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Wednesday, 13 May 2020

नाम में क्या रखा है

शेक्सपियर अंकल कह गए हैं कि नाम में क्या रखा है! गुलाब को चाहे किसी भी नाम से पुकारो पर खुशबू तो वही आएगी. लेकिन गुलाबी फूल का नाम तो कुछ रखना ही पड़ेगा इसलिए गुलाब ही ठीक है अब क्या बदलना. वैसे तो गुलाब के खुबसूरत फूल पर इंसानों के नाम भी हैं जैसे - गुलाब चन्द, गुलाब सिंह या फिर गुलाबो! पर इनमें से खुशबू किसकी बेहतर होगी ये कहना मुश्किल है. मेरा अंदाजा है की गुलाबो की बेहतर होगी. क्या कहते हैं आप?

गुलाब के नाम पर हिन्दुस्तान में एक शहर भी है - गुलाबी नगरी. ये तो आप जान गए होंगे कि इशारा राजस्थान की राजधानी की ओर है. एक और शब्द 'गंज' है जो पुराने शहरों में काफी सुनने को मिलता है. रूड़की में एक पुराना बाज़ार है बी टी गंज. बी और टी का मतलब बहुत से लोगों से पूछा केवल एक सज्जन से जवाब मिला ब्रिटिश ट्रेडर्स गंज. पता नहीं ये तीर है या तुक्का. कानपुर में देखा एक हूलागंज. हूलागंज के हूला का मतलब नहीं पता चला. शायद ऊ-ला-ला से बन गया हो हूला. वहां एक कलेक्टर गंज भी है शायद कलेक्टर साब के ऑफिस के आसपास होगा इसलिए नाम पड़ गया कलेक्टर गंज. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास एक गंज है पहाड़गंज. पहाड़ तो कहीं नज़र नहीं आता पर खैर पहाड़गंज के बोर्ड नज़र आ जाएंगे.

मेरठ में भी एक गंज है सोतीगंज. शायद कोई सुन्दरी सोती होगी वहां पर? लेकिन इस बात की पुख्ता जानकारी नहीं मिली. पुख्ता से मिलता जुलता नाम मेरठ के एक गाँव में जरूर देखा है 'पुट्ठा'. ये अच्छा सा खुशहाल गाँव पुट्ठा आपको मेरठ बाईपास पर मिलेगा जो राजमार्ग 58 याने दिल्ली - देहरादून रोड पर है.

और अगर आप देहरादून से पोंटा साहब जा रहे हों तो रास्ते में एक बोर्ड नज़र आएगा जिस पर गाँव का नाम लिखा हुआ है 'पुट्ठी'. जब हम गाड़ी से निकले तो श्रीमती ने बताया,
- देखो पीछे बोर्ड लगा था और गाँव का नाम लिखा था पुट्ठी. मेरठ में पुट्ठा गाँव था और यहाँ पुट्ठी!
तुरंत ब्रेक मारी, रिवर्स लगाया और फोटो लेनी ही पड़ी.
इस पर याने पुट्ठा और पुट्ठी पर काफी देर विचार विमर्श हुआ. लगभग दो सौ किमी का अंतर है दोनों गाँव में पर नाम जोड़ीदार जैसे हैं. क्या कारण रहा होगा? पर किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे.

आपको जानकारी हो तो जरा प्रकाश डालें.

गाँव पुट्ठी, देहरादून - पोंटा साहिब रोड पर 


गाँव पुट्ठा, मेरठ बाईपास NH 58 पर 



15 comments:

Harsh Wardhan Jog said...

http://jogharshwardhan.blogspot.com/2020/05/blog-post_13.html

pushpendra dwivedi said...

shabdon me khoobsoorat chitran

Meena Bhardwaj said...

बहुत रोचक पोस्ट.. वाकई अजब -गजब नाम कई बार देखने सुनने में आते हैं । "पहला गियर" पोस्ट भी अच्छी लगी . वहाँ mistake हो गई comment में...दुबारा प्रतिक्रिया के लिए विकल्प बंद हो गया सो दोनों प्रतिक्रियाएंं एक साथ देने के लिए क्षमा-प्रार्थी हूँ .

सुशील कुमार जोशी said...

नाम में रक्खा होता होगा तभी इलाहबाद प्रयागराज किया गया :) सुन्दर पोस्ट

Harsh Wardhan Jog said...

धन्यवाद Meena Bhardwaj. और भी कई नाम देखे हैं जैसलमेर जोधपुर के आसपास मसलन - बाप, चच्चा, नाचने वगैरा.
'पहला गियर' पोस्ट अच्छी लगी - धन्यवाद!
क्षमा वाली तो कोई बात नहीं है
आपका दिन शुभ हो

Harsh Wardhan Jog said...

धन्यवाद सुशिल कुमार जोशी जी.
नाम तो बदल दिया ना इतिहास बदला ना जुगराफिया. दिल बहल गया?

Harsh Wardhan Jog said...

धन्यवाद pushpendra dwivedi.

Harsh Wardhan Jog said...

धन्यवाद dilbag virk. चर्चा - 3701 में भी हाजिरी लगेगी.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

डॉ. सुशील जोशी की टिप्पणी पर अपनी सहमति व्यक्त करता हूँ।

मन की वीणा said...

रोचक।
पुठ्ठा पुठ्ठी में कालान्तर में कभी तलाक हो गया होगा और दोनों अलग वाह कर रहें हों।

विकास नैनवाल 'अंजान' said...

रोचक पोस्ट। कई बार ऐसे नाम दिख जाते हैं कि इन नामों का इतिहास जानने की इच्छा प्रबल सी हो जाती है। कई बार तो गाँव वालों को भी पता नहीं होता नाम का अर्थ। इन दोनों नामों के पीछे भी कोई न कोई कारण रहा होगा जिसे जानना रोचक होगा। वो एक अलग कहानी बन सकती है।आभार।

Harsh Wardhan Jog said...

धन्यवाद विकास नैनवाल 'अंजान'.
खोज बीन करने के लिए तो रुकना ही पड़ेगा जो मुश्किल भी है. हाँ फुर्सत में रिसर्च का मज़ा लिया जा सकता है.

Harsh Wardhan Jog said...

धन्यवाद मन की वीणा.
हो सकता है आप की बात ठीक हो!

रेणु said...

वाह👌👌👌 रोचल पोस्ट है हर्ष जी। गाव शहरों के अजब गजब नाम पे तो हमारे देश में ग्रंथ लिखा जा सकता है । मेरे गाव के पास तो कई गाव के नाम ऐसे हैं , मानों भाई बहन!!!!! जैसे ___ठरवा - ठरवी, खटाउला खतौली और तेपला तेपली इत्यादि। सुंदर, रोचक लेख 👌👌🙏🙏🙏

Harsh Wardhan Jog said...

धन्यवाद रेणु!
हाँ गाँव खेड़े के नाम अटपटे पर रोचक भी होते हैं. समय मिले तो आप इनके इतिहास की खोज करें.
इस तरह का मैंने भी देखा है - छपरौला - छपरौली.
आपका दिन शुभ हो.