धारी देवी मंदिर अलकनंदा नदी के बीचोबीच बना हुआ है. श्रीनगर गढ़वाल से रुद्रप्रयाग जाते हुए रास्ते में लगभग 15 किमी आगे बाईं ओर कल्यासौड़ में स्थित है. इस मंदिर में धारी देवी का ऊपर का हिस्सा स्थापित है और निचला हिस्सा कालीमठ ( 67 किमी दूर ) में है जो काली देवी के नाम से पूजा जाता है. ये मंदिर भारत के 108 शक्ति स्थलों में से एक माना जाता है और ये भी मान्यता है की धारी देवी चार धाम की रक्षक है.
इससे जुड़ी एक रोचक लोक कथा है जिसे आप मानें या ना माने. इसी अलकनंदा पर एक 330 मेगावाट का प्रोजेक्ट बनना था जिसके कारण 16 जून 2013 को मूल मंदिर गिरा दिया गया. उत्तराखंड और हिमाचल में 14 से 17 जून लगातार भारी बारिश दर्ज की गई. उधर 16 जून को ग्लेशियर के ऊपर बादल फटने की घटनाएं हुई. बादल फटने के साथ ही केदारनाथ क्षेत्र में भयंकर बाढ़ आ गई. बाद में मूर्ति को 20 मीटर की ऊँचाई पर पुनर्स्थापित किया गया और प्रोजेक्ट शुरू किया गया.
प्रस्तुत हैं कुछ फोटो:
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धारी देवी मंदिर
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हाईवे पर बना मुख्य द्वार. दक्षिण भारत के मंदिरों से मिलता जुलता |
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पूजा सामग्री बाज़ार |
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मंदिर जाने के लिए बना पुल |
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भजन कीर्तन |
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सुंदर सीनरी हो तो सेल्फी तो बनती है |
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नीचे जाने का रास्ता |
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मंदिर जाने का रास्ता |
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जय भोले नाथ |
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मंदिर में नई नवेली पहाड़ी दुल्हन |
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धारी देवी मंदिर का एक और दृश्य |
5 comments:
Updated by this latest development in recent years. I have seen this Dhari mata mandir in 1998 when I was posted at Mukkhumath (near and via Ukhimath). As I remember at that time this temple was quite near to Srinagar Garhwal and situated at the bank of river Alaknanda. There is a tradition that Devotees use to offer / donate Ritual Bell/Ghanta at this temple and the temple is having hundreds of such bells. Pranam to Mata Dhari Devi.
https://jogharshwardhan.blogspot.com/2018/07/blog-post_11.html
Thank you Gulshan Hemnani. It was shifted due to construction of Dam. Ghanta / Ghanti are still being offered as in other temples of Uttarakhand.
Thank you Anjali Kohli.
Shall visit your site also.
@ Anjali Kohli. Your website is beautiful and so are the presentations. I do not however, subscribe to astrology.
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