सुनहरी कोठी देखने के बाद हम अरबी फ़ारसी इंस्टिट्यूट पहुँचे. टोंक की कुछ और जानकारी हासिल हुई वो भी बताते चलें.
राजस्थान का टोंक शहर मीठे ख़रबूज़ों और लखनऊ जैसी मीठी बोली के लिए भी जाना जाता है. ये बनास नदी के किनारे बसा हुआ है. सन् 1817 से टोंक नवाबी रियासत की राजधानी थी. यहाँ 1961 में राजस्थान ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट की शाखा खोली गई थी.
आजकल इसका नाम मौलाना अबुल कालाम आज़ाद अरेबिक पर्शियन रिसर्च इंस्टीट्यूट है. यहाँ एक म्यूजियम भी है जिसमें 3064 पांडुलिपियाँ संभाल कर रखी गई हैं. 133 नायाब किताबें भी है जो पुरानी नवाबी रियासत के पुस्तकालय से ली गई हैं. दुनिया की सबसे बड़ी क़ुरान शरीफ़ भी म्यूजियम में रखी हुई है. महाभारत और वाल्मीकि रामायण के फ़ारसी अनुवाद भी हैं. यहाँ से किताबें और शोध जर्नल भी प्रकाशित होते रहते हैं.
और अधिक जानकारी के लिए maapritonk.nic.in विज़िट कर सकते हैं. म्यूजियम की कुछ फ़ोटो प्रस्तुत हैं.
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मौलाना अबुल कालाम आज़ाद अरेबिक पर्शियन रिसर्च इंस्टीट्यूट |
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दुनिया की सबसे बड़ी क़ुरान शरीफ़ |
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हरिशंकर बलौठिया का सुलेख |
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महाभारत का फ़ारसी अनुवाद |
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वाल्मीकि रामायण ( बाल खण्ड ) का फ़ारसी में अनुवाद |
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सबसे बड़ी क़ुरान तैयार करने पर दिया गया प्रशस्ति पत्र |
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यह संस्था ‘अरबी फ़ारसी इंस्टिट्यूट’ के नाम से ज़्यादा प्रचलित है |
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सबसे बड़ी क़ुरान के अलावा पुराने सिक्के, कपड़े और दूसरी नायब वस्तुएँ भी म्यूजियम में हैं |
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नवाबी घोड़े की जीन |
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बोतल के अंदर नन्हीं सी खटिया |
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शोध संस्थान की बिल्डिंग का शिलान्यास 1985 में हुआ था |
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