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Tuesday, 31 March 2020

गिनती 108 की

108 का आंकड़ा बड़ा रोचक और रहस्यमयी आंकड़ा है. इसे गणित में और बहुत सी धार्मिक मान्यताओं में काफी इस्तेमाल किया जाता है. जपने वाली माला ही लीजिये जिसमें 108 मनके होते हैं. इस तरह की माला हिन्दू, जैन, तिब्बती बौद्ध और जापान के ज़ेन बौद्ध के बहुत से अनुयायी इस्तेमाल करते हैं. 
* शरीर के साथ भी इस नंबर का सम्बन्ध गहरा बताया जाता है. ह्रदय चक्र से 108 नाड़ियाँ संचालित होती हैं. शरीर का तापमान अगर 108 डिग्री फारेनहाईट पहुँच जाए तो शरीर के सिस्टम फेल हो सकते हैं.
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प्राचीन ऋषि मुनियों के अनुसार आकाश में 27 नक्षत्र या तारा समूह हैं जैसे कि अश्विनी, रोहिणी,रेवती इत्यादि. प्रत्येक नक्षत्र के 4 चरण हैं. दोनों संख्याओं का गुणा करें तो 108 चरण हो जाते हैं.
* वैदिक ज्योतिष के अनुसार सौर मंडल में 9 ग्रह हैं जो एक समय चक्र पूरा करते हुए 12 राशियों से होकर गुज़रते हैं. तो यहाँ भी 9 x 12 से 108 की संख्या आ जाती है. 
* जन्मपत्री में 12 राशियों के 12 घर होते हैं. इन 12 घरों में 9 ग्रह स्थापित करने होते हैं. अर्थात हर एक ग्रह 12 बार सजाया जा सकता है. गिनती हुई 12 x 9 याने 108 तरीके से पत्री सजाई जा सकती है.
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अब अगर धरती, चंद्रमा और सूर्य का आपसी सम्बन्ध देखें तो वहां भी 108 का आंकड़ा दिखाई दे जाता है. सूर्य का व्यास पृथ्वी के व्यास का लगभग  108 गुणा है. पृथ्वी से सूर्य की दूरी सूर्य के व्यास की 108 गुना है. इसी तरह से पृथ्वी से चाँद की दूरी चाँद के व्यास की 108 गुना है. 
* जैन दर्शन में इस संख्या 108 की गणना कर्म के प्रवाह के सन्दर्भ इस तरह से बताई गई है. चित्त में धब्बे या आस्रव छा जाते हैं. ये 4 आस्रव हैं क्रोध, अभिमान, दम्भ और लालच. इन चारों के कारण हम 3 माध्यमों से क्रिया करते हैं - मन से , वाणी से और शरीर से. क्रिया के शुरूआती 3 चरण हैं - योजना, प्राप्ति(procurement) और प्रारंभ. फिर 3 तरह से योजना प्रभावी होती है - स्वयं करने से, करवाने से और समर्थन करने से. इन संख्याओं का गुणा करें - 4x3x3x3 तो 108 आ जाता है.
* बौद्ध दर्शन में 108 का अंक इस तरह से आता है. पांच  इन्द्रियों और एक चित्त मिला कर हुए 6. इन 6 द्वारों से मिलने वाली संवेदनाएं 3 प्रकार की भावनाएं लाती हैं - सुखद, दुखद या तटस्थ. ये भावनाएं 2 प्रकार से उत्पन्न हो सकती हैं - एक जो आतंरिक मन में उत्पन्न हुई हो और दूसरी जो बाहर घटित हुई हो. पुनः सुखद, दुखद और तटस्थ भावनाएं 3 कालों में विभाजित हैं - भूत, भविष्य और वर्तमान काल में. तो भावनाओं की गिनती हुई 6x3x2x3 अर्थात 108. 
* गणित में इस संख्या 108 हर्षद नम्बर कहलाता है क्यूंकि ये नम्बर अपनी ही संख्याओं के योग 1+ 0 + 8 याने 9 से  विभाजित किया जा सकता है. इसके अलावा 108 को 1, 2, 3, 4, 6, 9, 12, 18, 27, 36, 54 और 108 से भी विभाजित किया जा सकता है.  
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इस नंबर को ग्रीक में PH और रोमन में CVIII लिखा जाता है. 
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गणित में ये नंबर एक cardinal number, abundant number, semiperfect number और tetranacci number कहलाता है. 
है ना रोचक नंबर ! 

108 मनकों की माला 

Saturday, 21 March 2020

कर्फ्यू में दिनचर्या

इस रविवार जनता कर्फ्यू लगा दिया गया है. जाहिर है अब  बाहर जाना तो मुश्किल है. मुश्किल क्या नामुमकिन ही है. तो अब फिर यार दोस्तों की सन्डे की गप्प गोष्ठी तो ठप्प हो गई. अब सीनियर सिटिज़न घर में रहकर घरवाली से कितना बतिया लेंगे वो तो आप जानते ही हैं. चलिए कुछ तो करना ही है तो प्लान बनाते हैं.

पहले तो ये ससुरा कर्फ्यू होता क्या है इसका पता लगाया जाय. लीजिए साहब गूगल बाबा बताते हैं की कर्फ्यू शब्द फ्रेंच भाषा से लिया गया है याने - cuevrefeu. इसका शाब्दिक अर्थ है cover fire. कुछ ऐसा मतलब रहा होगा की 'हटो हटो रास्ता खाली करो आग बुझानी है'. कालान्तर में झगड़े फसाद में सड़कों को खाली कराने में इस्तेमाल होने लगा. 'चलो फूटो अपने अपने घर जाओ और सड़कें खाली करो'! देशों की आपसी लड़ाई में या हमलों में भी कर्फ्यू शब्द इस्तेमाल होने लगा. शायद पहली बार है की इस शब्द को महामारी से बचने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. पर मतलब तो वही है कि अपने घर में घुसे रहो बाहर नहीं निकलना है ख़बरदार. 

