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Saturday, 4 September 2021

दर्जिन चिड़िया

दर्जिन चिड़िया छोटी सी हल्की फुल्की चिड़िया है और छोटे छोटे पेड़ पौधों के आसपास मंडराती नज़र आ जाती है. बड़ी फुर्ती से एक डाल से दूसरी पर और एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर फुदकती रहती है. शायद इसीलिए इसका नाम फुदकी पड़ गया है. दर्जिन नाम इसलिए है की दरजी की तरह अपने घोंसले को पत्तों से सी कर जोड़ देती है. 

फुदकी का अंग्रेजी नाम Tailorbird है और वैज्ञानिक नाम Orthotomus है. ज्यादातर एशिया में पाई जाती है और तेरह प्रजातियां भी हैं. उसी तरह से तेरह नाम भी हैं. जैसे काले सिर वाली दर्जिन का नाम है Orthotomus nigriceps वगैरह.  

पिछले दिनों दर्जिन के घोंसले की कई बार फोटो और वीडियो बनाने की कोशिश की. काम आसान नहीं है बहुत धीरज और समय की जरूरत पड़ती है. कुछ फोटो और दो छोटे छोटे वीडियो प्रस्तुत हैं:  


हमारे पड़ोसी गर्ग साब ने बैंगन के कुछ पौधे लगाए थे. इस फोटो पर ज़रा गौर फरमाइए. इस में बैंगन के दो पौधे हैं, फुदकी चिड़िया है और उसका घोंसला भी है.  

दर्जिन का घोंसला. बड़ी मेहनत से पत्ते के नीचे घोंसला बनाया है. पत्ते और घोंसले को आपस में जगह जगह सिल  कर सुरक्षित कर दिया है. जमीन से तीन फुट ऊँचा भी नहीं है पर आते जाते पता ही नहीं लगा और घोंसला तैयार भी हो गया!

ये देखिये तिनके, सुतली, धागे, रुई का जुगाड़ कर के आशियाना बना लिया है 

असल में जब घोंसले के आसपास दर्जिन जोड़े की गतिविधि बढ़ गई तभी मालूम हुआ की यहां कुछ है. उस से पहले तो पता ही नहीं चला कि बैंगन की पत्ते के नीचे घोंसला बना हुआ है! फुदकी की दाद देनी पड़ेगी कि कैसे उसने पत्ते का चुनाव किया, सामान इकट्ठा किया, सिला और संजो भी दिया!

इस बीच कई बार बारिश भी हुई. ऐसा लगता था कि घोंसला बारिश और हवा के झोंके नहीं झेल पाएगा पर सब कुछ ठीक ही रहा. बच्चे बड़े हो कर उड़ भी गए 

जमीन के नज़दीक, गाड़ियों की आवाजाही, बिल्ली- कुत्ते से भी कोई फर्क नहीं पड़ा 
  


छोटी सी चिड़िया की फोटो लेना या वीडियो बनाना आसान नहीं है. लगातार फुदकती रहती है. नज़दीक जाने से डर कर उड़ जाती है. लगातार इंतज़ार के बाद एक दो बार ही ऐसा मौका मिल पाया 😁



4 comments:

Harsh Wardhan Jog said...

https://jogharshwardhan.blogspot.com/2021/09/blog-post.html

विकास नैनवाल 'अंजान' said...

खूबसूरत... हमारे गुलाब के पेड़ में भी एक बार चिड़िया का घोंसला था... बचपन में स्कूल से आने के बाद सबसे पहला काम उसमें पल रहे बच्चों की खबर लेना ही होता था....अच्छा लगा यह जानकर की बिल्ली की नजर से बच गए ये चिड़िया के बच्चे....

Harsh Wardhan Jog said...

धन्यवाद विकास नैनवाल 'अंजान'. पत्ते का चुनाव देख कर हैरानी हो रही थी. पर फुदकी निश्चिन्त थी!

Anonymous said...

पढ़कर बहुत ही अद्भुत लगा कि इतनी छोटी सी चिड़िया क्या कमाल का

घोंसला बनाती है आपका भी धन्यवाद कि आपने इसको बहुत बारीकी से अध्ययन किया है विजय निश्चल