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Wednesday 6 May 2020

हवा हवाई

गोयल साब ने मुंडी घुमाकर केबिन के शीशे से बैंकिंग हाल में नज़र मारी. तीनों कैशियर बिज़ी थे. बाकी सीटों पर भी दो चार लोग खड़े थे. एक सम्मानित ग्राहक ऑफिसर से गुथमगुत्था हो रहा था पर अभी बीच बचाव का समय नहीं आया था. कुल मिला कर चहल पहल थी अर्थात ब्रांच नार्मल थी. इन्क्वायरी सीट पर देखा तो कोई सुन्दरी खड़ी कुछ पूछ रही थी. बढ़िया सी साड़ी, मंहगा सा पर्स और अंदाज़े-बयाँ देख कर लग रहा था की अंग्रेजी बोल रही होगी.

गोयल साब बैठे बैठे कसमसाए और बुदबुदाने लगे,
- हूँ! ये शर्मा कमबख्त ठीक से जवाब नहीं देगा. टरका देगा या उल्टा पुल्टा बोल देगा. फिर मुझे बीच बचाव करना पड़ेगा. ल्लो भेज दिया सुन्दरी को लोन सेक्शन में. अबे मेरे पास भेजता सुसरे.

गोयल साब का हाथ स्वत: ही पिछली जेब में चला गया और धीरे से उसमें से कंघी निकाली. सर पर फेर कर वापिस रख दी. वैसे तो सर पर बाल बचे ही नहीं थे पर एक कान से कालर तक और कालर से दूसरे कान तक छोटे छोटे बालों की एक झालर बची थी जिस पर काला रंग किया हुआ था. टाई की नॉट को भी दुरुस्त किया. देखने में तो स्मार्ट लगना ही चाहिए. तब तक सुन्दरी को लोन इंचार्ज वर्मा जी ने बिठा लिया. गोयल साब बुदबुदाए,
- शर्मा के बाद वर्मा! नहले पे दहला. बतियाता रहेगा पर काम ये भी नहीं करेगा. देखना अभी अंदर भेज देगा. कहाँ कहाँ से भरती हो गए बैंक में? देखा, इधर को इशारा कर दिया. आ जाओ आ जाओ सुन्दरी हम आपके हर सवाल का जवाब देंगे अच्छी तरह से. घंटी बजाई और कैंटीन बॉय को बोले - अरे दो गिलास पानी ले आ ताड़ा ताड़ी बाद में दो कप चाय भी ले आना! पानी और सुन्दरी दोनों एक साथ ही आ गए केबिन में. 
- पहले मेमसाब को पानी दो भई लेडीज फर्स्ट!
- जी शुक्रिया, सुंदरी स्वीट सी मुस्कराहट लाकर बोली.
- हें हें हें! साब गदगद हो गए बोले,
- आदेश करें.
- लोन के बारे में पूछना था.
- क्यों नहीं. हम बैठे किसलिए हैं? पर पहले आप अपने बारे में बताइये.
- जी मैं उड़नखटोला एयरलाइन्स में काम .....
- ओहो मैं तो कई बार गया हूँ आपकी एयरलाइन्स से. कभी आपसे मुलाकात नहीं हुई? साब बीच में ही कूद पड़े.
- जी जनवरी में इस्तीफा दे दिया था.
- मैनेजमेंट ने आपको छोड़ दिया! कमाल है आपकी लुक्स आपकी पर्सनालिटी देखकर लगता है एयरलाइन्स घाटे में रहेगी. खैर और बताएं.
- अब प्लान बनाया है की लेदर गारमेंट्स एक्सपोर्ट करेंगे. सात लाख का किया भी है. 
- वाह अच्छा प्लान है हमारा भरपूर सपोर्ट मिलेगा आपको? आप करेंट अकाउंट खोल दें और कल आपकी शॉप या वर्कशॉप जो भी है देख लेता हूँ फिर आगे की कारवाई कर लेंगे. लीजिये चाय लीजिये.
- मैं चाय बहुत कम पीती हूँ.
- हें हें हें! यूँ समझ लीजिये कि आज बहुत कम वाला दिन है! लीजिये लीजिये. मैं आपके ऑफिस आउंगा तो आप क्या पिलाएंगी?
- जो आप कहेंगे. एयरलाइन्स की तरह पूरा इंतज़ाम है पर छोटे स्केल पे.
- हें हें हें! गोयल साब ने मन ही मन कहा हवाई सुन्दरी का काम तो करना ही पड़ेगा. बोले, कल शाम की विज़िट ठीक रहेगी?
- जी मैं गाड़ी भेज दूंगी.

