Pages

Wednesday 6 June 2018

न्यूज़ीलैण्ड यात्रा - वनाका झील

न्यूज़ीलैण्ड द्वीपों पर बसा एक छोटा सा देश है जिसकी जनसँख्या 48.19 लाख है. न्यूज़ीलैण्ड में दो बड़े मुख्य द्वीप हैं उत्तरी द्वीप और दक्षिणी द्वीप और इसके अतिरिक्त छोटे बड़े 600 द्वीप हैं जिनमें से पांच टापुओं के अलावा आबादी बहुत कम है. न्यूज़ीलैण्ड ऑस्ट्रेलिया से 1500 किमी पूर्व में है. देश की राजधानी वेलिंगटन है और यहाँ की करेंसी है न्यूज़ीलैण्ड डॉलर NZD. ये डॉलर आजकल लगभग 47 भारतीय रूपये के बराबर है.

न्यूज़ीलैण्ड का प्रति व्यक्ति GDP( nominal) 36,254 डॉलर है और इसके मुकाबले भारत का GDP ( nominal ) का 2016-17 का अनुमानित आंकड़ा थोड़ा कम है याने प्रति व्यक्ति 1800 डॉलर है. याने हिन्दुस्तानियों को कमर कस कर मेहनत करनी पड़ेगी.

यहाँ के मूल निवासी माओरी कहलाते हैं. जनसँख्या में इनका अनुपात 14.9 % है और सरकारी काम काज के लिए इंग्लिश के अलावा माओरी यहाँ की सरकारी भाषा है. दक्षिणी द्वीप का सबसे बड़ा शहर है क्राइस्ट चर्च जिसकी जनसँख्या चार लाख से कम है.

भारत की तरह न्यूज़ीलैण्ड में भी गाड़ियां बाएं ही चलती हैं अर्थात left is right & right is wrong! आप अपने देसी लाइसेंस और पासपोर्ट दिखा कर कार या कारवाँ - Carvan किराए पर ले सकते हैं और खुद चला सकते हैं. हमने दो हफ्ते कारवाँ में ही गुज़ारे. ज्यादातर सड़कें दो लेन की हैं पर ट्रैफिक कम है और डिसिप्लिन है इसलिए आप इत्मीनान से गाड़ी चला सकते हैं. कारवाँ में छोटी सी किचन, टॉयलेट, बिस्तर वगैरा की व्यवस्था होती है. कारवाँ कई तरह के मिलते हैं जिनका रोज़ का किराया हज़ार रूपये से लेकर सत्तर अस्सी हज़ार तक हो सकता है. सुविधाएं भी फिर उसी प्रकार से मिलती हैं. रास्ते में जगह जगह पार्किंग मिल जाती है जहाँ, पानी भरने और सीवर से कनेक्ट करने की सुविधाएं होती हैं. पर आपको रास्ते में ढाबे और छोले भठूरे नहीं मिलेंगे ! यहाँ से आप मसाले, दालें और तैयार खाने का पैकेट बंद सामान ले जा सकते हैं. दालें और खाना कारवाँ की किचन में बना सकते हैं. दोस्ताना माहौल है, शांति है और प्रकृति के सुंदर अनछुए नज़ारे हैं.  कुछ फोटो:

वनाका झील

झील का किनारा  

पानी,पहाड़ और बर्फ

झील का एक नज़ारा 

ये ऐसा पेड़ है जिसकी सबसे ज्यादा फोटो खिंची जाती हैं        

वो आसमां मिल रहा है ज़मीं से 

ये कौन चित्रकार है 

प्राक्रतिक सौन्दर्य को सम्भाला हुआ है 

Carvan with a view 

*** मुकुल वर्धन की प्रस्तुति  *** Contributed by Mukul Wardhan ***




No comments: