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Thursday 21 December 2023

मेरठ-बैंगलोर-मेरठ कार यात्रा: 5. बूंदी का किला

बूंदी राज्य की स्थापना 1342 में हाड़ा राजपूत राव देवा सिंह हाड़ा ने की थी. इससे पहले यहाँ की बागडोर सरदार बूंदा मीणा के हाथ में थी और इस क्षेत्र को 'बूंदा का नाल' कहा जाता था. कहा जाता है कि बूंदा मीणा के पौत्र जैत मीणा से छल पूर्वक राज ले लिया गया था. इसके बाद बूंदी और आसपास का इलाका हाड़ौती कहलाने लगा. 1544 के बाद बूंदी राज्य मेवाड़ के आधीन, 1569 में मुग़लों के आधीन और 1818 में ब्रिटिश के आधीन हो गया. 1947 में बूंदी का भारत में विलय हो गया. किला 1342 में बनना शुरू हुआ था और धीरे धीरे बढ़ता गया. बनावट केवल राजस्थानी शैली में है. अंदर सुन्दर महल, मंदिर हैं. पानी की शानदार व्यवस्था है. किले में पत्थर काट कर बनाई हुई झील भी है. कुछ फोटो प्रस्तुत हैं.

1. हाथी पोल याने हाथी दरवाज़ा, राजा सा हाथी पर बैठे बैठे अंदर या बाहर आ जा सकते थे 


2. किला काफी बड़ा है और सबसे ऊँची बुर्ज पर पहुंचना भी एक एडवेंचर है 

3. हिण्डोला ! झूला डालने के लिए बने खम्बे 

4. राजा सा का सिंहासन 

5. दरबार हॉल 

6. दरबार हॉल 

7. महिला दीर्घा। यहाँ से दरबार हाल देखा जा सकता था 

8. ऊपरी मंज़िल 

9. महिला निवास का एक दृश्य 

10. बादल महल 

11. बदल महल के सुन्दर खम्बे 

12. छोटा सा पूल. महल में गर्म और ठन्डे पानी की व्यवस्था थी 

13. फूल महल 

14. शाही शौचालय 


15. ना घर तेरा ना घर मेरा चिड़िया रैन बसेरा

16. पहरेदार की बुर्जी 

17. अस्तबल 

18. चित्रशाला की ओर ऊपर  जाता रास्ता 

19. किले के प्रवेश से पहले गणेश मंदिर 

20. किले की एक छत से नज़र आता बूंदी शहर 

21. हाथी पोल के अंदर 

22. राजा सा अपने सिंहासन पर बैठे बैठे हाथी पोल से आने जाने वालों को देख सकते थे 




6 comments:

Harsh Wardhan Jog said...

https://jogharshwardhan.blogspot.com/2023/12/5.html

Bablu devanda said...

आपने बहुत अच्छा लिखें हो सर जी।।
सुपर्ब जी ☝🏻☝🏻💐💐💐

Anonymous said...

शानदार वर्णन of बूंदी किला 🙏🙏

विकास नैनवाल 'अंजान' said...

बहुत सुंदर तस्वीरें।

Harsh Wardhan Jog said...

Blogger विकास नैनवाल 'अंजान' बहुत बहुत धन्यवाद!

Harsh Wardhan Jog said...

Bablu devanda जी धन्यवाद!