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Sunday 22 November 2015

Hawa Mahal, Jaipur

Pink City was established by Maharaja Jai Singh II. The construction started on 18 November 1727 & was completed in four years. Most of the construction of walls, ramparts, shops & other buildings is in pink or reddish sand stone & hence the name Pink City. Another anecdote about the colour of city is that in 1878 Prince of Wales visited Jaipur when the city was painted pink all over.

The Pink City has an fortified enclosure having seven huge strong gates. It is spread over large nine rectangular blocks two of which were retained for palace, gardens & administrative buildings and rest seven blocks were allocated to the general public.

In 1799 five story high Hawa Mahal was added to the Palace complex during the reign of Maharaja Sawai Pratap Singh. It was designed by Lal Chand to facilitate royal family members to watch processions & street scenes without being seen as they had to maintain purdah. Some photos:

Hawa Mahal 

Rear view from first floor

View of Pink City from a Jharokha. 

View of the street below

View from the top

Back side of Hawa Mahal



Friday 6 November 2015

मणिपुर और इरोम शर्मिला

इन दिनों मणिपुर की एक महिला इरोम चानू शर्मिला पर कई लेख प्रकाशित हुए हैं. शर्मिला पिछले 15 बरसों से भूख हड़ताल पर हैं. इतनी लम्बी भूख हड़ताल ? एक महिला द्वारा ? किसलिए ?

आम तौर पर उत्तर-पूर्व भारत की खबर दिल्ली में कम ही मायने रखती है क्यूंकि दिल्ली के मसले और ही हैं. इस मसले पर इन्टरनेट में खोजबीन की तो पाया कि मसला राजनैतिक भी है, सामाजिक भी है, स्ट्रेटेजिक भी है और मानवीय भी है. इस मसले का हल कब निकलेगा पता नहीं. जो भी जानकारी मिली संक्षेप में इस प्रकार है :

भारत के उत्तर-पूर्व में एक छोटा सा पहाड़ी राज्य है मणिपुर जिसकी राजधानी इम्फाल है. इस पहाड़ी राज्य में 9 जिले हैं और इसकी आबादी लगभग 28.56 लाख है. आबादी का 42% भाग हिन्दू हैं, लगभग इतना ही भाग ईसाईयों का है और लगभग 9% सनमाही (स्थानीय आदिवासी धर्म) हैं. इनके अलावा मणिपुर में मुस्लिम, बौद्ध, जैन और सिक्ख भी हैं.

* मणिपुर में मेइतिलोन या मणिपुरी भाषा बोली जाती जो संविधान में राष्ट्रीय भाषा के तौर पर दर्ज है. इसके अलावा बांग्ला और असमिया भाषा भी प्रचलित हैं.

* मणिपुर एक संवेदनशील राज्य है जो बर्मा, असम, मिजोरम और नागालैंड से घिरा हुआ है जैसा की आप नक़्शे में देख सकते हैं. मणिपुर 22,300 वर्ग किमी पहाड़ी इलाके में फैला हुआ है. सालाना बारिश करीब 65 इंच तक हो जाती है जिसके कारण यहाँ भरपूर हरियाली है. इसी बारिश के चलते पेड़-पौधों और पशु-पक्षियों में बहुत विविधता है. सालाना तापमान 32 डिग्री से शुन्य डिग्री तक हो सकता है. यहाँ की मुख्य नदियाँ इम्फाल और बराक हैं.

* मणिपुर की प्रमुख जनजातियाँ (ट्राइब्स) हैं मीतइ जो ज्यादातर घाटियों में रहते हैं, नागा और कुकी-चिन जो पहाड़ी इलाको में रहते हैं. इन जनजातियों की 50 से भी ज्यादा उप-जनजातियाँ बताई जाती हैं.

