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Wednesday, 21 July 2021

साहब प्रमोट हुए

गोयल साहब ने गाड़ी चालू की और डैशबोर्ड पर लगी शंकर भगवान की मूर्ति पर नन्हें नन्हें बल्ब जगमगाने लगे. तीन बार नमस्कार किया और तीन बार कानों पर हाथ लगाया फिर पहला गीयर लगा दिया. अब यहाँ से बैंक तक दस किमी लम्बे रास्ते पर जितने मंदिर, गुरुद्वारे, पीर पैग़म्बर और पीपल के पेड़ मिलेंगे साहब सभी को नमन करते हुए जाएँगे. चौराहे पर अगर कोई भिखारी मिला तो उसे आज दस का नोट मिलेगा! 

मन में वैसे तो आश्वस्त हैं की आज प्रमोशन हो ही जाएगी पर क्या जाने कोई काली बिल्ली ऐन मौक़े पर रास्ता न काट जाए सुसरी. वैसे तो रीजनल मैनेजर से बढ़िया सम्बन्ध हैं और चेयरमैन के पास नेता जी का फ़ोन जा चुका है और विश्वस्त सूत्रों ने विश्वास दिला दिया है की प्रमोशन पक्की है, पर साहब बड़े बड़े खिलाड़ी पड़े हैं देश में कहीं कोई कन्नी न काट जाए. 

अब पचपन साल की उम्र हो गई है और शायद ये आख़री मौक़ा है प्रमोशन का. गोयल सा का चेहरा गोल है और खुद भी गोल मटोल हैं. बड़ा सा गोल पेट है, सिर के बाल उड़ चुके हैं. दोनों कानों के बीच सफेद बालों की एक झालर है जिस पर कभी कभी काला रंग लेप देते हैं. झालर पर दिन में चार पाँच बार कंघी ज़रूर फेरते हैं. दफ़्तर में ज़्यादातर गोलू या मोटू के नाम से जाने जाते थे. पर ये बात आप प्लीज़ अपने आप तक ही रखें. 

दफ़्तर पहुँचे, केबिन में घुसे और टेबल के शीशे के नीचे रखी हुई भगवान की तीन फोटों पर तीन बार नमस्कार किया और तीन बार कानों को हाथ लगाया. आज का दिन था ही ऐसा - आर या पार!  

तीन बजे रीजनल मैनेजर का फ़ोन आया,  
- गोयल हो गया तेरा काम. लिस्ट निकल गई है.
- थैंक्यू सर थैंक्यू सर. आई टच योर फ़ीट सर! सब आपकी आशीर्वाद है सर. पोस्टिंग भी तो आपने करवानी है सर?
- करवाते हैं.

गोयल सा ने चैन की लम्बी साँस ली और घंटी बजा कर चाय मँगाई. चाय वाले को कहा की भाग कर बढ़िया वाले लड्डू ले आए और सब का मुँह मीठा करा दे. चेहरे पर मुस्कराहट आ गई. मूड बन गया. फ़ोन मिलाने शुरू किये. मीना का फ़ोन बिज़ी मिला, दोनों बच्चों को एसएमएस किए. दोस्तों यारों को ख़बर की. उन्हे इस अंदाज में बताया की ये तो होना ही था. आख़िर काम करने वालों को कौन रोक सकता है प्रमोशन से. जिनकी तरक़्क़ी नहीं हुई उन्हे सांत्वना दी की यार लाईफ़ में ये सब तो चलता ही रहता है, अगली बार सही!

इधर बात केबिन के बाहर निकली और उधर स्टाफ़ केबिन के अंदर आ गया. मुबारक हो, बधाई हो सर, पार्टी कहाँ है सर?, सर आपको तो मिलनी ही थी सर, कहाँ पोस्टिंग होगी सर? बड़ी ख़ुशी हुई सर, वग़ैरा वग़ैरा. एक दम से ज़िंदगी में मिश्री सी मिठास घुल गई. फ़ोन रुक नहीं रहे थे और साहब गदगद हुए जा रहे थे.

