इस बार के अन्तराष्ट्रीय योग दिवस ( 21.06.2021) की थीम है - 'घर में योग करें और परिवार के साथ करें' - Yoga at home and yoga with family. वैसे तो कोरोना की वजह से मार्च 20 में ही पार्क में योगाभ्यास बंद ही हो गया था. तब से हम तो घर में ही कर रहे थे. पार्क की नर्म घास और सुबह की हवा का मज़ा बेहतर था. घर में ज़रा सा भी पसीना आ जाए तो पंखा चल पड़ता है. खैर करना तो है ही और रोज़ करना भी जरूरी है नर्म घास हो या सख्त फर्श!
योग है क्या? प्राचीन ग्रंथों में योग की परिभाषाएँ अलग अलग हैं जैसे कि,
- चित्त की वृत्तियों को निरूद्ध करना ही योग है. ये परिभाषा पातंजल योग दर्शन के अनुसार है - योग्शचित्त्वृत्तिनिरोध:
- पुरुष और प्रकृति की भिन्नता को स्थापित करना और पुरुष का स्व स्वरुप में स्थापित होना योग है. ये परिभाषा सांख्य दर्शन से है - पुरुषप्रकृत्योर्वियोगेपि योगइत्यमिधीयते।
- जीवात्मा और परमात्मा का पूर्ण मिलन ही योग है. ये परिभाषा विष्णुपुराण के अनुसार है - योगः संयोग इत्युक्तः जीवात्म परमात्मने
- दुःख-सुख, शीत-उष्ण, लाभ-हानि, शत्रु-मित्र आदि द्वंद की स्थितियों में सम भाव बनाए रखना योग है और दूसरी है - निष्काम भाव से प्रेरित होकर कर्तव्य करने का कौशल योग है. ये भगवतगीता की परिभाषाएँ हैं - सिद्धासिद्धयो समोभूत्वा समत्वं योग उच्चते और - तस्माद्दयोगाययुज्यस्व योगः कर्मसु कौशलम्
- कुशल चित्त की एकाग्रता योग है. ये परिभाषा बौद्ध धर्म की है - कुशल चितैकग्गता योगः
ये सब तो प्राचीन दार्शिनिक परिभाषाएं हैं. आजकल ज्यादातर लोगों की परिभाषा में योग शरीर को स्वस्थ रखने के लिए है! कुछ की परिभाषा में योग नाम और धन कमाने का साधन है! बहरहाल पिछले २३ साल का अनुभव बताता है की स्वस्थ रहने का और ध्यान लगाने का एक अच्छा उपाय है. शरीर स्वस्थ और मन शांत रहे तो ज़िन्दगी बेहतर गुज़रती है. डॉक्टर के पास कम जाना पड़ता है, कड़वी गोलियां कम खानी पड़ती हैं और आलस्य नहीं रहता. पर योगासन और प्राणयाम के साथ साथ खाने और रहने की स्टाइल में भी अनुशासन जरूरी है. योग दरअसल अष्टांगिक मार्ग है जिसमें डिसिप्लिन बहुत सख्त है -
- यम , नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि.
विषय गहन है गंभीर है पर शुरुआत योगासन और प्राणायाम से की जा सकती है. नियमित करने के बाद तो जितना अध्ययन करेंगे, जितना गहरे पैठेंगे उतने ही मोती मिलते जाएंगे. साथ में ये भी निवेदन है की टीवी या यूट्यूब से ना सीखें तो अच्छा है. नीम हकीमों से बचें. शुरुआत में छोटे ग्रुप में किसी अनुभवी शिक्षक की देखरेख में सीखना ठीक रहेगा. भारतीय योग संस्थान दिल्ली बहुत बढ़िया संस्था है जिसकी बहुत से शहरों में शाखाएँ हैं. अगर संपर्क कर सकें तो अच्छा रहेगा.
हमारे दैनिक अभ्यास में से लिए गए कुछ चित्र प्रस्तुत हैं:
जानु शीर्षासन |
कोण आसन |
सुप्तवज्र आसन |
भ्रामरी गुंजन |
वृक्ष आसन |
वृक्ष आसन |
उष्ट आसन |
15 comments:
https://jogharshwardhan.blogspot.com/2021/06/2021.html
So nice and very happy to see yr image. Health is wealth sir suna thaa. But today i see and feel.
वाह बहुत सुन्दर।
Thank you Unknown!
Please fill up your profile. I am not sure as to who I am talking to.
धन्यवाद सुशील कुमार जोशी जी.
Excellent write-up to define yog and perfect postures.
Thank you Subhash Mittal ji.
Only HEALTH is real wealth, it has been well proved in covid situation. And anyone can work on it for better Health with help of YOGA but under some sincear guidance
Correct you are 'Unknown'. Initial supervision should be good.
वाह! वाह हर्ष्रजी 👌👌👌👌👌 बहुत ही सजगता से योग अपनाकर जीवन को सफ़ल बना रहे हैं। Touch wood आप दोनों बहुत फिट और स्मार्ट नज़र आ रहे हैं। सुंदर चित्र, रोचक और पठनीय। सार्थक लेख । यूं ही स्वस्थ सकुशल रहिए आप दोनों 🙏🙏💐💐🌷💐😊
धन्यवाद रेणु. आप भी योगाभ्यास करें.
जी हर्ष जी ब्लॉग ने कई किलोवज़न बढ़ा दिया ����
धन्यवाद रेणु. चमत्कार हो गया!
Amazing, You Awrote very informative article. I was searching for the same. And Your article helps me a lot. Thanks for Sharing. Well I want to recommend Jindal naturecure Jindal Naturecure Institute (JNI) is a leading naturopathy hospital which has been established for prevention and cure of chronic diseases through detoxification of the body and modification of lifestyle, with a holistic approach. Jindal Naturecure Institute has pioneered in modern drugless healthcare in India.
Thank you Kanishka Sharma.
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