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Friday 25 September 2015

गाँव की सड़क पर

पिछले दिनों देहरादून से दिल्ली वापिस आते हुए रूड़की बाईपास से शार्टकट मार दिया. पुन्हाना से झबरेड़ा होते हुए गुरुकुल नारसन और दिल्ली रोड याने NH - 58 पर जा पहुंचे. सुबह लगभग सात बजे का समय था और हलका सा कोहरा था. सड़क के दोनों ओर ऊँचे ऊँचे युकलिपटस के पेड़, हरे भरे खेत और पोपलर के पेड़ों की कतारें सुंदर लग रहीं थीं. पर हिन्दुस्तानी सड़क बिना ब्रेकर और गड्ढों के नहीं होती और इस पर भी खूब थे. सभी फोटो चलती गाड़ी में से iPad पर ली गई हैं. 

सुहाना सफ़र 
पोपलर पेड़ों के कटे हुए तने फैक्ट्री की ओर

किसान और बैल का काम 24X7 चालू रहता है 

चलो काम पर 
गाड़ी धीरे हांकनी पड़ती है गाँव की सड़क पर. फावड़े वाला भाई बिना इशारा दिए साइकिल से कूद गया 

ग्रामीण यातायात का टिकाऊ और सस्ता साधन 

चलो काम पर 



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