डिनर होते होते तक गोयल सा को समझ आ गया की मैं अब वाक़ई बड़ा साहब बन गया हूँ. लगातार फोन का सिलसिला जारी था. अगर मीना पर ध्यान नहीं गया तो क्या फर्क पड़ता है? रात के बारह बजने वाले थे बिस्तर में लेट कर एक बार फिर लम्बी साँस लेकर पूरे दिन का फिर ज़ायक़ा लिया. मज़ा आ गया. मीना की तरफ़ हाथ बढ़ाया पर उसने 'हुंह' करके हाथ वापिस फैंक दिया. फिर ट्राई मारी पर इस बार कर्कश आवाज़ में घोषणा हुई 'क्या है?' गोयल सा ने मायूसी से करवट ली और बड़बड़ाए 'यो न समझे सुसरी'!

शनिवार शाम शानदार पार्टी हुई. बड़े साहब ने दिल खोल कर पी और पिलाई. बारह बजे तक  बिस्तर पर पहुँचे. पहुँचते ही लुढ़क गए.  
मीना ने धीरे से हाथ लगाया और पूछा:
- सो गए क्या?
कोई जवाब नहीं आया. मीना बड़बड़ाई:
- मोटा टुन्न हो गया!  

मीठा लीजिए ना !


15 comments:

Harsh Wardhan Jog said...

https://jogharshwardhan.blogspot.com/2014/08/blog-post.html

डॉ. दिलबागसिंह विर्क said...

आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 22-07-2021को चर्चा – 4,133 में दिया गया है।
आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी।
धन्यवाद सहित
दिलबागसिंह विर्क

Ravindra Singh Yadav said...

आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 22 जुलाई 2021 को लिंक की जाएगी ....

http://halchalwith5links.blogspot.in
पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

!

SUJATA PRIYE said...

बेहतरीन प्रस्तुति।

Harsh Wardhan Jog said...

धन्यवाद Sujata Priye

Harsh Wardhan Jog said...

धन्यवाद Ravindra Singh Yadav. http://halchalwith5links.blogspot.in पर भी विजिट होगी.

Harsh Wardhan Jog said...

धन्यवाद दिलबागसिंह विर्क. चर्चा – 4,133 पर भी विजिट होगी.

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बस पति पत्नी ही न समझते एक दूसरे को ....
एक प्रश्न ... क्या सच्ची ऐसी ही भावनाएं होती हैं एक दूसरे के प्रति जैसी आने लिखीं ?

यूँ किस्सागोई बेहतरीन है ।

Manisha Goswami said...

बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति!
मोटा टुन्न हो गया!🤣🤣🤣🤣😆😆😆

Subhash Mittal said...

मीना की खुशी को दबा दिया है,कुछ कारण भी स्पष्ट नहीं किया।
वेसे प्रस्तुति उत्तम है।

Harsh Wardhan Jog said...

धन्यवाद मित्तल साब. कभी कभी ऐसा भी होता है!

Harsh Wardhan Jog said...

धन्यवाद Manisha Goswami.

Harsh Wardhan Jog said...

धन्यवाद संगीता स्वरुप ( गीत ).
ये तो कोई असाधारण घटना नहीं है. ऐसी भावनाएं यदा कदा आ जाती हैं ये तो मुझे अनुभव है. आपका दिन शुभ हो.

रेणु said...

बहुत बढ़िया हर्ष जी। गोयल साहब , साहब तो बन गए पर घर प्रमोशन। ना हो सकी। समाज का ढका लिपटा विद्रूप पक्ष। आपकी रोचक शैली हमेशा की तरह शानदार है। हार्दिक शुभकामनाएं आपको 🙏🙏

Harsh Wardhan Jog said...

धन्यवाद रेणु. बहुत बहुत शुक्रिया.