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Wednesday 22 June 2016

ज़ेबरे

सगाई पांच सितारा होटल में थी इसलिए तैयारी भी उसके मुकाबले की चल रही थी. बहुत सारे सवाल जवाब साथ साथ चल रहे थे. कमरे के एक कोने से आवाज़ आ रही थी,
- सूट ये वाला चलेगा या काला वाला ?
- शर्ट नीली है तो टाई भी नीली चलेगी या लाल ?
कमरे के दूसरे कोने से दूसरी आवाज़ आ रही थी,
- अरे सूट काला हो या पीला कौन देखता है. छोड़ो उसे. पहले यहाँ आओ और ये साड़ी की फाल पकड़ो नीचे से. अरे नीचे बैठ कर पकड़ो. हाँ ऐसे. तुम्हारे तैयार होने में पांच मिनट लगने हैं. मेरे बाद तैयार होना. काले पर्स में परफ्यूम की छोटी शीशी है वो भी पकड़ा दो. अभी यहीं रुकना भागना नहीं.
- अरे रेरे कहीं नहीं जा रहा यार. अभी तो कह रही हो कौन कपड़े देखता है वापिस आकर कहोगी जी एम साब की टाई ज्यादा अच्छी लग रही थी. अब जाऊं या यहीं खड़ा रहूँ?
- रुको ना प्लीज बस पांच मिनट की तो बात है. वो पतले दांत वाली काली कंघी पकड़ा दो प्लीज.
- ये लो. पर मेरे सूट का रंग तो बता दो तब तक. टाई मैं खुद ही सलेक्ट कर लूँगा.
- ज़रा पेशेंस नहीं है ज़रा भी. लिफाफा बना लिया?
- लिफाफा ये पड़ा और ये पड़े पैसे. कितने डालने हैं - 1100, 2100 या 2500 ?
- ये भी बताना पड़ेगा ? 2100 डाल दो और कुछ लिफाफे और भी रख लो. कोई मिल ही जाता है.
- किसने मिलना है जी ? बॉस ने ज्यादा लोगों को नहीं बुलाया है तुम्हें पता तो है उसका. वैसे लिफाफे गाड़ी में भी पड़े हैं. तुम्हारे पर्स में रख दूं ?
- पहले ये कंघी और परफ्यूम वापिस रख दो ठीक से. लिफाफे मेरे पास भी हैं. मुझे पता है तुमने तो ड्रिंक्स देखते ही खिसक जाना है और पता भी नहीं लगने देना कहाँ हो.
- यार अब तो एक ही पेग रह गया है वो भी अमावस जैसी काली रातों में. आज टंगड़ी भी पता नहीं मिलेगी या नहीं. अब मुझे फ्री करो तो मैं भी तैयार हो जाऊं.
- मैंने कब रोका है ? फ़टाफ़ट रेडी हो जाओ टाइम हो गया है. मैं तब तक ताले लगाती हूँ.
- मुझे लेकर चलना, ताला न लगा देना.

- लो अपनी कार का हाल देखो आज सफाई वाला नहीं आया था क्या ?
- आया था सुबह. पर दिल्ली की धूल मिट्टी को कोई रोक सकता है ? कितने मंत्री आए और आँखों में धूल डालकर चले गये, दिल्ली ना सुधरी. बैठो और साड़ी संभाल लेना हैं जी, दरवाज़े के बाहर ना निकली रहे.
- मर्दों के कपड़े कितने अच्छे हैं फ़टाफ़ट तैयार और चुस्ती वाले. हमारे तो हवा में ही उड़ते रहते हैं. साड़ी का पल्लू सँभालते रहो या फिर दुपट्टा.
- मर्द भी तो अच्छे होते हैं चुस्त और हैंडसम !
- आगे देखो आगे. सिग्नल आने वाला है. तुम्हारे बॉस ने बेटे की सगाई बड़ी जल्दी कर दी नहीं ? अभी तो नौकरी लगी है लड़के की.
- अरे यार इसी साल रिटायर हो रहा टकलू. जरा कलेक्शन अच्छी हो जाएगी है ना. उसकी धन्नो अभी सिंगापुर हो कर आई है बेटे के पास. वहीं कुछ चक्कर चला दिया होगा उसने.
- तुम तो कानपुर भी नहीं ले जाते और वो धन्नो सिंगापुर भी हो आई है. और सिंगापुर में रिश्ता भी कर आई है. इस बार ऐसी जगह चलो जिसका उसे नाम भी ना पता हो. चाहे वो जगह उसकी पिछली गली में ही क्यूँ ना हो.
- चलो चलो. होनोलुलु है, टिम्बकटू है, झुमरी तल्लैय्या है .....
- ये नहीं कोई मुश्किल सा नाम बताओ जिसकी स्पेल्लिंग भी धन्नो को ना आती हो. इस धन्नो की अकड़ मुझे बिलकुल पसंद नहीं आती.
- हाहाहा ओके ओके. सेरेंघेटी कैसा रहेगा. टीवी पर देखा होगा वो जहाँ ज़ेबरे दौड़ते रहते हैं ? कभी मगरमच्छ उन्हें खा जाता है और कभी चीता शिकार कर लेता है. अच्छा चलो तुम उतरो और लॉबी में बैठो मैं गाड़ी पार्किंग में लगा कर आता हूँ फिर इकट्ठे चलेंगे.
- गाड़ी ठीक से बंद कर देना.

अगले दिन :

- हेल्लो सर गुड मोर्निंग. मैं जी एम साब की पी ए बोल रही हूँ. साब बात करेंगे अभी लाइन देती हूँ.
- गुड मोर्निंग सर. मैं बस फोन करने ही वाला था आपको. रात की पार्टी बहुत अच्छी रही सर. खाना वाकई बढ़िया था सर और कॉकटेल भी एनजॉय की सर.
- ठीक रही पार्टी ? थैंक्यू डीयर. अच्छा ये बताओ ये सिरपटी या सिरगटी कहाँ है ? जहां ज़ेबरे वगैरा दौड़ते रहते हैं ?

सगाई की पार्टी 


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