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Sunday, 28 January 2018

न्यूज़ीलैण्ड यात्रा - मोराकी बोल्डर्स

नाश्ते के बाद अपना कारवां लेकर खरामा खरामा समन्दर के किनारे चल दिए. खिली धूप में पहाड़ और झील के दृश्य बहुत ही सुंदर लगते हैं. कारवां पहुंचा हेम्पडेन और उसके आगे था मोराकी. गूगल बाबा ने सूचना दी कि मोएराकी बोल्डर वाला बीच आगे है और देखा जा सकता है. अब इस नाम को इंग्लिश में तो यूँ लिखते हैं - Moeraki हिंदी में आप मोराकी या मोएराकी कह सकते हैं.

ये बोल्डर या चट्टानें भी कुदरत का एक करिश्मा हैं. बड़े बड़े गोल मटोल फुटबॉल की तरह बीच पर फैले हुए अजीब से ही लगते हैं. कुछ छोटे, कुछ बड़े, कुछ रेत में आधे दबे हुए और कुछ टुकड़े टुकड़े होकर बिखरे हुए.
यहाँ इन पर काफी रिसर्च हुई जिसमें ये पाया गया की ये बारीक चिकनी मिट्टी और बहुत महीन खनिज वाली रेत से बने हुए हैं. इनको केल्साइट ने आपस में सीमेंट की तरह जोड़ दिया है. इनकी बनावट दस लाख साल से भी पहले की है. ये पूरे कोएकोह तट पर दूर दूर तक बिखरे हुए हैं. जैसे जैसे पानी से मिट्टी कटती है ये ऊपर निकलते आते हैं.

दुनिया के 10 रहस्यमय स्थानों में से एक ये भी है.

यहाँ इन बोल्डर्स को नुक्सान पहुंचाना या इन पर लिखना मना है. ये तो हमें ठीक नहीं लगा. अरे यार कम से कम हम हिन्दुस्तानियों को 'आई लव यू' और दिल में तीर का निशान बनाने की इजाज़त तो मिलनी चाहिए थी. हम तो यहाँ ढाबा या चाय पकौड़े का खोखा बनाने को भी तैयार हैं !

अपना कारवां पार्क किया और घूमने निकल गए. तट से दूर जहां किनारा कटा फटा और गहरा है वहां इन पत्थर की फुटबॉल के अलावा पेंगुइन और सील भी नज़र आयीं. पर काफी दूर थीं. कुछ फोटो :

ये हैं गोल बोल्डर. बहुत बढ़िया गोल मटोल फुटबॉल बनी हुई हैं  

नज़दीक से देखिये 

बीच बीच में एकाध फुटबॉल पिचकी हुई है, दबी हुई है या खुल गई है 

कुदरती गेंदें. कहा जाता है की दो साल पहले इनकी संख्या बहुत ज्यादा थी  

मोराकी बोल्डर्स बीच 

बहुत बड़े इलाके में फैली हुई हैं ये गेंदें. अब इन चट्टानों पर लिखना या तोड़ना या ले जाना गैर कानूनी है  

लगातार खारे पानी  लगने से और धूप से चटकने लग गईं हैं बोल्डर 

छोटे-बड़े, आधे-अधूरे  और टूटे फूटे बोल्डर 

बोल्डर और बोल्ड-मैन

दोनों लाल लाइनों के ऊपर गौर से देखें 'सील' दिखाई पड़ेंगी . धूप सेक रही हैं 

लाल लाइन के ऊपर दो पेंगुइन हैं - सफ़ेद वाली खड़ी है और ग्रे कलर में दूसरी उसके सामने लेटी हुई है 

नाश्ते की तलाश

सुनहरी सुबह 

अपना चलता फिरता 1 bhk 




7 comments:

A.K.SAXENA said...

Wah wah kya baat hai. Prakratik scenes bemisal. I love you/ dil men teer laga hua chitra chipkane ko mil jaata ham Hindustaniyon ko,kasam se maza aa jata. DHANYWAD.

Rajinder Singh said...

Sir ji Aap new to Ghar par hi.videsh ki ultra kera di. Thnx for the good information.

Rajinder Singh said...

Sir ji Aap new to Ghar par hi.videsh ki ultra kera di. Tknx for the good information.

Subhash Mittal said...

Nice

Harsh Wardhan Jog said...

Thank you Mittal ji.

Harsh Wardhan Jog said...

Thank you Rajinder Singh.

Harsh Wardhan Jog said...

Thank you Saxena ji.