Pages

Wednesday 22 August 2018

मानसून के बादल

भारत में मानसून बहुत बड़ी घटना है हालांकि हर साल ही मानसून घटित हो जाता है. पेड़ पौधे, किसान, सरकार, व्यापारी सभी को अच्छे दिन आने का बूस्टर लग जाता है. गर्मी से छुटकारे की उम्मीद से लोगों का मूड भी बदलने लग जाता है. वैसे तो उत्तर भारत में चार मौसम होते हैं गर्मी, बारिश, सर्दी और बसंत. पर देश के काफी बड़े हिस्से में याने विन्ध्याचल से नीचे सर्दी बहुत ही कम होती है, वहां तो तीन ही मौसम हैं - बारिश से पहले, बारिश और बारिश के बाद!

मानसून के जानकार बताते हैं की मई जून में जब भारतीय उपमहाद्वीप की धरती गरम हो जाती है तो हिन्द महासागर की और से ठंडी हवाएं उत्तर की और चल पड़ती हैं. कन्याकुमारी से हवा दो भागों में बंट जाती है. पश्चिम वाली हवा अरब सागर से भी पानी ले लेती है और पूरब वाली बंगाल की खाड़ी से. केरल में पहली बारिश पहली जून, मुंबई में दस जून और कोलकाता में सात जून के आसपास आती है.  मानसूनी बादल दिल्ली पहुंचते हैं तीस जून के आसपास और फिर सारे देश में फ़ैल जाते हैं.

ऐसा देखा गया है की बादलों की छटा और घटा नाज़ुक दिलों को बड़ा प्रभावित करती है और बरसात में तरह तरह की कविताओं, गीतों और कहानियों का भी जनम होने लगता है. कविता और गीत लिखने तो बड़े मुश्किल लगते हैं इसलिए फिलहाल मानसून पर हमारा ये फोटो ब्लॉग पेश है. भारत दर्शन के दौरान जगह जगह बादलों को कैमरे में बंद किया था उन में से कुछ को यहाँ बाहर निकाल दिया है:

अलेप्पी, केरल में अरब सागर तट. मानसून को अंग्रेजी में monsoon, पुर्तगाली में मोनसाओ और डच में मोनसन कहते हैं. इन सबका मूल शायद अरबी भाषा के मौसेम शब्द में है

नरेंद्र नगर, उत्तराखंड. नीचे नंदी और ऊपर बादल 

अरब सागर तट मुरुदेश्वर, कर्नाटक. मछुआरों का एक गाँव और ऊपर काले बादल  

नई टेहरी, उत्तराखंड. तैरते बादल  

नई टेहरी, उत्तराखंड. बादलों के झुरमुट से झांकता सूरज 

मैसूर महल पर मानसूनी बादल 

सुबाथू, हिमाचल में छाई काली घटा 

गुप्तकाशी, उत्तराखंड. बादल ऊपर उठने की तैयारी में  

माँ काली मंदिर, चैल, शिमला हिल्स. बादलों का जमावड़ा  

चांग ला, लद्दाख. मानसूनी हवा जितना भी जोर लगा ले पर हिमालय की बर्फीली चोटियों को नहीं पार कर पाती और अंत में बचा हुआ पानी यहीं बरसा जाती है  

नाशिक महाराष्ट्र. आसमान में मानसून की काली घटाएं 

चंबा, उत्तराखंड में धुंआधार बारिश 

सर्किट हाउस पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड. बारिश वाले बादल 

परवानू रोप वे हिमाचल. उड़नखटोले से ली बारिश की तस्वीर  

स्टेशन रोड दिल्ली कैंट में सुबह सुबह की बारिश का नज़ारा 




1 comment:

Harsh Wardhan Jog said...

लिंक - https://jogharshwardhan.blogspot.com/2018/08/blog-post_22.html