गली में से किसी फेरी वाले की आवाज़ आ रही थी 'कम्बोल' पर साफ़ तौर पर समझ नहीं आया कि क्या बेच रहा है. बाहर निकल कर देखा तो दो नेपाली कम्बल बेच रहे थे. ये बात है देहरादून की जहाँ नवम्बर में रात में लगभग दस बारह डिग्री ठण्डक हो जाती है . इन दिनों ऊपरी पहाड़ियों पर बर्फ गिरनी शुरू हो जाती है जिसके कारण खेती और दूसरे काम घट जाते हैं. इसलिए उत्तराखंड और नेपाल की ऊँची पहाड़ियों से काफी लोग रोज़गार की तलाश में दो तीन महीने के लिए निचले शहरों में आ जाते हैं. जैसे की ये नेपाली जिन्हें स्थानीय भाषा में दुटियाल भी कहते हैं.
सारे काम खुद ही करने पड़ते हैं - आवाज़ लगाना, महिलाओं से मोल भाव करना और आवारा कुत्तों से बचना |
सामान के बोझ से नौसिखिया दोहरा हुआ जा रहा है. अभी उसे हिंदी भी सीखनी है क्यूंकि पापी पेट का सवाल है ना |
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