचार था की नामी साहित्यकार और गिरामी स्थान रखने वाले इंसान मुझसे कहाँ बात करेंगे? 

पर साहनी जी ने बड़ी सरलता, सौम्यता और शालीनता से बात की. उनका शांत चेहरा देखकर मन को सुकून मिला. ऐसी ही सरलता उनके लेखन में भी नज़र आती थी. आम भाषा में आम लोगों के बारे में छोटी बड़ी बातें आसानी से लिख डालते थे. कुछ कुछ मुंशी प्रेमचंद या यशपाल की तरह. 

साहनी जी का जन्म 8 अगस्त 1915 को रावलपिंडी में हुआ और निधन 11 जुलाई 2003 के दिन दिल्ली में हुआ. उन्होंने लाहौर से अंग्रेजी साहित्य में एम ए किया और 1958 में पंजाब विश्विद्यालय चंडीगढ़ से पी एच डी की. अम्बाला, अमृतसर और दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रहे. 1957 से 1963 तक मास्को में अनुवादक भी रहे और कई रूसी पुस्तकों का अनुवादन भी किया. 1998 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया और 2002 में साहित्य अकादमी की फेलोशिप प्रदान की गई. उनकी प्रमुख रचनाएं हैं:
उपन्यास - तमस, झरोखे, बसन्ती, मैय्यादास की माड़ी, कुन्तो, नीलू नीलिमा और निलोफर. 
कहानी संग्रह - मेरी प्रिय कहानियां, वांगचू , निशाचर, भाग्यरेखा.
नाटक - हानुश, माधवी, कबीरा खड़ा बाज़ार में, मुआवज़े.
बाल कथा - गुलेल के खेल. 
भीष्म साहनी मशहूर फ़िल्मी एक्टर बलराज साहनी के छोटे भाई थे और उन्होंने इस पर एक आत्मकथा भी लिखी - बलराज माय ब्रदर. 

महान साहित्यकार को श्रद्धांजलि. उनकी पुस्तकों के माध्यम से उन्हें याद करते रहेंगे. 

भीष्म साहनी समापन भाषण देते हुए. दाहिने से दूसरे स्थान पर हर्ष वर्धन जोग 



5 comments:

Harsh Wardhan Jog said...

https://jogharshwardhan.blogspot.com/2019/07/blog-post_12.html

Jyotirmoy Sarkar said...

Good to know about him, thanks for sharing.

Harsh Wardhan Jog said...

शुक्रिया सरकार

Yogi Saraswat said...

मैंने तमस पढ़ी है भीष्म साहनी की ! और तारीफ .. मैं क्या कर सकता हूँ इतने बड़े लेखक की लेकिन आपकी तारीफ करनी पड़ेगी ! स्टाइलिश दिख रहे हो आप :)

Harsh Wardhan Jog said...

धन्यवाद योगी जी! तमस काफी चर्चित रचना थी और टीवी सीरियल के बाद और भी पोपुलर हो गई. रही स्टाइल की बाद तो जोशे जवानी थी.