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Sunday, 15 July 2018

लक्ष्मण मंदिर, देवल, उत्तराखंड

उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में एक गाँव है देवल. ये गाँव पौड़ी तहसील से लगभग 15 किमी दूर एक बड़ी घाटी में है. यहाँ एक प्राचीन लक्ष्मण मंदिर है जिसे वैष्णव मंदिर भी कहते हैं. ये छोटे बड़े 12 मंदिरों का समूह है. स्थानीय लोगों में लक्ष्मण और सीता की पूजा होती है शायद इसलिए इस क्षेत्र का एक नाम सितोंस्युं भी है. इन मंदिरों की वास्तु केदारनाथ और बागेश्वर मंदिरों से मिलती जुलती है. कुछ मंदिर 12वीं और 13वीं के बने माने जाते है और कुछ 18वीं या 19वीं शताब्दी के. स्थानीय लोगों के अनुसार आदि शंकराचार्य के आने के बाद ही मंदिरों का निर्माण हुआ इसलिए सभी मिलते जुलते हैं.

बहरहाल इससे ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई. इनमें से एक बड़े मंदिर में आजकल लाउड स्पीकर और झंडा लगा हुआ है और पूजा पाठ हो रहा है. इस मंदिर समूह से लगभग 200 मीटर दूर ढलान पर एक छोटी सी नदी किनारे एक और मिलता जुलता धार्मिक स्थल बना हुआ है. इसकी दीवारों और छत पर भी काले पत्थर में सुंदर नक्काशी है. पर ये कब बना और किसलिए बना इसकी जानकारी नहीं मिली. इन छोटे बड़े मंदिरों को देख कर लगता है की पुरातत्व विभाग को और खोजबीन करनी चाहिए.
प्रस्तुत हैं कुछ फोटो :

मंदिर समूह 

सूचना पट सुंदर हैं पर सूचना कम है 
प्रांतीय सरकार द्वारा लगाया गया सुंदर सूचना स्तम्भ  

मुख्य मंदिर

काफी मेहनत से बनाए गए सुंदर खम्बे, दरवाज़े और शिखर 

छोटा सा मंदिर 

शायद अंदर मूर्ति रही हो 

नक्काशीदार पत्थर के ढाँचे में आधुनिक लोहा 

मुख्य मंदिर में पूजा पाठ होती है 

मंदिर बहुत ऊँचे और बड़े नहीं हैं 

लक्ष्मण मंदिर से 200 मीटर दूर धरोहर का अनजाना खजाना 

प्रवेश द्वार पर नक्काशी 

दीवार और छत पर सुंदर नक्काशी 

खम्बों पर नक्काशी 

एक अलग थलग पड़े पत्थर में घड़ी मूर्ति 

कई पत्थर इसी तरह ही पड़े हुए हैं 

मंदिर परिसर में दर्शनार्थी 

देवल गाँव इस घाटी में नीचे है 

पौड़ी से देवल गाँव की ओर जाने का रास्ता कुछ इस तरह का है --




1 comment:

Harsh Wardhan Jog said...

लिंक - https://jogharshwardhan.blogspot.com/2018/07/blog-post_15.html