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Sunday, 31 May 2020

मीटिंग

नौकरी जब तक नहीं लगी थी तब तक यूनियन के बारे में पता नहीं लगा था. सन 1972 में बैंक ज्वाइन किया तो साथ ही यूनियन का सदस्यता फॉर्म भी भर दिया. भर दिया या भरना पड़ा इन दो में से आपको जो ठीक लगे वो ही मान लें. जब यूनियन की आठ दस मीटिंग अटेंड कर ली तब समझ में आने लगा की ये भी किसी राज दरबार की तरह ही है.

वैसे इस तरह के दरबार हर जगह मिलेंगे - परिवार में, मोहल्ले में, जात बिरादरी में, स्कूल की क्लास में, देश प्रदेश की सरकारों में और धार्मिक संगठनों में. हर छोटे बड़े दरबार का एक मुखिया होता है और उस के अपने चुने हुए नौरत्न होते हैं. राजा साब अकेले काम काज कैसे चलाएँगे? इसके अलावा राजा को दो चार ढंढोरची, खबरची, लठैत, सेवादार वगैरा भी रखने पड़ते हैं ताके कारवाई सुचारू रूप से चलती रहे और कोई सिरफिरा अचानक कुर्सी ना हिला दे. दरबार का आम ढांचा कुछ इस तरह का होता है:
राजा > नौरत्न > सौरत्न > हज़ार रत्न > लाख रेतीले कण > करोड़ धूल भरे कण. 

तो दरबार सजा हुआ था राजा कॉमरेड बोले, 
- कॉमरेड्स अपनी अपनी राय बताओ.

पहला रतन - दशहरा आ गया है जी, आगे दिवाली है और फिर भैया दूज है. आप इस दौरान कोई धरना प्रदर्शन मत रखना. ना ही कोई उम्मीद रखना की कोई धरने में आएगा. मैं ही नहीं आ सकता घरवाली निकलने नहीं देगी. महिला कॉमरेड्स भी नहीं आएंगी. आप दूसरे रतनों से भी पूछ कर देख लो क्या कहते हैं.

दूसरा रतन - सहमत हूँ जी. इस सीजन को खराब थोड़ी ही करना है. बल्कि  यार मैं तो ये सैंपल भी लाया हूँ. यूनियन की तरफ से गिफ्ट बांटने हैं भाई या धरने देने हैं? मेरे अंकल की दुकान का कम्बल है ये. 100 का 85 में और 200 पीस लिए तो 82 के रेट में दे देंगे. यूनियन मेम्बर खुश हो जाएँगे. लो राजा कॉमरेड पास कर दो. 

तीसरा रतन - ओ रुक जा भाई रुक जा! मैं भी एक सैंपल लाया हूँ. राजा कॉमरेड ये स्टील का टिफ़िन 80 में मिल रहा है. ये कैसा रहेगा? चावड़ी ब्रांच में इस पार्टी का अकाउंट है. ज़रा दबाव डालेंगे तो एकाधा रुपया और डाउन कर देगा. बाकी पसंद आपकी है.

राजा कॉमरेड - रुको रुको यार तुमने तो शोर मचा दिया. सैंपल रख दो यहीं अगली मीटिंग में फैसला करेंगे. तब तक दो चार लेडीज़ से बात कर लेता हूँ. घरेलू चीज़ें हैं घरवालियां पसंद करे तो ज्यादा अच्छा है. अच्छा तू बता तेरी ब्रांच से एक लेडी का चन्दा नहीं आ रहा?

चौथा रतन - कॉमरेड उस लेडी से मैं तो कई बार कह चुका हूँ. पर मान ही नहीं रही. एक बार आप कह के देख लो. वैसे उस का हसबैंड सी बी आई में है. मुझे लगता है की ज्यादा बोलने से कहीं मेरा बैंड ना बजा दे.

पांचवां रतन - क्या बात कर रहा है ये? इसे नौरतन क्यूँ बनाया है राजा कॉमरेड? एक लेडी को मेम्बर नहीं बना सकता?
 
राजा साब - पांचवा रतन ठीक कह रहा है. कभी कभी ऐसे लोगों की ज़रुरत पड़ सकती है. आप उस लेडी का और हस्बैंड का दोनों के नंबर देना मुझे. मैं बात करता हूँ.

पांचवां रतन - देखा चौथे रतन? कल को राजा कॉमरेड डायरेक्टर बनेंगे तो सी बी आई की क्लीयरेंस चाहिए की नहीं? सीख ले कुछ!

छठा रतन - एन्नी दूर तों आए हाँ राजा साब कोई समोसा, कोई बियर शीयर.....
राजा कॉमरेड - ओए सबर कर यार ज़रा. जिस मीटिंग में तू नईं आता ना शांति रहती है.  

सातवाँ रतन - हमारी ब्रांच में एक बड़ा लोन प्रपोज़ल आया हुआ है कॉमरेड. बड़ी तैयारी हो रही है.

राजा कॉमरेड - ओ तैयारी के बच्चे पूरी बात बताया कर. कितनी बार कहा है तुझे? कहाँ की पार्टी है, क्या बनाती है, फैक्ट्री कहाँ है? तू बस हैडलाइन बताता है.

आठवाँ रतन - हमारी ब्रांच ठीक है जी. बन्दा रिटायर होने वाला है कोई लोन वोन का चक्कर नहीं. यूनियन की बात पूरी मानता है. नया आएगा तो देखी जाएगी. 

नौंवां रतन - आपका तो नया आएगा तो यहाँ नई आएगी. अब इनकी संख्या बढ़ती जा रही है कॉमरेड. अब इन्हें भी तो यूनियन में लाना पड़ेगा. 

राजा कॉमरेड - अरे छोड़ ना यार. ये जनानियां छुट्टी मांगती रहती हैं, बच्चा बीमार तो छुट्टी, सास बीमार तो छुट्टी, धरने प्रदर्शन में बुलाओ तो आती नहीं. और सुना ब्रांच का हाल तो ठीक है? लो भई चाय भी आ गई और समोसे भी. आनन्द लो. अगली मीटिंग अगले महीने दूसरे शनिवार को. 
मीटिंग 


3 comments:

Harsh Wardhan Jog said...

http://jogharshwardhan.blogspot.com/2020/05/blog-post_31.html

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सुन्दर।

Harsh Wardhan Jog said...

धन्यवाद डॉ रूपचन्द्र शास्त्री