Pages

Sunday, 4 February 2024

मेरठ-बैंगलोर-मेरठ कार यात्रा: 13. भूतीया किला भानगढ़ राजस्थान

भानगढ़ जो भूतिया किले के नाम से भी जाना जाता है, अलवर जिले में स्थित है. सरिस्का के जंगल से 50 किमी दूर है. जयपुर से लगभग दो घंटे में और दिल्ली से चार साढ़े चार घंटे में पहुंचा जा सकता है. इंटरनेट पर इस किले के बारे में बहुत पढ़ा था की 'देश का सबसे डरावना किला', 'भयानक किला' जहाँ शाम को जाना मना है, 'most haunted fort of  India' वगैरह वगैरह। जयपुर से दिल्ली आते हुए सोचा की भूतों का डेरा भी देखते चलें तो फिर कार उधर मोड़ ली. भूत होंगे तो भूतनी भी तो होंगी! किसी ना किसी से तो मुलाकात हो ही जाएगी ?

भानगढ़ अरावली की पहाड़ियों के अंदर ग्रामीण इलाके में है और आने जाने की आड़ी तिरछी सड़कें भी गांव-खेड़े और खेतों में से होकर गुजरती हैं. जीपीएस की मदद से आसानी से पहुँच सकते हैं. किला पुरातत्व विभाग के आधीन है और रात को किले में जाना मना है. चलिए दिन में ही चलते हैं. अंदर जाने के लिए टिकट लगता है और कार पार्किंग के भी पैसे लगते हैं. सरकारी गाइड एक दो ही हैं गैर सरकारी गाइड ज्यादा हैं जो आपको तरह तरह के किस्से सुना कर किले में भूत प्रेत होने का दावा करते हैं. 

किला सुन्दर है और भारी पत्थर और ईंटों से बनाया गया है. पहाड़ी की ढलान पर बना है और अभी तक किले को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है. किले के द्वार थे लाहोरी गेट, अजमेरी गेट, दिल्ली गेट और फुलबारी गेट. किले में पांच सुन्दर मंदिर हैं गोपीनाथ मंदिर, केशव राय मंदिर, सोमेश्वर मंदिर, मंगला देवी मंदिर और गणेश मंदिर। किले में पुरोहित की हवेली, नाचन की हवेली और महल भी है.

भूतिया किले का एक किस्सा तो ये है की एक साधु बालू नाथ यहाँ अकेले रहते थे और ध्यान लगाते थे. जब माधो सिंह ने यहाँ किला बनवाना शुरू किया तो साधु ने कहा की अगर तेरे किले या किले के किसी हिस्से की छाया मेरी कुटिया पर पड़ी तो तेरा किला बर्बाद हो जाएगा। माधो सिंह ने हामी भर ली पर बाद में उसका पोता अजब सिंह मुकर गया. साधू के श्राप से भानगढ़ सुनसान हो गया. 

दूसरा किस्सा ये था की भानगढ़ की सुन्दर राजकुमारी रत्नावती अपनी सहेलियों के साथ जौहरी बाज़ार आई. राजकुमारी एक इत्तर की शीशी ले रही थी. एक जादूगर जो उस राजकुमारी को लगातार निहार रहा था, उसने चुपके से उस इत्तर पर वशीकरण मन्त्र फेर दिया। पर रत्नावती की सहेली ने राजकुमारी को बता दिया। राजकुमारी ने इत्तर की शीशी तुरंत पत्थर पर दे मारी। पत्थर लुढ़कता हुआ जादूगर पर जा गिरा। मरने से पहले जादूगर ने भानगढ़ को श्राप दे दिया। श्राप के कुछ समय बाद मुग़लों ने भानगढ़ पर हमला कर दिया जिसमें राजकुमारी भी मारी गई और भानगढ़ सुनसान हो गया. 

कुछ फोटो प्रस्तुत हैं:

किले का निर्माण सन 1573 कराया गया था. बनवाने वाले थे आमेर ( अम्बेर ) के राजा भगवंत दास कुशवाहा ( इंटरनेट में कई जगह नाम भगवंत सिंह भी लिखा है)

भगवंत दास ने ये किला माधो सिंह के लिए बनवाया था. माधो सिंह राजा मान सिंह के भाई थे जो अकबर के दरबार में दीवान थे. भान सिंह कुशवाहा माधो सिंह के दादा थे इसीलिए इस किले का नाम भानगढ़ रखा गया.  

भानगढ़ का नक्शा 

भानगढ़ में मकान, बाज़ार और महल भी हैं परन्तु इनमें छतें नहीं हैं 

जौहरी बाज़ार 

जौहरी बाज़ार का एक भाग 

जौहरी बाज़ार की सुरक्षा चौकी 

जौहरी बाज़ार की दुकानों में छतें नहीं हैं 

किले का द्वार जहाँ से महल में जा सकते हैं  

नागर शैली में बना सुन्दर गोपीनाथ मंदिर। गाइड ने बताया यहाँ पांच मंदिर हैं पर किसी में भी मूर्ति नहीं हैं 

अपना अपना महल!

कहाँ जाना है ?

महल का रास्ता 

महल के गेट पर बनी ड्योढ़ी 

शायद नाचन या नर्तकी की हवेली है ये 


बरगद का पेड़ की नीचे खाली कोठरी 

बरगद के घने पेड़ों में से गुजरता रास्ता 


केशव राय मंदिर 

किले की दीवार 

 किले के बीच में एक मकबरा 

पेड़ों के झुरमुट के पास छोटा ताल है जहाँ पहाड़ी से आता पानी जमा हो जाता है. यहाँ सुन्दर हरियाली और ठंडक है और एक मंदिर भी है 

पर्यटकों के पीछे महल है 

जौहरी बाज़ार का दूसरा सिरा 

    

मैं इधर जाऊं या उधर जाऊं?


ये तीन फोटो 'Rajasthan Gazeteer 1880 के कुछ पन्नों में से हैं. इसके अनुसार सम्वत 840 में  भानगढ़ में अकाल पड़ा था और भानगढ़ खाली हो गया था. तब से खाली ही पड़ा है ( ये तारीख ठीक नहीं लगती है. विक्रमी सम्वत आज के अंग्रेजी कैलेंडर से 57 साल आगे चलता है. इस तरह से तो यह सम्वत 840 सन 743 बनता है जबकि किला 1573 के आसपास बना था ).

राजस्थान गैज़ेटीयर से 

राजस्थान गैज़ेटीयर से 


शाम लगभग पांच बजे तक वहां रहे भूत प्रेत तो कोई मिला नहीं। अगर आप को मिले तो जरूर बताएं दोबारा आ जाएंगे उस भूत से मिलने के लिए!





2 comments:

Harsh Wardhan Jog said...

इस ब्लॉग का लिंक
https://jogharshwardhan.blogspot.com/2024/02/13.html

Anonymous said...

Good, excellent explanation. Aap ke sath hum bhi ghoom liye.