* इस क्षेत्र का दक्षिण-पूर्व एशिया से भी पुराना सम्बन्ध रहा है. और अभी जो भारत - बर्मा - थाईलैंड सड़क चालू की गई है वो भी मणिपुर से ही होकर जाती है. हो सकता है इस सड़क का प्रयोग बढ़ने से यहाँ रोज़गार और व्यापार के अवसर खुलें.

* मणिपुर विभिन्न राजाओं के अंतर्गत एक स्वतंत्र राज रहा है. सन 33 से मणिपुर में राजे रजवाड़े राज करते चले आ रहे हैं. कुछ समय के लिए 1819 - 1825 यहाँ बर्मी राजाओं का भी कब्ज़ा रहा है. सन 1891 में यहाँ फिरंगियों का राज आ गया.

* द्वितीय विश्व युद्ध में जापानी सेना ने इम्फाल कब्जाने की कोशिश की पर वे सफल नहीं हो पाए.
 
* विश्व युद्ध के बाद मणिपुर में राजा के अंतर्गत लोकतंत्र चलाने के लिए Manipur Constitution Act 1947 बना. 1949 में महाराज भोज चन्द्र ने भारत में शामिल होने का निर्णय लिया और मणिपुर अक्टूबर 1949 में भारत गणराज्य में विधिवत शामिल हो गया.

* 1956 में मणिपुर को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया.

* 1964 में यहाँ एक ग्रुप बना UNLF जिसका उद्देश्य था मणिपुर को स्वतंत्र देश बनाना. बाद में इस तरह के बहुत से ग्रुप बन गए. कई ग्रुप आपस में भी लड़ते हैं. बर्मा, बांग्लादेश और चीन नजदीक होने के कारण स्थिति और विषम है. हथियार और ड्रग्स की तस्करी भी चलती है. पहाड़ियां, घने जंगल और विकास का अभाव भी विषमता बढ़ा रहे हैं.

* 1972 में मणिपुर को पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया गया.

* 1980 में मणिपुर राज्य में अफ्स्पा या AFSPA (Armed Forces (Special Powers) Act, 1958) लगा दिया गया. इस एक्ट के अनुसार शक की स्थिति में भी किसी के भी घर की तलाशी बिना वारंट के ली जा सकती है और जरूरी हो तो भरपूर बल प्रयोग भी किया जा सकता है. यही क़ानून जम्मू कश्मीर में भी लागू है.


* 2 नवम्बर 2000 को इम्फाल में एक बस स्टैंड पर खड़े लोगों पर असम राइफल्स के जवानों ने गोली चला दी. दस लोग मारे गए और वहाँ की जनता में काफी रोष फैल गया.

* 4 नवम्बर 2000 को इरोम चानू शर्मिला अनशन पर बैठ गईं और उनकी माँग थी की सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम 1958, (AFSPA) को हटाया जाए. पर अब तक एक्ट नहीं हटाया गया और शर्मिला भी भूख हड़ताल से नहीं हटी. उस वक्त वे 28 वर्ष की थीं और अब भूख हड़ताल को 15 साल गुजर चुके हैं.

* शर्मिला पर आत्महत्या का मुक़दमा भी चला. कई बार छोड़ कर तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया. खाना ना खाने की एवज़ में नाक पर नलकी द्वारा तरल खाना दिया जा रहा है. और गिरफ्तारी भी जारी है. धीरे धीरे 'Iron Women' शर्मिला का नाम पूरे विश्व में फ़ैल गया है.

* 2013 में बीबीसी हिंदी को दिए गए एक इंटरव्यू में शर्मिला ने कहा-
"मैं अब शादी करना चाहती हूँ. एक बार मेरा मकसद हासिल हो जाए, तो मैं डेस्मंड के साथ पति-पत्नी के रिश्ते में रहना चाहती हूँ."

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इरोम चानू शर्मिला (फोटो deccanchronicle.com से साभार) 



Happy cracker free Diwali - 4


Hawa Mahal, Jaipur