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Friday 2 October 2015

मिन्द्रोल्लिंग बौद्ध विहार, देहरादून

देहरादून की भीड़ भाड़ से थोडा सा दूर एक शांत जगह है क्लेमेंट टाउन जहाँ काफी संख्या में तिब्बती शरणार्थी रहते हैं. यहाँ एक गेलुग बौद्ध मठ है और उसके पास ही दूसरा पर बड़ा मठ है मिन्द्रोल्लिंग मठ. इनके तिब्बती शैली के भवन, स्तूप और गोम्पा बड़े ही सुंदर लगते हैं. यहाँ धार्मिक शिक्षा, पूजा के मंदिर और भिक्षुओं के रहने के स्थान हैं.

तिब्बती भाषा में मिन्द्रोल्लिंग - mindrolling- शब्द का अर्थ है place of perfect emancipation याने पूर्ण मुक्ति का स्थान. पहला मिन्द्रोल्लिंग मठ 1676 में तिब्बत में स्थापित किया गया था. देहरादून में छठा मिन्द्रोल्लिंग मठ है जिसकी शुरुआत 1965 में की गई थी. इससे पहले 1959 में चीन तिब्बत में घुसपैठ कर गया था और मठ के लोगों को वहां से भागना पड़ा था. मिन्द्रोल्लिंग मठ बौध दर्शन के वज्रयान या तांत्रिक बौध धर्म का पालन करता है.
प्रस्तुत हैं कुछ फोटो:

मिन्द्रोल्लिंग गोम्पा - सुंदर और शांत 

65 मीटर उंचा विश्व शांति स्तूप. दुनिया के सबसे ऊँचे स्तूपों में से एक  

गौतम बुद्ध का देवलोक से पृथ्वी पर आगमन 

ज्ञान की देवी मंजुश्री ( जिन्हें हम सरस्वती के नाम से जानते हैं ) 

स्तूप और उससे जुड़ी मान्यताएं

103 फीट ऊँची शाक्यमुनि बुद्ध की मूर्ति  



1 comment:

Harsh Wardhan Jog said...

लिंक - https://jogharshwardhan.blogspot.com/2015/09/blog-post_59.html