रिटायर होने के बाद गोयल साब बड़े रिलैक्स महसूस कर रहे हैं. साढ़े तीन बरस बड़े से बैंक की रीजनल मैनेजरी करी थी कोई मज़ाक नहीं था. अब जा के शान्ति मिली ज़रा सी. बीयर की चुस्की लेते हुए मुस्करा दिए. अब ना तो किसी की ट्रान्सफर की सिफारिश का लफड़ा, ना लोन देना है, ना हेड ऑफिस को जवाब देना है, ना ही यूनियन के झगड़े निपटाने हैं. सिरफिरे आडिटरों से भी मुक्ति मिली. आराम से नाश्पेते के साथ पेपर पढ़ो शाम को इत्मीनान से बियर पियो. यही है ज़िन्दगी.
तभी श्रीमती की आवाज़ ने शांति भंग कर दी.
- सुनो जी ! अब तो फ्री हो एक दो काम करवा दो.
- हूँ ?
- एक तो दूसरे बाथरूम में इंग्लिश सीट लगवा दो. बच्चे आ जाते हैं तो बड़ी दिक्कत होती है. घुटने दर्द करने लग जाते हैं. उनके छुट्टी पर आने से पहले ही ये काम करवा लो.
-हूँ !
- और ये आप की गाड़ी कब से खड़ी हुई है तो चलो कहीं दस बारह दिन के लिए घूम आते हैं.
- हूँ !
गोयल सा ने अपने टकले सर पर हाथ फेरा और सोचने लगे की बैंक की नौकरी आसान थी या फिर बीवी की ?
अगले दो हफ्ते गोयल सा बहुत बिज़ी रहे. कई दिन तो बाज़ार में इंग्लिश सीट ढूंढते रहे. गाड़ी चलाने का अभ्यास भी अब नहीं था, पार्किंग के पैसे भी खुद ही देने पड़ते थे. ये काम पहले बता देती तो कम से कम स्टाफ का कोई बन्दा पकड़ के करा लेता. सीट आ गई तो मिस्त्री मजदूर भी आ गए. पहले पुरानी सीट तोड़ कर निकाली जाएगी फिर नई लगाई जाएगी. फिर कोई और मिस्त्री मार्बल की घिसाई करने आएगा. दो दिन मिस्त्री नहीं आ पाया. एक दिन घिसाई वाला नहीं आया. न तो अखबार ढंग से पढ़ पाए और न ही शाम की बियर शांति से पी पाए. खैर किसी तरह से काम निपट ही गया.
- सुनो जी बड़ा अच्छा काम करा दिया आपने. अब आप इसी बाथरूम को इस्तेमाल कर लिया करो. आपका टूथपेस्ट, साबुन, तौलिया और शेव का सामान सब वहीं रख दिया है.
- हूँ ?
- हूँ क्या ? बच्चों की तरह नहाना अब बंद कर दो. तौलिया कहीं फेंक देते हो साबुन कहीं. बाल हैं नहीं पर कंघी जरूर करते हो ! अब अपना ये बाथरूम खुद संभालो, मेन्टेन करो. इंग्लिश पॉट में बैठ कर फेसबुक देखते रहना और अपनी मर्ज़ी के बेसुरे गाने गाते रहना.
- हूँ ?
तभी श्रीमती की आवाज़ ने शांति भंग कर दी.
- सुनो जी ! अब तो फ्री हो एक दो काम करवा दो.
- हूँ ?
- एक तो दूसरे बाथरूम में इंग्लिश सीट लगवा दो. बच्चे आ जाते हैं तो बड़ी दिक्कत होती है. घुटने दर्द करने लग जाते हैं. उनके छुट्टी पर आने से पहले ही ये काम करवा लो.
-हूँ !
- और ये आप की गाड़ी कब से खड़ी हुई है तो चलो कहीं दस बारह दिन के लिए घूम आते हैं.
- हूँ !
गोयल सा ने अपने टकले सर पर हाथ फेरा और सोचने लगे की बैंक की नौकरी आसान थी या फिर बीवी की ?
अगले दो हफ्ते गोयल सा बहुत बिज़ी रहे. कई दिन तो बाज़ार में इंग्लिश सीट ढूंढते रहे. गाड़ी चलाने का अभ्यास भी अब नहीं था, पार्किंग के पैसे भी खुद ही देने पड़ते थे. ये काम पहले बता देती तो कम से कम स्टाफ का कोई बन्दा पकड़ के करा लेता. सीट आ गई तो मिस्त्री मजदूर भी आ गए. पहले पुरानी सीट तोड़ कर निकाली जाएगी फिर नई लगाई जाएगी. फिर कोई और मिस्त्री मार्बल की घिसाई करने आएगा. दो दिन मिस्त्री नहीं आ पाया. एक दिन घिसाई वाला नहीं आया. न तो अखबार ढंग से पढ़ पाए और न ही शाम की बियर शांति से पी पाए. खैर किसी तरह से काम निपट ही गया.
- सुनो जी बड़ा अच्छा काम करा दिया आपने. अब आप इसी बाथरूम को इस्तेमाल कर लिया करो. आपका टूथपेस्ट, साबुन, तौलिया और शेव का सामान सब वहीं रख दिया है.
- हूँ ?
- हूँ क्या ? बच्चों की तरह नहाना अब बंद कर दो. तौलिया कहीं फेंक देते हो साबुन कहीं. बाल हैं नहीं पर कंघी जरूर करते हो ! अब अपना ये बाथरूम खुद संभालो, मेन्टेन करो. इंग्लिश पॉट में बैठ कर फेसबुक देखते रहना और अपनी मर्ज़ी के बेसुरे गाने गाते रहना.
- हूँ ?
काम बड़ी चीज़ है? |
5 comments:
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Retirement hone par Kewal Boss change hua hai - sewa se mukt nahin huye hain. Ab naye Boss ko jhelna hoga umra bhar.
A K Saxena सही फरमाया ! वर्ना हुक्का पानी बंद समझो !
असली काम तो रिटायरमेंट के बाद ही शुरू होता हैं....
P B Srinivas ठीक कहा आपने. नई नौकरी और भी मुशकिल है !
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