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Wednesday 31 January 2018

चेयरमैन

बैंक की ओर गाड़ी चल पड़ी और पिछली सीट पर बैठे चंद्रा साब ने अखबार उठा लिया. पर उठा कर अनमने मन से वापिस रख दिया. कई तरह के विचार मन में दौड़ रहे थे. इंटरव्यू अच्छा हुआ था. सिफारिश भी पहुँच गई थी और चांसेस 50:50 लग रहे थे. बस आज या कल की बात थी लाटरी खुलने में. आधे घंटे का रास्ता था घर से बैंक का और रास्ते में जितने भी मंदिर, गुरद्वारे, पीर नज़र आये सबको मन ही मन नमस्कार करते जा रहे थे. क्या पता किसका आशीर्वाद काम कर जाए.

लिफ्ट लेकर कब अपने केबिन में पहुँच गए ये ध्यान ही नहीं रहा. स्टेनो ने 'गुड मोर्निंग सर' बोला तो जवाब में मुंडी हिला दी. केबिन में बड़े टेबल पर शीशा बिछा हुआ था. शीशे के नीचे रखी एक छोटी सी मंदिर की तस्वीर थी उसे तीन बार नमस्कार किया और सिंहासन पर बिराजमान हो गए. स्टेनो को चाय भिजवाने को बोला और फाइलों में से एक उठा ली. किसी कंपनी का लोन था और उसे तीन महीने के लिए ओवरड्राफ्ट चाहिये था. साले ने माँगा भी तो क्या माँगा कहकर दस्तखत किये और चेयरमैन की तरफ भेज दी. दूसरी फाइल देखनी शुरू कर दी तब तक चाय आ गई. चाय का एक सिप लिया तो तब तक मोबाइल बज गया, कोई नया नंबर था.
- हेल्लो
- चंद्रा साब?
- जी.
- वित्त मंत्रालय से मंत्री जी का पी ए बोल रहा हूँ.
- जी जी. आदेश करें. ( मन में ठंडी हवा का झोंका सा आया. मुस्कराहट एक कान से दूसरे कान तक फ़ैल गई. बाएँ हाथ में मोबाइल था दाहिने हाथ से मंदिर को फिर से तीन बार नमस्कार किया. पेंसिल हाथ में उठा ली और छोटा पैड पास में सरका लिया शायद कुछ लिखना न पड़ जाए ).
- मंत्री जी ने याद किया है आप पौने बारह बजे आ जाएं. ठीक है सर?
- ठीक है जी. बहुत बहुत धन्यवाद.

चंद्रा साब के मन में उल्लास भर गया. सिर झुका कर मंदिर को फिर से तीन बार नमस्कार किया. दो मिनट का मौन रख कर हालात के जायज़ा लिया. बैंक के बारे में मंत्री जी कुछ पूछ लें इसकी भी मन ही मन तैयारी कर ली. आगे के लिए कहाँ भेजा जाएगा उसका जवाब भी तैयार कर लिया. फिलहाल जाने से पहले फूलों का एक बुक्के तो ले ही जाता हूँ एक कोई गिफ्ट? क्या गिफ्ट? टाइम भी नहीं है बाज़ार जाने का. हाँ गोल्डन पेन कनाट प्लेस में मिल जाएगा. चलो फिलहाल यही सही. अब पहले प्रीति को बताऊँ?
- हेल्लो प्रीति लगता है काम बन गया. किसी से अभी जिकर नहीं करना. अभी मंत्री जी ने बुलाया है मैं मिलने जा रहा हूँ. बाय.
सीट छोड़ चंद्रा साब बाहर निकले और सीधा चेयरमैन के केबिन में घुस गए. हाथ जोड़ कर साष्टांग दण्डवत की और आशीर्वाद माँगा.
- अच्छा अच्छा तो काम बन गया लगता है. ठीक है वहां से वापिस आओ तभी कुछ पार्टी शार्टी करते हैं. गुड लक.