शाम की विज़िट भी बढ़िया रही. कुछ सामान तैयार हो रहा था, पैकिंग हो रही थी और आर्डर बुक में आर्डर भी थे. हवाई सुन्दरी गजब की होस्टेस थी. हर चीज़ तरीके से दिखाई गई, बात भी बड़े सलीके से की गई और हाई टी भी शानदार रही. वापस रवाना हुए तो पिछली सीट पर दो स्कॉच की बोतलें, भुने काजू का पैकेट और एक लेदर की जैकेट भी पैक पड़ी थी. साब मुस्कुराए, 
- हें हें हें! चलो ड्राईवर.
अगले दिन वर्मा जी को बुलाया,
- वर्मा जी कल हवाई सुन्दरी का सेट-अप देख कर आया था सब ठीक है. कागज़ पूरे आ जाएँ तो लोन प्रपोज़ल बना देना. मैं ओके कर दूंगा.
- पर सर हवाई सुन्दरी को एक्सपोर्ट का अनुभव तो है नहीं?
- अरे वर्मा जी आपको लोन का अनुभव था जब बैंक में आए? काम तो आते आते ही आता है. दो चार बन्दे रख लेगी और क्या. एक बार हो आओ देख लो फिर अच्छी सी लिमिट बना देना. और महिला उद्यमी वाली स्टेटमेंट निल बटा निल जा रही है उस में रिपोर्ट कर देना. सुसरा हेड ऑफिस भी खुश हो जाएगा समझे. एक हमारी बीवी है जो ज़बान ही चला सकती है कोई बिज़नस नहीं चला सकती.
- सर अभी तो काम शुरू किया है हवाई सुन्दरी ने छोटा लोन कर देते हैं. 
- यहीं तो हिन्दुस्तान मात खा रहा है वर्मा. ज़रा ब्रॉड विज़न रखो, दूर की सोचो ये हवाई सुन्दरी कल को करोड़ों में खेलेगी. देश को डॉलर कमा के देगी. हम और आप तो कलम घिसते रहेंगे.
- सर आप तो रिटायर हो जाओगे जनवरी में मेरी तो अभी सर्विस काफी है इसलिए ख़तरा लगता है.
- वर्मा आप बहुत तरक्की करोगे. बस अपना दिल बड़ा कर लो. फार्मूला बता रहा हूँ लिख लो. हवा का रुख पहचानने की कोशिश किया करो. एक जेब में चार्जशीट लेकर डालते रहो और दूसरी में प्रमोशन लैटर. 
- अरे सर! 
- अरे वरे छोड़ो और हवाई सुन्दरी को मिलकर आओ. फिर बात करेंगे.

पंद्रह दिन बाद लोन हो गया. जब तक साब रिटायर नहीं हुए खाता सही चलता रहा. पर रिटायरमेंट के कुछ समय बाद खाता लड़खड़ाने लगा और फिर बैठ गया. याने एन पी ए. वसूली की कारवाई जारी है हालांकि रफ़्तार ढीलम ढाल है.

विश्वस्त सूत्रों से पता लगा है गोयल साब और हवाई सुन्दरी हवा हवाई हो गए हैं और कुछ दिनों पहले लन्दन में देखे गए हैं.
उड़नखटोला 
   

11 comments:

Harsh Wardhan Jog said...

http://jogharshwardhan.blogspot.com/2020/05/blog-post_4.html

दिलबागसिंह विर्क said...

आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 7.5.2020 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3694 में दिया जाएगा। आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी।

धन्यवाद

दिलबागसिंह विर्क

A.K.SAXENA said...

बहुत खूब। हवाई सुन्दरी का गुणगान बहुत मज़ेदार है। यही हाल बैंकों का है। Npa badhta ja raha hai पर पर्सनल इंटरेस्ट के आगे कोई कुछ नहीं देख रहा। लोग हवाई सुन्दरी को प्राथमिकता देना पसंद कर रहे हैं। धन्यवाद।

Harsh Wardhan Jog said...

धन्यवाद dilbag virk. चर्चा-3694 पर भी विजिट होगी.

Harsh Wardhan Jog said...

धन्यवाद A.K.Saxena. लैला प्यारी लैला का लोन प्यारा!

गगन शर्मा, कुछ अलग सा said...

मिलिभगतियों और पानी वाली भैंस का सदा से याराना रहा है

Harsh Wardhan Jog said...

गगन शर्मा, कुछ अलग सा - धन्यवाद!
आपने सही कहा.

रेणु said...

हर्ष जी गोयल और सुंदरी के विदेश पलायन के बाद साब की दुर्दशा सोचकर रोना आ गया 😔😔ये दुष्ट कब सुधरेंगे। कुछ हजार के उपहार में लाखों साफ करने वाले शातिर! रोचक और आँखें खोलने वाली प्रस्तुति👌👌🙏🙏🙏🙏

रेणु said...

आदरणीय हर्ष जी, अपने ब्लॉग की थीम बदलिये । ये खुलने में बहुत दिक्कत दे रही है।सादर🙏🙏

Harsh Wardhan Jog said...

ब्लॉग पर पधारने के लिए धन्यवाद रेणु.
कभी कभी ऐसा भी हो जाता है. दुनिया सरल और सीधी सीधी नहीं है.
थीम किसी से कह कर बदल्वाता हूँ. खुद नहीं कर पा रहा हूँ.

रेणु said...

हर्ष जी , अब कंप्यूटर में ब्लॉग सही दिख रहा है पर मोबाइल में खुलने में दिक्कत देता है | उसमें कई विकल्प दिखाई नहीं देते | फिर भी आप खुद देख भाल कर करवाएं | आपने पिक्चर विंडों थीम लगाई हुई है तो मैंने औसम इंक | मेरे क्षितिज और मीमांसा उसी में बने हैं | सादर --