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Saturday, 16 June 2018

साहब के साथ सैर

सरकारी फ्लैटों में रहने का अपना ही मज़ा है. लोकेशन अच्छी होगी आने जाने के लिए घोड़ा गाड़ी या लोहा गाड़ी आसानी से मिल जाएंगी. बिजली, पानी और सफाई की सुविधाएं भी ठीक ठाक होंगी. स्वच्छ भारत के लिए वैसे ही हम कुछ नहीं करते यहाँ तो बिलकुल ही जरूरत नहीं होती. ऐसे फ्लैटों के आस पास एक बड़ा पार्क जरूर होगा जो आपको सैर के लिए बुलाएगा. वो बात और है कि आप जाएं या ना जाएं. अब सात बजे से पहले कौन उठे क्यूँ साब ?

पर साब इन फ्लैटों के इन सब्ज़ बाग़ के बीच में एक लोचा भी है. यहाँ जूनियर मैनेजर रहते हैं तो सीनियर मैनेजर और जनरल मैनेजर साहिबान भी रहते हैं. यहाँ मैनेजर को छोटा दो बेडरूम फ्लैट मिलता है तो बड़े बॉस जनरल मैनेजर को चार पांच बेडरूम वाला फ्लैट मिलता है. यहाँ रहने वाले जी एम जब मिलते हैं तो अच्छी तरह से नमस्ते करनी पड़ती है और ऑफिस में भी जब मिलते हैं तो दोबारा वहां भी तरीके से नमस्ते करनी पड़ती है. आप कन्नी नहीं काट सकते वर्ना किसी दिन ट्रान्सफर आर्डर पर कलम चल सकती है. ये भी तो ध्यान देने वाली बात है की छोटे मैनेजर उम्र में छोटे होते हैं और बड़े मैनेजर उम्र में बड़े होते हैं इसलिए विचारों में फर्क हो सकता है क्यूँ साब ?

पिछले दिनों झुमरी तलैय्या से नए जनरल मैनेजर चंद्रा साब ट्रान्सफर होकर आ गए.सफाचट चेहरा, ऊपर भी लगभग सफाचट बस कान से कान तक एक झालर से बची हुई थी वो भी डाई लगी हुई. एक बड़ा सा पेट. धीमी चाल चलने वाले. वो तो बाद में पता लगा की सेहत का राज़ बियर थी. श्रीमति चंद्रा उनके मुकाबले पतली दुबली, बाल कटे हुए और चुस्त चाल वाली. सरकारी कोलोनी में ग्यारह फ्लैटों का एक सेक्शन बैंक को मिला हुआ था. चंद्रा साब सबसे बड़े फ्लैट में विराजमान हो गए. श्रीमति चंद्रा ने हफ्ते बाद सभी ग्यारह फ्लैटों की महिलाओं की किट्टी बुलाई गई. यहाँ  'मिलजुल' के ही तो रहना था तो पहला अनलिखा अध्यादेश जारी हो गया कि महिला मंडल की बॉस श्रीमती चंद्रा होंगी. इस नए बॉस ने चाय की चुस्की लेते हुए कह दिया,
- हम तो रोज़ सुबह साढ़े पांच बजे वाक करने जाते हैं आप नहीं दिखते ?

बात बॉस ने कही तो माननी ही पड़ेगी. दूसरा अध्यादेश निकल गया. सुबह पांच बजे सभी ग्यारह घरों में टनटन टनटन अलार्म बज उठे. श्रीमती ने झकझोर कर उठा दिया,
- चलो चलो सैर करने जाना है.
- क्या हुआ अभी तो बाहर अँधेरा है और चिड़िया कौवे भी सो रहे हैं. सात बजे उठूँगा.
- नो नो नो बिस्तर छोड़ो.

पार्क में देखा तो सारे अफसरान मौजूद, सारी महिलाएं मौजूद. निक्कर, टी शर्ट, सिर पर कैप, हाथ में दो फुटा डंडा और स्पोर्ट शूज में चंद्रा साब आगे आगे, डिप्टी जी एम उनके साथ साथ और बाकी सब पीछे पीछे. बड़े अफसर के अगाड़ी कौन जाए ? दूसरी कतार में जीन, कैप, टॉप और स्पोर्ट्स शूज में श्रीमती चंद्रा आगे आगे, श्रीमती डिप्टी उनके साथ साथ और बाकी सब पीछे पीछे. इन दो चंद्राज़ के अलावा ज्यादातर कुरते पाजामे में, कोई सलवार कमीज़ में और ज्यादातर चप्पलों और स्लीपरों में. चंद्रा साब की ढीली चाल के साथ चलना मुश्किल हो गया. बीच बीच में राग दरबारी भी सुनाई पड़ जाता था,
- ये बड़ा अच्छा किया जी मैडम ने ! डिप्टी जी एम बोले.
- सर मैं तो कहता हूँ सबकी सुस्ती दूर कर दी मैडम जी ने ! सहायक जी एम बोले.
दरबारियों को कुछ और सूझता ही नहीं. बॉस ने कह दिया तो बस पत्थर पर लिख लिया.

तीसरा अध्यादेश जारी हो गया. शाम को पूरे मोहल्ले ने स्पोर्ट्स शूज, निक्कर और जीन की शौपिंग शुरू कर दी. कमबख्त एक जोड़ी की कीमत 2500 से 4000 और एक अदद जीन 2000 की. कसम से जेब ढीली हो गई और नींद उड़ गई. कमबख्त क्या सैर करनी थी और क्या सेहत बनानी थी ? अगले दिन पहली कतार निक्कर वालों की लगी और दूसरी जीन और टॉप की. गजब का नज़ारा था. ओलिंपिक की मशाल जलानी बाकी थी. थोड़ी दूर चल कर चन्द्रा साब ने दाहिनी जेब में हाथ मारा और मोबाइल निकाला. फिर बाँई जेब में हाथ मारा और इयरफोन निकाल कर एक सिरा मोबाइल में ठूंस दिया और दूसरा कानों में लगा लिया.

ये बताना जरूरी नहीं है की चौथा अध्यादेश आ गया था और सब ने शाम को इयरफ़ोन ले लिए. अगले दिन सुबह की सैर में सबके कान और सबके मुख बंद थे. एक फायदा तो हुआ की बॉस की सुननी नहीं पड़ी और ना ही 'जी सर जी सर' करनी पड़ी. उस दिन की परेड शांतिपूर्वक संपन्न हुई.

अगले से अगले दिन जब सुबह की सैर खत्म हुई तो श्रीमती चंद्रा ने घोषणा कर दी,
- आज सबके लिए लौकी करेले के जूस बनवाए हैं साथ में निम्बू पानी भी है. आइये. अब ये बेसुरा जूस अपने बस की बात नहीं थी. जो भी हो पांचवां जूसी अध्यादेश जारी हो गया. सब्ज़ी मंडी के सारे करेले और लौकियां मोहल्ले में आ गईं.

इससे पहले की छठा अध्यादेश जरी हो मैंने तो ट्रान्सफर की अर्ज़ी लगा दी - हे मेरे बॉस या तो अपना मकान बदल ले या फिर मेरा शहर बदल दे !

 
बाएँ से दाएं - जी एम साब, डिप्टी जी एम साब, सहायक जी एम साब .....





1 comment:

Harsh Wardhan Jog said...

लिंक - https://jogharshwardhan.blogspot.com/2018/06/blog-post_16.html