स्टेनो को बोला गाड़ी बुलवा लो जाना है. कनाट प्लेस से गोल्डन पेन का एक सेट लिया और एक छोटा बुक्के बनवाया. ठीक टाइम से मंत्री जी के दफ्तर में हाजिरी लगा दी. पौने बारह दरवाजा खोला और मंत्री जी के घुटनों में हाथ लगाया, गुलदस्ता दिया और पेन सेट टेबल पर रख दिया. मंत्री जी ने देखा भी नहीं.
- अरे चंद्रा तुम्हारे काम के बारे में सुना है ठीक है. मैंने सोचा प्रोमोट कर के और काम लाद दिया जाए.
- हें हें हें सर जैसा भी आदेश करें सर हम तो तैयार हैं.
- मेरे से कोई बात कहनी हो या मैंने कुछ कहना होगा तो मैं सतीश को बता दूंगा. उसका मोबाइल नोट कर लो एकाध दिन में तुमसे मिल लेगा. पब्लिक में मंत्रालय के काम की तारीफ़ करते रहना और देखना कोई हड़ताल वगैरा ना होने देना. चिठ्ठी तुम्हें ये लोग तुम्हारे ऑफिस फैक्स वैक्स कर देंगे. जाओ.
- जी सर, जी सर. चन्द्रा साब ने तुरंत साष्टांग कर दिया और बाहर आ गए. पी ए को नमस्कार किया हाथ मिलाया. पी ए ने बधाई दी और बोला,
- बधाई हो चंद्रा साब मेट्रो बैंक के मालिक हो गए आप. हमारा भी ख़याल रखियेगा.
- हें हें हें. आपकी मेहरबानी है जी. लैटर तो शाम तक भेज ही देंगे?
- लैटर तो तैयार है सर. आप एक कप चाय लो हमारे साथ तब तक फैक्स और मेल आपके पुराने बैंक, नए बैंक और दूसरे विभागों में अभी कराता हूँ. आप भी जाने से पहले बैंकिंग विभाग में मिलकर जाइए. कुछ ब्रीफिंग करेंगे.
- बिलकुल ठीक मैं सचिव साब को फ़ोन कर लूँगा फिलहाल ऑफिशियल कारवाई हो जाने दीजिये. और अभी तो आप चाय मंगा रहे हैं तो पी कर ही जाऊँगा.

वापसी में पहला काम तो ये नोट कर लिया कि पी ए के घर मिठाई भेजनी है दूसरे प्रीति को कह दिया की मुम्बई की तैयारी कर ले. अगला फोन अपने चेयरमैन को मिलाया,
- हेल्लो सर!
- हाँ भई चंद्रा चेयरमैन मुम्बई जा रहे हो! मुबारक. फैक्स आ गया है आपका और आप भी आ जाओ तो पार्टी करते हैं.
पार्टियों का तो तांता ही लग गया. जैसे जैसे खबर फैली पुराने नए बैंकर साथियों, दोस्तों और रिश्तेदारों के लगातार फोन और मेसेज आने लग गए. यूनियन के और अफसरों के नेता भी मिलने आ गए.
- आपका तो काम होना ही था सर!
- बिलकुल सर पर हम आपको मिस करेंगे सर.
- आपके साथ तो दिल खोल के बात कर लेते थे.
- मेहनती ऑफिसर हो सर आप. याद करेंगे आपको.
- गुड लक सर.
बैंकिंग विभाग में मुलाकात कर ली. बहुत सी बातें पता लगीं और साथ साथ ही अपनी रणनीति तैयार करने लगे.

चंद्रा साब ने हें हें हें करके पार्टियों में मिले गिफ्ट समेटे और सबका धन्यवाद किया. नए बैंक के जनरल मेनेजरों के भी फोन आये. चन्द्र साब ने उनसे पिछले साल की बैलेंस शीट मंगवा ली ताकि जाने से पहले हालात समझ लें. कुछ ब्रीफिंग बैंकिंग विभाग में हो गई थी. उन्हें फैक्स करवा दिया की सोमवार को ज्वाइन करेंगे. पांच सितारे में कमरा बुक हो गया, गाड़ी बुक हो गई. इधर सामान भी बुक हो गया. और सोमवार से चंद्रा साब मेट्रो बैंक के नए चेयरमैन बन गए.

चेयरमैन के लिए गुलदस्ता



   

1 comment:

Harsh Wardhan Jog said...

https://jogharshwardhan.blogspot.com/2018/01/blog-post_31.html