आजकल सरकारें कर्फ्यू का समय घोषित कर देती हैं. अमुक समय से तमुक समय तक घर में रहना वरना ...! फिर कर्फ्यू में ढील भी देती हैं और फिर कर्फ्यू खोल भी देती हैं ! ये कर्फ्यू रविवार का ही है और हमारे आपके और सबके लिए अच्छा ही है. कोरोना से बचने का आसान और अच्छा उपाय है. बुजुर्गों को कुछ ज्यादा ही बुरी नज़र से देखता है ये वायरस. लीजिये साब मोटा मोटी प्लान का ख़ाका बना लिया है जिसे मालकिन से पास करा लेता हूँ ताकि बाद में पंगा ना हो वर्ना हुक्का पानी बंद होने का ख़तरा रहता है :-

> प्रातः योगा क्लास 5.30 से 6.30 - योगा की चटाई और दरी पार्क में नहीं बल्कि ड्राइंग रूम  बिछाई जाएगी, 

भ्रामरी गुंजन 

> सुबह 7.30 से लेकर 9.30 तक किचन से लेकर डाइनिंग टेबल तक की सैर होगी. इसी दौरान चाय नाश्ता भी होगा,
> नाश्ते के बाद 9.30 से 10.30 तक ड्राइंग रूम और बेडरूम के बीच सैर की जाएगी,
> उसके बाद 2 बजे तक फेसबुक, ट्विटर, पुराने गाने और मोबाइल फोन पर बातचीत, फिर खाना और फिर पांच बजे तक विश्राम किया जाएगा,
> उसके बाद चाय वाय और तीनों बेडरूम की सैर की जाएगी 
> ताली, थाली, घंटी या घंटा बजाना नहीं समझ आया. डॉक्टर और नर्सों के अलावा बहुत से और लोग भी ड्यूटी पर होंगे उन सब को सलाम. शोर मचा कर क्यूँ पड़ोसियों को डिस्टर्ब करना है ? उसके बजाय मैडिटेशन में बैठना ठीक रहेगा. या फिर प्राचीन भारतीय दर्शन शास्त्र में से कुछ बांचा जाए 

मैडिटेशन 

> उसके बाद बेडरूम से लेकर डाइनिंग टेबल तक की परिक्रमा, फिर हल्का भोजन और शुभरात्रि.

आपका क्या प्लान है ? 






Friday, 6 March 2020

Non reliable

Tarun was sipping tea with occasional bites of samosa. He was narrating his experiences about his American neighbourhood,
- It is clean, green & lovable place. Just 20 minutes drive on broad road to office without any crossings. That's wot I love there. Big caaars, broad roads & big big houses!
- Yeah it is different here Tarun ji, said Chandra Saab reluctantly agreeing. 
- Different? I would say downright backward Mr Chandra, continued Tarun with American accent & rolling 'r'. Nevertheless this place also has beauty & I like the way Kamini expresses it. 
- Hmm, said Chandra Saab looking discreetly towards his daughter Kamini to see if she approves of the boy.
Before he could gauge the reaction of Kamini, Tarun interrupted,
- Mr Chandra I am staying in nearby five star hotel. Kamini can join me there for dinner. We would have chance to know each other better. I shall drop her back.
- I guess evening tea would be better Kamini? Chandra Saab asked his daughter.
- Yeah yeah yeah Mr Chandra I know I know. I understand the scene. Okay then its evening tea & not dinner.

Chandraa Saab was to retire from bank by the end of this year. He has two daughters both working in software companies & of marriagable age. He & his wife wished for at least one of the daughters gets married before retirement. There seems to be a good chance that this proposal gets through.

Next day Kamini had tea with Tarun & both seemed to be getting along well. Kamini indicated her consent to parents. Only question now was how to check status of boy & family. 

After the meeting for next two days there was no call or visit from Tarun. Chandra Saab did not want to call & asked Kamini to phone Tarun but Kamini said we ought to wait. On third day the hope dimmed. On fourth day Kamini checked with hotel & came to know that Tarun was in a nursing home. She immediatly took a cab picked up a bouquette on the way & reached nursing home. He looked a bit pale & worn out. 
- Oh so nice of you to come Kamini. I did inform parents in States but of course they may not be able to move that quickly. 
- You could have called us - me or papa.
- Its okay. Matter of a day or two more.
- What does doc say?
- Says take rest. Need not worry Kamini. May be they will discharge me tomorrow or day after. 
After a while a nurse came & Kamini got up to leave. Nurse requested her to wait for a while & then took her to Doc.
- Are you related to Tarun?, enquired doctor. 
- No.
- Any of his relations here in the town?
- No I am not aware of any.
- Can you stay here or visit him regularly? Or any of your family members?
- No. What's the matter?
- See he already has a stent installed. We are watching his parameteres closely for operation if need be. His parents may not come from US so perhaps you could help.
  
For next ten days one or the other family members of Chandra Saab were in nursing home. Health of Tarun improved & two weeks later he left for US.

Indian conditions apply
Tarun continues to drive in a big car on broad roads of US but is still in search of Indian bride. For Chandra family he continues to be Non Reliable as in NR-I.