Pages

Tuesday, 16 June 2020

परांठे पर टैक्स

परांठे पर टैक्स? वो भी 18%? ये तो सरासर अन्याय हो गया. सुबह नाश्ते में परांठा ना हो तो सारा दिन ऐसा महसूस होता है कि नाश्ता ही नहीं किया. कई बार तो परांठे का नाश्ता करने मूरथल भी हो आये. मूरथल ढाबों की तो शान है परांठा. पर जब अखबार पढ़ी तो पता लगा की खबर सही है. 'तैयार' याने pre-cooked रोटी पर 5% जी एस टी और परांठे पर 18% जी एस टी लगा करेगा. 

हमारा और ज्यादातर उत्तर भारत का नाश्ता रोटी/परांठा + सब्जी + दही + चाय जैसे कॉम्बिनेशन से होता है. और अगर भरवां परांठा हो तो कहना ही क्या! भरवां परांठे की वैरायटी का तो कोई अंत नहीं है. भरने वाली चीज़ों की लम्बी लिस्ट है - आलू, प्याज, लहसुन, तरह तरह की दालें, पनीर, मेथी, चौलाई, करेला, गुड़, जीरा, अजवाइन आदि. परांठा चाहे तो तवे पे बनाएं या फिर तंदूर में भी बना सकते हैं. कड़क तंदूरी भरवां परांठा तो पीज्ज़ा को भी फेल कर देता है. और नॉन वेज वालों के लिए अंडा परांठा भी है.   

सबसे पहले परांठा किस देवी या सज्जन ने बनाया होगा यह तो रिसर्च का विषय है पर उसको हमारी तरफ से सलामी देना तो बनता है! रहा नाम तो ऐसा लगता है की परात+आटा से परांठा नाम बन गया होगा. आज के ज़माने में तो परांठा लगभग पूरे देश में ही मिलने लगा है. हमने तो गौहाटी, हैदराबाद, कोच्ची, बंगलुरु और कन्याकुमारी में भी खाया है. हालांकि नाम और स्वाद में थोड़ा बहुत अंतर हो जाता है, जैसे की परांठा, परोंठा, प्रोंठा, परान्वठा, पराठा, पराटा, परोटा, परान्टा वगैरा.

अब रोटी तो सूखी चबाई नहीं जाती साथ में कोई दाल सब्ज़ी तो चाहिए.  
जो सब्ज़ी या दाल रोटी के साथ अलग से सर्व होनी थी अगर वही सब्ज़ी या दाल परांठे में प्रवेश कर जाती है तो क्यूँ नाराज़गी दिखा रहे हो भई? रेट भी लगाया तो लक्ज़री वाला! जी एस टी के दो ऊपर वाले रेट लक्ज़री आइटम के हैं वही चेप दिया. जी एस टी रेट देखिये:

भारत में पांच तरह के रेट :- 0% - 5% - 12% - 18% - 28%,  
ऑस्ट्रेलिया में दो तरह के रेट :- 0% - 10%, 
जर्मनी में दो तरह के रेट :- 7% - 19%,
न्यूज़ीलैण्ड में एक ही रेट :- 15% 

कर्णाटक के जिन किसी जी एस टी अधिकारियों ने टैक्स लगाया उन्होंने परांठा खाया तो जरूर होगा और अगर ना भी खाया हो तो सुना जरूर होगा.  उनसे अनुरोध है की इस फैसले पर पुनर्विचार करें. 

वाह परांठा 



11 comments:

Harsh Wardhan Jog said...

https://jogharshwardhan.blogspot.com/2020/06/blog-post_16.html

Durga Prasad Dash said...

It is so unfortunate to get taxed for eating a native product. Earlier there used to be tax on teaching yoga.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (17-06-2020) को   "उलझा माँझा"    (चर्चा अंक-3735)    पर भी होगी। 
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।  
सादर...! 
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'  
--

Harsh Wardhan Jog said...

Thank you Durga Prasad Dash. I can't make out the logic behind 18% GST.

Harsh Wardhan Jog said...

धन्यवाद डॉ रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'. चर्चा अंक 3735 पर भी हाजिरी लगेगी

ns said...

The food items should not have been taxed at least during covid 19 era

Rakesh said...

सर जीएसटी कैलकुलेशन के लिए सीए का खर्चा अलग से

Harsh Wardhan Jog said...

Thanks ns.

Harsh Wardhan Jog said...

धन्यवाद hindiguru. जी एस टी में इतना प्रपंच है की आम आदमी को समझ नहीं आता. पर सी ए की मौज है.

Meena Bhardwaj said...

पंराठे पर भी टैक्स...,बात गलत ही है मगर कर भी क्या सकते हैं .जी.एस.टी. के नाम पर जो ना हो वो थोड़ा . अच्छा लगा पंराठे का नामकरण परात+आटा से परांठा । बहुत सुन्दर सृजन।

Harsh Wardhan Jog said...

धन्यवाद Meena Bhardwaj.खाने की चीज़ों पर ज्यादा टैक्स लगाना सही नहीं लगता. पर बिना logic या कारण बताए लगाए जा रहे हैं.