कहा जाता है की 1492 में अक्टूबर के दूसरे सोमवार को कोलंबस अमरीकी महाद्वीप पहुंचा और इसीलिए उत्तरी और दक्षिणी अमरीकी देशों में ये दिन कोलम्बस दिवस के रूप में मनाया जाता है. वैसे निकला तो था वो ईस्ट इंडीज याने भारत की तरफ पर जा पहुंचा उलटी दिशा में वेस्ट इंडीज.
बहुत सी जगहों पर इस कोलम्बस दिवस का विरोध भी होता है क्यूंकि इस 'खोज' की वजह से मूल निवासियों की भाषा, उनका धर्म और संस्कृति का सफाया हो गया. तलवार के जोर पर धर्म परिवर्तन हुआ और गुलामों की तरह उनकी खरीद फरोख्त होने लग गई. अगर वह भारत पहुँचता तो भी शायद यही होना था?
भारत की खोज फिरंगियों द्वारा फिर भी जारी रही. यूरोप से धरती पर से पैदल या घुड़सवारी कर के पहुंचना बहुत समय लेता और साथ ही जोखिम भरा भी था. समुद्री रास्ता खोजा वास्को द गामा ने 1498 में. वह अपने लाव लश्कर के साथ 20 मई 1498 को कालीकट में कप्पड़ या कप्पाकद्वु नामक स्थान पर उतरा. हालांकि अरब सौदागर तो सन 1000 के आस पास आना शुरू हो गए थे. अरब व्यापारियों के अलावा चीनी, यहूदी और रोमन लोग भी मसालों के व्यापार के लिए आते थे पर संख्या में कम थे और व्यापार तक ही सीमित थे. फिरंगियों की नीयत कुछ और ही थी.
वास्को द गामा एक योद्धा, नोसैनिक और इसाई धर्म रक्षक भी था. उसने तीन बार केरल तट की यात्रा की. हर बार मूर और अरब व्यापारियों के जहाज़ों पर हमले किये और लूट पाट की. कालीकट के राजा समुदिरी से भी लड़ाई की और बेहतर बंदूकों और तोपों के वजह से जीत हासिल की. कुछ ही सालों में व्यापार अरबी भाषा के बदले टूटी फूटी पुर्तगाली भाषा में शुरू हो गया. यहीं से पुर्तगालियों ने एक ओर गोवा की तरफ और दूसरी ओर मलेशिया / इंडोनेशिया की तरफ जहाज बढ़ाने शुरू कर दिए.
इन दोनों घटनाओं का विश्व पर क्या प्रभाव या दुष्प्रभाव पड़ा इसका अंदाजा इस बात से लग सकता कि आज दुनिया में कोलंबस की स्पेनिश भाषा बोलने वाले लोग 41 करोड़ से अधिक हैं. साथ ही वास्को द गामा की भाषा पुर्तगाली 20 करोड़ से ज्यादा लोग बोलते हैं. और अगर अंग्रेजी की बात करें तो अंग्रेजी भाषा 33 करोड़ से ज्यादा लोगों द्वारा बोली जाती है. विश्व में स्पेनिश भाषा का दूसरा स्थान है, अंग्रेजी का तीसरा और पुर्तगाली का छठा (आंकड़े Ethologue 2014 से) है. और अगर जनसँख्या देखें तो ग्रेट ब्रिटेन 6.1 करोड़ + है, स्पेन की 4.4 करोड़ + है, और पुर्तगाल की 1करोड़ + है.
वास्को द गामा के आने के बाद तो यूरोप में कई व्यापारी कम्पनियों बन गई जो बाद में बहुत से देशों की गुलामी का कारण भी बनीं :
- ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी बनी 1600 में,
- डच ईस्ट इंडिया कंपनी बनी 1602 में,
- फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी बनी 1664 में और
- स्वीडिश ईस्ट इंडिया कंपनी बनी 1731 में.
और अभी तक फिरंगी खोजें जारी हैं और माफ़ कीजिये कुछ हद तक हमारी मानसिक गुलामी भी. मसलन फिरंगी हमें बताते हैं की योग करने से आप स्वस्थ रहेंगे, गौतम बुद्ध की मैडिटेशन विधि वाकई असरदार है, नीम, पीपल, तुलसी में गुण हैं, कपास का बीज कौन सा लगाना है, बैंक कैसे चलाने हैं, कौन सी फेस क्रीम लगानी चाहिये, प्रजातंत्र कैसे चलाना है वगैरा. और हमें लगता है की गोरे फिरंगी ठीक ही कह रहे होंगे!
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वास्को द गामा का स्मारक - कप्पड़, कालीकट जहां वह 20 मई 1498 को उतरा था |