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Thursday, 26 October 2023

बैंगलुरु

बैंगलुरू की स्थापना 1537 में केम्पे गौड़ा द्वारा की गई थी. केम्पे गौड़ा यहाँ के शासक थे जो विजयनगर साम्राज्य के अधीन थे. अभिहाल की खोज के अनुसार बेगुर क़िले में एक अभिलेख मिला है जिसके अनुसार यह ज़िला 1004 ई. में गंग राजवंश का एक भाग था. इसका प्राचीन नाम बेंगा-वलोरु था. अब इसे बंगलौर, या बैंगलोर या बंगलुरु भी कहा जाता है. बड़ा महानगर है ये जिसकी आबादी लगभग एक करोड़ या उससे ज़्यादा ही होगी. इसकी ऊँचाई 920 मीटर है जिसके कारण मौसम अच्छा बना रहता है. कुछ फ़ोटो प्रस्तुत हैं:



      वाह बैंगलुरु! ठंडी हवा के झोंकों का आनंद  24x7 लीजिए . 

बैंगलोर पर तक़रीबन नौ दस महीने बदल छाए रहते हैं इसलिए हवाई यात्रा में हिचकोले स्वाभाविक तौर पर महसूस होते हैं 


हवाई जहाज़ की खिड़की से बादलों का रूप बदलता हुआ देखने में मज़ा आता है 


हरा भरा जंगल घट रहा है और कंक्रीट का जंगल बढ़ रहा है 


ट्रैफिक तेज़ी से बढ़ रहा है और फ्लाई ओवर कम पड़ते जा रहे हैं. शायद सुरंगें बनानी पड़ेंगी!



डब्बे नुमा बिल्डिंग बढ़ती जा रही है 


हर साल दो साल में नक़्शा बदल जाता है 


जिधर तक नज़र जाएगी बिल्डिंग ही बिल्डिंग नज़र आएगी!


फ्लैट भी क़ुतुब मीनार की तरह ऊँचे होते जा रहे है 


बादलों का खेल 

मानसूनी बादल




                                  बड़े बड़े मॉल 

आगे कॉर्पोरेट ऑफिस और पिछवाड़े ….


सैर का मन तो करता है पर फुटपाथ नदारद हैं

रात के समय बाहर अकेले निकलना ख़तरनाक हो सकता है 


कुछ समय पहले ऐसा भी हुआ था 


     

         सोसाइटी में कुछ न कुछ रंगारंग कार्यक्रम होते रहते हैं 




10 comments:

A.K.SAXENA said...

Nice information.

Anonymous said...

Thank you Saxena ji.
- Harsh Wardhan

Anonymous said...

https://jogharshwardhan.blogspot.com/2023/10/blog-post.html

Bablu devanda said...

बहुत अच्छा लिखा और बताया जी, ओर ये कंकरित के पहाड़ को अब ये ही नजर आ रहे है जी

Ravindra Singh Yadav said...

आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर शनिवार 28 अक्टूबर 2023 को लिंक की जाएगी ....

http://halchalwith5links.blogspot.in
पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

!

सुशील कुमार जोशी said...

सुन्दर

हरीश कुमार said...

बेहतरीन

N P Singh said...

Haphazard development and social inequalities are being ably depicted in this blog. TRUE such conditions prevails everywhere in the country. May be Lack of proper planning

जिज्ञासा सिंह said...

अच्छी चित्रावलियों के साथ जानकारी युक्त आलेख!

A.K.SAXENA said...

Very nice information. Neet and clean city.